मनोहर सरकार की सौगात, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वालों को मिलेंगे पक्के मकान

punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2018 - 10:17 AM (IST)

चंडीगढ़(बंसल): हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर लंबे समय से अवैध तरीके से बस्तियों में झुग्गी-झोंपड़ी बनाकर रह रहे लोगों को हरियाणा सरकार ने आवासीय कॉलोनी बनाकर देने की नीति तैयार की है। हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं में ऐसे हजारों लोगों को सरकार निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पी.पी.पी.) तर्ज पर कॉलोनी विकसित करके आवास आबंटित करेगी। कॉलोनी निर्माण शुरू होने से लेकर उसके पूरा होने तक ठेकेदार/बिल्डर ऐसे लाभार्थियों को मासिक किराया देंगे, ताकि वह अस्थायी तौर पर अपना रिहायशी बंदोबस्त कर सकें। 

उन्होंने बताया कि दशकों से इस प्रकार रह रहे लोगों को चिन्हित करते हुए आवासीय कॉलोनी पी.पी.पी. मॉडल पर विकसित करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना में हजारों परिवारों को न केवल स्थायी आशियाना मुहैया करवाया जाएगा, अपितु उनके सामाजिक माहौल में भी बड़ा बदलाव लाना संभव हो जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत ठेकेदार बिल्डर का चयन किया जाएगा, जो प्रोजैक्ट शुरू करने से लेकर उसके पूरा होने तक इस योजना के लाभार्थियों को मासिक किराए का भुगतान करेंगे। गुरुग्राम, फरीदाबाद नगर निगम में प्रति परिवार 3 हजार रुपए, अन्य नगर निगम में प्रति परिवार 2 हजार रुपए, नगर परिषद में 1500 रुपए तथा नगरपालिका में 1000 रुपए का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लाभार्थी को आवास मुहैया करवाने की प्रक्रिया की निगरानी नगर निगम में आयुक्त नगर निगम तथा नगर परिषद एवं पालिकाओं में उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति करेगी।

लीज के लिए करना होगा भुगतान
कविता जैन ने कहा कि अलॉटमैंट प्रक्रिया के तहत प्रत्येक लाभार्थी को अलॉट आवास की लीज के लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद निगम में 20 हजार रुपए, अन्य नगर निगमों में 15 हजार रुपए, नगर परिषद में 12 हजार रुपए तथा पालिका में 10 हजार रुपए का भुगतान करना होगा। प्रत्येक लाभार्थी को 15 साल के बाद मालिकाना हक पाने के लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद निगम में एक लाख रुपए, अन्य नगर निगमों में 75 हजार रुपए, नगर परिषद में 50 हजार रुपए तथा पालिका में 25 हजार रुपए का भुगतान करना होगा।
 


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