शिकारी के जाल फंसा तेंदुआ, ग्रामीणों में दहशत

punjabkesari.in Tuesday, Dec 05, 2017 - 10:14 PM (IST)

पंचकूला (धरणी): नारायणगढ़ हरियाणा हिमाचल की सीमा पर बसे उपमंडल के गांव फिरोजपुर में मंगलवार की सुबह ग्रामीणों द्वारा तेंदुआ देखे जाने के बाद दहशत फैल गई। गनीमत यह रही कि किसी की जान व मवेशी को नुकसान पहुंचाने से पहले ही यह खूंखार तेंदुआ किसी शिकारी द्वारा लगाए गए फंदे में फंस गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे वन्य जीव प्राणी विभाग ने फंदे में फंसे इस तेंदुए को जाल डाल व बेहोशी का इंजेक्शन दे पिंजरे में बंद कर लिया जिसे बाद में रोहतक ले जाया गया।

तेंदुए मिलने की खबर सुनते ही तरह क्षेत्र के सैंकड़ों लोग इक_े हो गए। लोगों को इस खूंखार जानवर से दूर रखने के लिए पुलिस को भी अच्छी-खासी मशक्कत करनी पड़ी। खुद डीएसपी राजबीर सिंह को कई मर्तबा लोगों से पीछे हटने की अपील करनी पड़ी। फिलहाल लोगों ने इस जानवर के यूं पकड़े जाने से बेशक राहत महसूस की हो लेकिन इस जानवर की आमद से लोग खौफजदा है।


दरअसल, हिमाचल सीमा के नजदीक फिरोजपुर गांव के पूर्व सरपंच केशो राम के खेतों पर ट्यूबवैल लगा हुआ है। वहीं उन्होंने पशुओ का चारा पुराली का ढेर लगाया हुआ है। मंगलवार की सुबह केशो राम का पोता सोनू जब घास लेने के लिए गया हुआ था। वहां उसने कुछ दूरी पर ही था कि इस जानवर के दहाडऩे की आवाज सुनाई दी। सोनू ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी व वन विभाग व पुलिस को सूचित किया गया।

जब ग्रामीणों ने वहां जाकर देखा तो खूंखार जानवर किसी शिकारी द्वारा जंगली जानवर के शिकार के लिए लगाए गए फंदे में फंस गया और भरसक प्रयास के बाद भी आजाद नही हो सका। पुलिस ने मौके पर वाइल्ड लाइफ विभाग को सूचना देकर बुलाया।

वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम पिंजोर से डीएफओ शिव रावत के नेतृत्व में मौके पर घण्टों बाद पहुंची, लेकिन इस टीम को यह भी पता नही था कि इसको बेहोश करने के लिए दवाई की कितनी डोज दी जाए। तब नारायणगढ़ से वेटरनरी सर्जन डॉ. प्रेम प्रकाश को बुलाया गया जिनकी निगरानी व दिशा-निर्देशन में  वीएलडी वीरेंदर नैन ने तेंदुए को इंजेक्शन दिया जिसके बाद वन्य जीव प्राणी विभाग ने इसे पिंजरे में बंद कर लिया और इसे रोहतक ले गए। इस दौरान पुलिस को लोगों को काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

तेंदुए को देखने के लिए लोग साथ लगते बिजली के टावरों पर भी चढ़ गए। घण्टों की इस कार्रवाई में तेंदुए के एक दो बार दहाडऩे पर लोग खुदबखुद ही पीछे हट जाते थे। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि इस क्षेत्र में पंजे के निशान पिछले कई दिनों से देखे जा रहे थे और अब तो नजदीक के ट्यूबवैलों पर रह कर गन्ना छिलने वाले प्रवासी मजदूर भी वहां रात के वक्त जाने से कतराने लगे हैं।


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