हरियाणा में नहीं थम रहा डेंगू का दंश, आंकड़ा 507 (watch Pics)

punjabkesari.in Sunday, Sep 25, 2016 - 12:30 PM (IST)

चंडीगढ़ (पांडेय): हरियाणा में डेंगू का कहर बदस्तूर जारी है। पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में डेंगू रोगियों की संख्या 507 तक पहुंच गई है। इस बार डेंगू का सर्वाधिक कहर एन.सी.आर. के गुड़गांव के अलावा जी.टी. रोड बैल्ट में हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में चिकनगुनिया की चपेट में भी 113 लोग आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए सभी ऐहतियात बरते जा रहे हैं इन मामलों पर लगातार नजरें भी रखी जा रही है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक डेंगू से बचाव के लिए सभी अस्पतालों को निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके लिए अलग से फीवर क्लीनिक भी बनाए गए हैं, जहां डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। विभागीय अफसरों की माने तो अभी तक प्रदेश में डेंगू व चिकनगुनिया से कोई मौत नहीं हुई है। पिछले एक सप्ताह से हरियाणा में डेंगू, चिकनगुनिया तथा मलेरिया का प्रकोप जोरो हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लगातार अफसरों को निर्देश दे रहे हैं। 

स्वास्थ्य विभाग में पहुंची रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या 507 बताई गई है। इनमें सबसे ज्यादा डेंगू रोगियों की संख्या एन.सी.आर. के गुडग़ांव के अलावा जी.टी. रोड बेल्ट के अम्बाला व पंचकूला में हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो डेंगू के सैकड़ों मरीजों को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया जा चुका है। उधर, प्रदेश के अस्पतालों में मलेरिया रोगियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो पूर्व की सरकार में वर्ष 2011 में सितंबर महीने में डेंगू के 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे।

सभी जिलों में हो रहे हैं एलीजा टैस्ट 
स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया निदेशक डा. विजय गर्ग का कहना है कि डेंगू के लिए प्रदेश के सभी जिलों में एलीजा टेस्ट का प्रावधान है। अगर कोई मरीज निजी लैब से टैस्ट करवाता है तो इसके लिए भी अधिकतम 600 रुपए चार्ज किए जा सकते हैं। गर्ग ने बताया कि बचाव के लिए विभाग की ओर से एंटी लार्वा गतिविधियां लगातार चलाई जा रही हैं। उधर, फीवर क्लीनिक में हो रही है मरीजों की देखभाल प्रदेश भर के सभी अस्पताल में मरीजों की देख-रेख और इलाज के लिए अलग फीवर क्लीनिक बनाए गए हैं। चूंकि दोनों मामलों में हाई फीवर के लक्षण होते हैं, इसलिए सबसे पहले वहां इलाज किया जाता है। 

मरीजों को चढ़ाई जा रही प्लेटलैट्स 
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो प्रदेश के 8 जिलों में प्लेटलैट्स के पूरे इंतजाम किए गए हैं। जरूरत के मुताबिक सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा अगर खून की जरूरत हो खासकर बी.पी.एल. परिवारों के लिए सरकार की ओर से कई राहत दी गई है, ताकि इलाज में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।


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