कांग्रेसी सियासत में तूफान लाएगी गुपचुप बैठक!

punjabkesari.in Sunday, May 21, 2017 - 01:00 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी):हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कसता कानूनी शिंकजा उनके विरोधियों के लिए अच्छे दिन का इंतजार बन रहा है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार हरियाणा के प्रभारी कमलनाथ के स्थान पर किसी नए चेहरे को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बनाया जा सकता है। वैसे तो प्रदेश के अधिकतर विधायक पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के साथ हैं, लेकिन चर्चा यह भी है कि हाल ही में 4 कांग्रेसी विधायक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर से गुपचुप बैठक कर चुके हैं। इस बात की पुष्टि प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष तरुण भंडारी भी करते हैं। साढ़े 9 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ सरकार का कानूनी शिकंजा व सी.बी.आई. की ओर से जांच के लिए लगातार बुलाए जाने के क्रम में कांग्रेस संगठन का उनके पक्ष में खड़े न होना ‘वेट एंड वाच’ रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।

कांग्रेस की हरियाणा में गुटबाजी के कारण संगठनात्मक रूप से कोई बड़ा शो भी 3 साल में कांग्रेस जनता में नहीं कर पाई। तंवर, हुड्डा, शैलजा, किरण चौधरी सभी नेता अपना-अपना राग अलापने में व्यस्त हैं। प्रदेश प्रभारी के रूप में कमलनाथ की नियुक्ति भी कांग्रेस के लिए राम बाण साबित नहीं हुई। उनकी नियुक्ति के बाद दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर से मारपीट व बाद में हुड्डा समर्थकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान सड़कों पर लाने के लिए काफी थी।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस में असली ताकत विधायकों का बहुमत उनके साथ होना है। यही कारण है कि कांग्रेस आलाकमान भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पाई। अगर राजनीतिक हलकों व कोषाध्यक्ष तरुण भंडारी की बातों को सही माना जाए तो 4 विधायकों के तंवर से मुलाकात के कई राजनीतिक मायने कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में तूफान लाने के लिए काफी हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News

static