स्वास्थ्य मंत्री ने PNDT मीटिंग लेने से किया इंकार, बैरंग लौटे अफसर

punjabkesari.in Friday, Sep 23, 2016 - 01:03 PM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल/पांडेय): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ड्रीम प्रोजैक्ट ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की सफलता के लिए प्रदेशभर में अल्ट्रासाऊंड सैंटरों पर हो रही छापामारी पर खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विज ने इस कार्यक्रम को चलाने वाले एक बड़े अफसर पर अपरोक्ष तौर से निशाना साधते हुए दो-टूक कहा कि पी.एन.डी.टी. की आड़ में जमकर वसूली की जा रही है। विज यही नहीं रुके, उन्होंने पी.एन.डी.टी. की मीटिंग के लिए आए अफसरों को बैरंग वापस कर दिया। विज ने कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्री जरूर हैं, लेकिन पी.एन.डी.टी. के मामले जो देखता है वही मीटिंग लेगा। विज ने कहा कि उनका इस मीटिंग से कोई सरोकार नहीं है। विज के बहिष्कार किए जाने के कारण आज पी.एन.डी.टी. की मीटिंग नहीं हो सकी।

गौरतलब है कि हरियाणा में खट्टर सरकार आने के बाद बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत की थी। योजना का मकसद हरियाणा में घटते लिंगानुपात को पटरी पर लाना है। इसके लिए प्रदेश भर प्रसव पूर्व लिंग का पता लगाने वाले अल्ट्रासाऊंड सैंटरों के खिलाफ सख्ती की जा रही है। जिसमें पी.एन.डी.टी. एक्ट की उल्लंघना करने वाले दर्जनों अल्ट्रासाऊंड सैंटर चलाने वाले डाक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

स्वास्थ्य विभाग की इस मुहिम का असर यह हुआ कि विभाग के कर्मचारी ब्लैकमेलिंग करने लगे। कर्मचारियों की कई शिकायतें भी स्वास्थ्य मंत्री के पास पहुंची। बीते विधानसभा सत्र में भाजपा के एक ही विधायक उमेश अग्रवाल ने अल्ट्रासाऊंड सैंटरों पर छापामारी मामले को सदन में रखा था। विधायक ने कहा था कि स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी और कर्मचारी अल्ट्रासाऊंड सैंटरों से वसूली कर रहे हैं। विधायक की इस शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्री विज ने जांच का आश्वासन भी दिया था।

विज की तल्खी से अफसर हैरान
वीरवार दोपहर को पी.एन.डी.टी. की मीटिंग के लिए सचिवालय स्थित स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के दफ्तर में पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को उस समय हैरानी हुई जब मंत्री ने उन्हें मीटिंग नहीं करने का फरमान सुना दिया। हालांकि वहां मौजूद स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डा. कमला सिंह नियमों का हवाला देती रही, लेकिन मंत्री ने सीधे तौर से दो-टूक जवाब दे दिया। मंत्री ने कहा कि जो अफसर इसे चला रहे हैं, उन्हीं से इसकी मीटिंग करवाओ।गौरतलब है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को लेकर पहले भी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के साथ तकरार हो चुकी है। लिहाजा स्वास्थ्य मंत्री ने योजना के शुरूआती दिनों में खुद को इससे अलग कर लिया था।


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