केस दर्ज करने व छोड़ने का क्या मानदंड था : हाईकोर्ट

punjabkesari.in Thursday, May 18, 2017 - 11:20 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र):हुडा मल्टीपल प्लाट अलॉटमैंट मामले में बुधवार को केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हुडा को कहा कि मामले की जांच को लेकर गठित की गई कमेटियों ने क्या किया। जिस पर हुडा ने कहा कि उन्होंने 4 कमेटियां गठित की थी। जिन्हें मामला रैफर किया था। कमेटी ने एफ.आई.आर. दर्ज करने की सिफारिश करनी थी। 

आरोपी पक्ष की तरफ से केस की पैरवी करते हुए एडवोकेट हरमनजीत सिंह सेठी ने ठोस दलीलें पेश करते हुए हुडा की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कमेटियों ने कुछ नहीं किया। मामले में वी.आई.पी. लोगों को छोड़ कर सिर्फ कुछ लोगों को झूठा फंसा दिया गया। 

कहा गया कि यदि हुडा की वर्ष 9 जनवरी, 1987 और 5 मई, 1987 की पॉलिसी को भी वैध मान लें तो भी प्लाट अलॉटमैंट को लेकर जारी किए गए ब्रोशर और एफिडेविट को लेकर इनकी पालना नहीं की गई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कमेटी को लेकर सवाल किया तो सरकार ने बताया कि कमेटी वर्ष 2016 में बंद कर दी गई थी। 

हाईकोर्ट ने सवाल किया कि एफ.आई.आर. करने और छोड़ने का क्या मानदंड है। हाईकोर्ट ने जांच को लेकर गठित की गई कमेटियों से सैटअप करने की फाइलें अपने पास रख ली हैं। सुनवाई के दौरान ए.जी. हरियाणा ने भी माना कि हुडा के संबंधित कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मामले में अब आज कोर्ट अपना फैसला देगी। 


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