गुरुग्राम से 30 साल पुरानी गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा हुई गायब, शासन को नहीं भनक

punjabkesari.in Friday, Jan 19, 2018 - 01:30 PM (IST)

ब्यूरो: गुरूग्राम शहर गुरू द्रोणाचार्य के नाम से जाना जाता है। यहां के राजीव पार्क के बीचों बीच पिछले 30 साल से उनका एकमात्र स्टैचू था। जो अब अचानक से गायब हो गया है। यहां 6 फुट की गुरु की प्रतिमा को चारों तरफ उनके पांचों पांडव शिष्यों की प्रतिमाएं भी मौजूद थीं। उनमें से 5.5 फुट की पांडवों की भी प्रतिमाएं गायब है। वहीं,इस बारे में लोगों का कहना है कि अगर गुरू द्रोणाचार्य की जगह अम्बेड़कर की प्रतिमा गायब होती तो अब तक आग लग जाती।
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गुरुग्राम से आखिरकार ये प्रतिमाएं कहां चली गईं,इस बारे में किसी के कुछ भी पता नही है। यहां तक कि (NHAI) नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भी इसकी जानकारी नहीं। नगर निगम भी सिर्फ अंदाजा लगा रही है कि शायद यह प्रतिमाएं गोदाम में होंगी। NHAI की प्रॉजेक्ट कंसल्टेंट 'ब्लूम कंपनीज' के यातायात विशेषज्ञ सौरभ सिंघल ने नगर निगम पर आरोप डालते हुए कहा कि 'हमने प्रतिमाओं को नहीं हटाया। नगर निगम ने ऐसा किया होगा।वहीं, नगर निगम के वरिष्ठ टाउन प्लानर सुधीर चौहान ने कहा कि मै इस मामले से बिल्कुल अंजान हूं। अगर प्रतिमा हटाई गई है तो वो सेक्टर 39 स्थित नगर निगम के गोदाम में होंगी। हम उन्हें सही समय आने पर लगवा देंगे।

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2016 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आधिकारिक रूप से गुड़गांव का नाम गुरुग्राम कर रख दिया था। ऐसा माना जाता है कि गुरु द्रोणाचार्य को उनके शिष्य पांडवों द्वारा दी गई गुरु दक्षिणा गुरूग्राम थी। जिसे बाद में लोग गुड़गांव बुलाने लगे। लोगों ने इसका नाम गुड़गांव से गुरुग्राम करने की मांग की। वहीं, स्थानीय लोगों ने इस बात को आशंका है कि प्रतिमा को नष्ट कर दिया गया है।


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