प्रदेश कांग्रेस की राह पर चली भाजपा, खुलकर सामने आने लगी अंबाला में आपसी फूट

punjabkesari.in Sunday, Jun 18, 2017 - 08:38 AM (IST)

अम्बाला शहर (रीटा शर्मा):-अभी तक तो कांग्रेस ही गुटबाजी की शिकार थी लेकिन अब सत्तारूढ़ दल भाजपा की आपसी गुटबाजी मनमुटाव विशेषकर अम्बाला जिले में खुलकर सामने आने लगी है। बराड़ा विधायक जहां राज्यमंत्री पर आरोप लगा चुकी हैं, वहीं अब मंत्री अनिल विज व सांसद कटारिया की तल्खी फिर से उजागर हो गई है। एक कार्यकर्ता द्वारा सांसद के लापता होने की शिकायत के बाद शब्दों की जंग अब बढ़ती जा रही है। मंत्री विज ने जहां इसे कार्यकर्ताओं का दर्द बताकर सांसद पर अपरोक्ष रूप से निशाना साधा था। वहीं सांसद कटारिया ने भी मंत्री के क्षेत्र में जाकर परोक्ष व अपरोक्ष रूप से विज पर निशाना साधा।

सांसद ने यह भी कह दिया कि वे कुछ समय पहले पार्टी छोड़ गए थे, साथ ही बोले कि मुझ पर तंज कसने वाले पार्टी में हैं इसलिए कुछ नहीं बोल रहा। जब ये लोग बाहर जाएंगे तब बताऊंगा कटारिया क्या चीज है। सांसद ने कहा कि एक नेता ने लोकसभा चुनाव में मुझे अपने विश्लेषण में 1 लाख से हारने का अनुमान लगाया था लेकिन मैं सवा 3 लाख से जीत गया। यहां कटारिया मोदी लहर को भूलकर जीत का श्रेय खुद ही लेते नजर आए। सांसद ने विज पर डायरैक्ट व इनडायरैक्ट निशाना तो साधा ही, साथ में उन्हें जनाधार वाला लीडर भी करार दिया।

बढ़ती तल्खियां भाजपा के लिए नुक्सानदायक
सांसद अम्बाला रत्नलाल कटारिया और प्रदेश के सर्वाधिक चर्चित व काम करवाने में धाक जमाने जाने वाले कैबिनेट मंत्री अनिल विज के बीच सार्वजनिक हो रही बढ़ती तल्खियां चर्चा में हैं। ये तल्खियां भाजपा की राजनीतिक सेहत के लिए तो नुक्सानदायक हैं ही लेकिन जनहित के लिए गैरवाजिब भी। इसे अम्बाला का नसीब कहें या संयोग, यहां के नेताओं के आपसी मतभेदों का नुक्सान आमजन को उठाना पड़ा है। पहले शैलजा व हुड्डा गुटों की वर्चस्व की लड़ाई में अम्बाला विकास के मामले में पिछड़ गयाय। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के खासमखास विनोद शर्मा अम्बाला के लिए आई.एम.टी. जैसा बड़ा प्रोजैक्ट मंजूर करवा लाए थे लेकिन किसानों व विपक्ष के साथ-साथ तत्कालीन केंद्रीय मंत्री शैलजा के विरोध के कारण इस प्रोजैक्ट को कैंसिल करना पड़ा था। इसी तरह यमुनानगर-चंडीगढ़ वाया नारायणगढ़ रेल लाइन जिसके लिए शैलजा प्रयासरत थी, जमीन न मिलने के कारण योजना अटक गई थी। इसके लिए वे हुड्डा को जिम्मेदार ठहराती रही हैं।

अम्बाला का विकास रोकने वाले कारक
कुछ भी कहो अम्बाला के सांसद एक सक्षम व जनाधार वाले नेता अनिल विज के बीच की तल्खी बराड़ा विधायक व राज्यमंत्री के बीच आरोप लगना व लगाना सब अम्बाला के विकास को अवरुद्ध करने वाले कारक हैं। एक-दूसरे की टांग खिंचाई ने पहले भी कांग्रेस के समय अम्बाला का नुक्सान किया था, अब भाजपा भी उसी राह पर है। शायद यही कारण है कि 3 साल बीतने के बावजूद बड़ी परियोजना अम्बाला के लिए नहीं आ सकी। अम्बाला लोकसभा की सभी 9 विधानसभा सीटें भाजपा की झोली में हैं। सांसद सभी को साथ लेकर विशेषकर अनिल विज को तो सी.एम. व केंद्र से कई बड़ी परियोजनाएं लाई जा सकती हैं।


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