27-28 अक्टूबर को सबसे बडे पशु मेले का आयोजन

punjabkesari.in Sunday, Oct 22, 2017 - 06:31 PM (IST)

झज्जर: झज्जर जिले में सबसे बडा पशु मेला लगने जा रहा है। इस तीन दिवसीय पशु मेले में पशुओं की सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा। यह सूचना हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने शहरों के आसपास 50-100 एकड़ भूमि पर डेरी एरिया विकसित करने की योजना को रखते हुए डेरी एरिया में दुधारू पशुओं के लिए पीजी खोलेन का ऐलान किया है। 

कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि झज्जर में 27-29 अक्तूबर, 2017 तक तीन दिवसीय सर्वश्रेष्ठ नस्ल के पशुओं के मेले का आयोजन किया जाएगा। इस पशु मेले में देसी, राठी, साहीवाल नस्ल की गाय व मुर्राह नस्ल की भैंसों की सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

फ्लैटों में रहने वाले पाल सकेंगे गाय-भैंस
ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि, जिस प्रकार से लोगों के लिए पीजी, होस्टल होते हैं, उसी तरह अब पशुओं के लिए की पीजी होगा। जिसमें सम्पन्न व्यक्ति जो अपने घर पर गाय, भैंस नहीं पाल सकते हैं। वहां पर तैनात ग्वाला उनकी गायों व भैंसों की देखभाल करेगा। वे अपनी इच्छानुसार अपने पशु का दूध भी ले सकते हैं। फ्लैट में रहने वाले व्यक्ति वहां पीजी में अपनी गाय व भैंसों को पाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे अपनी धार्मिक भावनाओं के अनुसार पीजी में जाकर अपनी गाय का पूजन करना हो तो, वह भी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि आज डेरी क्षेत्र को सेवा क्षेत्र की ओर ले जाने की आवश्यकता है। इस कड़ी में हिसार में उत्कृष्ठता केन्द्र खोलने के लिए इजराइल के साथ समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये हैं।

इस तीन दिवसीय पशु मेले का उदघाटन हरियाणा के राज्यपाल प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी करेंगे, जबकि समापन समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा 28 अक्तूबर को केन्द्रीय कृषि मंत्री भी उपस्थित होंगे।

कम से कम 10 लीटर दूध देने वाले पशुओं की एंट्री
ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि दूध के क्षेत्र में हरियाणा को देश का अग्रणी राज्य बनाना है। वर्तमान में हरियाणा में लगभग 36 लाख दुधारू पशुधन है। उन्होंने बताया कि औसतन हरियाणा में 6.8 लीटर प्रति पशु दूध उत्पादकता है, जिसे 2022 तक 10 लीटर प्रति पशु तक ले जाना है। यह प्रधानमंत्री  नरेद्र मोदी की वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने के लक्ष्य को भी पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि मेले में कम से कम 10 लीटर दूध देने वाली गाय व 18 लीटर दूध देने वाली भैंसों की ही प्रवेश मिलेगा। इस मेले में लगभग 2500 पशुओं के आने की सम्भावना है तथा तीन दिन तक 5000 व्यक्ति इस मेले में एक साथ रहेंगे, जो पशु विशेषज्ञों के साथ विभिन्न सत्रों में आयोजित चर्चाओं में भाग लेंगे। इसके अलावा, प्रतिदिन लगभग 15,000 पशुपालकों को मेला देखने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जिसके लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।

50 पशुओं की डेरी पर सात साल तक मिलेगा ब्याजमुक्त ऋण
ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि विभिन्न प्रकार की दूध प्रतियोगिताओं के लिए 9 करोड़ रुपये के ईनाम हर वर्ष दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार प्रदेश को दुग्ध क्रांति की ओर ले जा रही है और 50 दुधारू पशुओं तक की डेरी खोलने पर सात साल तक जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवा रही है। इसके अलावा, 5 देसी गायों की डेरी पर 50 प्रतिशत की सबसिडी उपलब्ध करवाई जाएगी। ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा दिल्ली के निकट है और इसके पांच करोड़ की जनसंख्या की एक बड़ी मार्केट का फायदा हरियाणा का किसान उठा सकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सोनीपत में इस ग्रुप ने न्यूजीलैंड की टैक्नोलोजी अपनाकर दिल्ली में दूध की आपूर्ति करने की शुरूआत की है।


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