अरावली में घूम रहे तेंदुए के तस्कर ...!

punjabkesari.in Monday, Dec 07, 2015 - 05:19 PM (IST)

गुडग़ांव,(गौरव): गुडग़ांव में अब तक चंदन की लकडिय़ों तक ही तस्करी का सबसे बड़ा मामला समझा जाता था, लेकिन रविवार को वन विभाग उस समय हरकत में आया जब बादशाहपुर के नजदीक अरावली की पहाडिय़ों में एक तीन माह का शावक (तेंदुआ) पेड़ से बंध घायल अवस्था में मिला। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि क्या अरावली में तेंदुए के तस्कर सक्रिय हो गए हैं। टांगों में फैक्चर होने के चलते तेंदुए को आगरा के अस्पताल में रेफर किया गया था। अब वहां उसका उपचार चल रहा है। 

वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जिस हालत में तेंदुए का शावक मिला है उससे यही लगता है कि कुछ तस्कर हैं जो यहां सक्रिय हो रहे हैं और अरावली की पहाड़ों में वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में है। इस पर वन विभाग की टीम आस-पास के क्षेत्रों का जांच कर रही है। फिलहाल क्षेत्र की पुलिस भी इस मामले में कोई दखलंदाजी नहीं दे रही है। वन विभाग की तरफ से पुलिस में शिकायत भी नहीं की गई है। 

घायल शावक (तेंदुआ) जिस हालत में ग्रामीणों व वन विभाग की टीम को मिला है उसपर सवाल भी उठ रहे हैं। अगर तेंदुए के इस बच्चे को तस्करी के लिए पकड़ा गया तो तस्कर उसे पेड़ा से बांधकर क्यों फरार हो गया। सवाल यह भी है कि कहीं कोई ग्रामीण तो इस मामले में शामिल तो नहीं। 

कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि तस्कर ने तेंदुए के इस बच्चे को पेड़ से इस लिए बांधा कि इस बच्चे की मां अपने जोड़े के साथ इसे ढूढने आती तो शिकारी अन्य तेंदुए का शिकार आसानी से कर लेता। तस्कर कोई अन्य फायदा उठा इससे पहले ग्रामीणों ने तेंदुए के बच्चे को पेड़ से बंध देख लिया और सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी, जिसके बाद इस शावक को मुक्त करा दिया। 

जंगल में छोड़ा जाएगा
डीएफओ कुलविंदर सिंह कहा कहना है कि पेड़ से बंधे मिले तेंदुआ शावक की उम्र करीब 3 माह है। उसके पैर मे फैक्चर होने के चलते उसे जंगल में छोड़ा नहीं गया है। उपचार के लिए उसे आगरा भेजा गया है, उपचार होने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

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