हुडा मल्टीपल प्लाट आबंटन मामले में हाई डोज देने का वक्त आ गया:HC

punjabkesari.in Thursday, Jan 19, 2017 - 11:46 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र):हुडा मल्टीपल प्लाट अलॉटमैंट मामले में बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान सरकार ने एक ओर जहां मामले में दर्ज किए गए केसों को लेकर आंकड़े पेश किए, वहीं दूसरी ओर हरियाणा पुलिस द्वारा बनाए गए आरोपियों की तरफ से केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट हरमनजीत सिंह सेठी ने हुडा की प्लाट आबंटन को लेकर बनाई गई पॉलिसी पर सवाल खड़े किए। उनके द्वारा कहा गया कि चीफ एडमिनिस्ट्रेटर के पास पॉलिसी बनाने की शक्ति नहीं थी। सिर्फ  राज्य सरकार इस संबंध में निर्देश जारी कर सकती थी। मामले में कोर्ट ने हुडा की कार्रवाई को लेकर कहा कि आपके ‘प्रयास’ नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं कोर्ट ने कहा कि, ‘जब साधारण दवाई से काम न चले तो हाई डोज देनी पड़ती है। इस केस में हाई डोज देने का वक्त आ गया है।’ 

 

केस की पिछली सुनवाई पर एडवोकेट सेठी द्वारा प्लाट आबंटन को लेकर सरकार की पॉलिसीज के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब ढंग से न दे पाने पर हुडा के काऊंसिल को सरकार ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपने पिछली सुनवाई पर पूछे गए सवालों की नोटिंग नहीं की और जवाब नहीं दे पा रहे हैं। मामले में हुडा की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि मामले में 1 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं 21 केस अनट्रेस हैं। 89 केस कैंसिल किए जा चुके हैं। पैंडिंग केस 775 हैं। 127 केसों में चालान पेश किया जा चुका है। 1310 लोगों का आरोपियों के लिए नॉमिनेशन किया गया है। एडवोकेट सेठी ने कहा कि 2500 प्लाट्स के मामले में अभी इतनी ही जांच विभाग कर पाया है। उन्होंने मामले में बड़े अफसरों को बचाने के आरोप लगाते हुए दलीलें पेश की। उन्होंने कहा कि मामले में हुडा ने कुछेक लोगों को आरोपी बना बाकी बड़े अफसरों को बचाने के लिए पॉलिसीज में बदलाव किए। 

 

अलॉटमैंट के समय दस्तावेजों की जांच नहीं की गई। कहा कि पॉलिसीज में बदलाव के लिए आवश्यक प्रक्रिया का प्रयोग नहीं किया गया। अब हुडा से पॉलिसी फ्रेमिंग इत्यादि के संबंध में दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए गए हैं। केस की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी। मामले में 2500 अलॉटीज की स्टेटस रिपोर्ट को कोर्ट ने इसमें कमी रहने के चलते स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। वहीं कहा था कि अलॉट हुए प्लाट्स की पूरी जानकारी दें, जिसमें प्लाट नंबर, अलॉटमैंट की तारीख, श्रेणी समेत इस बात की जानकारी हो कि क्या कोई प्लाट कैंसिल हुआ या ट्रांसफर एवं सरेंडर हुआ था। गौरतलब है कि हरियाणा के कई जिलों में अर्बन एरिया में निकाले गए रैजिडैंशियल प्लाट्स में घपले के आरोपों का केस हाईकोर्ट में चल रहा है।


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