बीपीएल के नाम पर अस्पताल कर रहा लूट, स्वास्थ्य विभाग ने दिए जांच के आदेश

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 09:29 AM (IST)

गुरूग्राम(सतीश कुमार): गुरुग्राम के सिविल अस्पताल से रेफर होने के बाद पीड़ित बीपीएल परिवार इलाज के लिए मेंदांता मेडिसिटी पहुंचा था। पीड़ित परिवार को उम्मीद थी कि अस्पताल में उसके पिता का इलाज बीपीएल परिवार के तर्ज पर हो जाएगा।

जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश के इड्ब्ल्यूएस परिवार के इलाज के लिए 30 प्रतिशत पैसा ही लेने का प्रावधान सरकार ने किया है। लेकिन मेदांता की मनमानी तो देखिए कि किस तरह से इस परिवार को कभी कुछ और कभी कुछ कहकर पैसे ऐंठ रहे है। जबकि पीड़ित परिवार ने डेढ़ लाख रूपए पहले ही जमा करा दिया था।
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गुरुग्राम में माली का काम करने वाले बाली राम कैंसर से पीड़ित है। बाली राम के बेटे आनंद ने गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में उनका दाखिल कराया था जहां डॉक्टरों ने बीपीएल परिवार होने के नाते मेदांता में रेफर कर दिया था। अब ये परिवार बिल के फांस में फंसा है और अपने पिता को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहा है। पीड़ित परिवार ने सीएमओ और डीसी को लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।

वही इस मामले में मेदांता अस्पताल की तरफ से गोलमोल जबाब दिया जा रहा है।  मेदांता पीआरओ की माने तो उन्होंने पीड़ित पक्ष को ही गलत बता दिया। हॉस्पिटल का कहना है की हमने कोई पैसे के लिए परेशान नहीं किया है। 5 जनवरी को मरीज अस्पताल में गुरुग्राम चीफ मेडिकल ऑफिस के रेफर से आया था। मरीज का ऑपरेशन हुआ है 5 लाख रूपये में ही बात हुई थी। लेकिन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान पीड़ित पक्ष ने सिंगल कमरा लिया था। इसलिए उसका चार्ज 6 लाख 33 हजार बनाया है।   रूल के मुताबिक हमने मरीज से केवल 30 परसेंट ही पैसा मांगा है। जिसमे से पेसेंट के परिजनों ने डेढ़ लाख के आसपास पैसा जमा करवा दिया है। 
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मेदांता मेडिसिटी की मनमानी का ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी अस्पतालों द्वारा मनमाना बिल वसूलने के कई मामले सामने आ चुके है। ऐसे में देखना होगा कि बीपीएल परिवार का 30 प्रतिशत बिल लेकर इलाज का दावा करने वाली सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
 


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