यूट्यूब से करते हैं खेती, फेसबुक-व्हाट्सअप पर बेचते फसल, ये हैं हरियाणा के हाईटेक किसान

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 12:23 PM (IST)

टोहाना(सुशील सिंगला): कहा जाता है आज के दौर में इंटरनेट  युवाओं को गलत कामों में फंसा रहा है लेकिन ये केवल आंशिक रूप से है। यदि इंटरनेट का उपयोग सही चीजों में किया जाए तो यह हमें सफलता के साथ समृद्धता भी दे सकता है। ऐसा ही उदाहरण फतेहाबाद के जिले के गांव चुहड़पुर से युवा किसान हरविन्द्र सिंह लाली ने पेश किया है। हरविन्द्र ने अपने आप को आधुनिक विज्ञान व तकनीक से जोड़ कर खेती को नया रूप दिया। उसने सोशल मीडिया में व्हाट्सअप, फेसबुक, टिवटर व यूटयूब से जुड़ कर हर्बल खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ दिया और आज उसके दिखाए रास्ते पर गांव के अन्य किसान भी चल रहे हैं।

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किसान हरविन्द्र सिंह का कहना है कि, ऐसी खेती की पे्ररणा उन्हें अपने चाचा से मिली, हर्बल खेती में काफी अनुभव हासिल किया। यूटयूब के माध्यम से खेती की आधुनिक मशीनों व तकनीक का ज्ञान प्राप्त किया। हरविंद्र कीटनाशक का प्रयोग नहीं करता क्योंकि उसका मानना है कि हर्बल खेती में कीट प्रवेश नहीं करते।

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सोशल मीडिया पर मिलती है मुंह मांगी कीमत
हरविन्द्र ने बताया कि, उसे फेसबुक पर खरीददार हर्बल खेती को उपज को मुंह मांगी कीमत देने को तैयार है। जहां अन्य किसान पराली जलाने पर जोर दे रहे हैं वहीं किसान हरविन्द्र ने पिछले लगभग 15 सालों से अपने खेतों में पराली नहीं जलाई। पराली ना जलाने से  खेती की उर्वरक क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। जब तक दूसरे किसान गेंहू बोने की तैयारी कर रहे होते हैं तबतक उसके खेते में गेंहू अंकुरित हो जाता है। 

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लोगों की सेहत से खिलवाड़ नहीं है पसंद
हरविंद्र का कहना है कि, इस खेती में लागत कम लगती है बस उत्पादन दूसरे से कम होता है, पर उसका वाजिब दाम मिलने से हरविन्द्र सिंह को इसका कोई मलाल नहीं है, उसका मानना है कि अपने मुनाफे के लिए दूसरे की सेहत से खिलवाड़ बिल्कुल भी सही नहीं है।

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गौरतलब है कि, इस आधुनिक व पुरातन खेती के समावेश के सफल प्रयोग पर हरविन्द्र को सम्मानित करने के लिए न तो कभी कोई मंत्री आया न ही कोई अधिकारी और उसे इस बात का मलाल भी नहीं है। फिलहाल वो मित्रों की प्रंशसा से खुश रहता है।


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