दादूपुर नलवी नहर परियोजना को रद्द न करने के लिए राष्ट्रपति से मिले रणदीप सुरजेवाला

punjabkesari.in Friday, Jan 05, 2018 - 05:39 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मुलाकात कर यमुनानगर के दादूपुर नलवी नहर परियोजना को रद्द करने के हरियाणा सरकार के फैसले के बारे में मुलाकात की।  सुरजेवाला ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह सरकार द्वारा भेजे गए बिल को अनुमति ना दें। ज्ञापन में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि दादूपुर नलवी नहर परियोजना उत्तरी हरियाणा की जीवन रेखा है, इस से 225 गांव की लगभग एक  लाख हेक्टेयर जमीन और इतनी ही अतिरिक्त जमीन को वाटर रिचार्जिंग के माध्यम से लाभ मिलना था।

रणदीप सुरजेवाला के ज्ञापन के अनुसार, यह परियोजना 1985 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई थी, अक्टूबर 2005 में कांग्रेस ने एक बार फिर से इस योजना को चालू किया। एक अनुमान के मुताबिक 58 फुट चौड़ी 32 फुट गहरी इस नहर को पाटने में किसान को प्रति एकड़ लगभग 40 लाख रुपए का खर्च आएगा जो भूमि की कीमत के बराबर है। इसके अलावा किसानों को पहले दिए जा चुके मुआवजे की राशि वापस करने के लिए किसान को लगभग 10 से 20 लाख रुपए प्रति एकड़ सरकार को देने होंगे।

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ज्ञापन के अनुसार, किसान पहले ही सरकार की गलत नीतियों के चलते हताश और निराश है, फसलों की लागत पर उतना ही लाभ देने का वादा करके सरकार में आई भाजपा ने  किसानों को अब तक किसी तरह का कोई लाभ नहीं दिया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अधिग्रहण की गई भूमि पर 10 किलोमीटर से अधिक सड़क पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अनेक पुल बनाए जा चुके हैं। इस बिल के कानून बनने से सड़कों को नए सिरे से उखाडऩा होगा, ताजा बने हुए पुलों को तोडऩा होगा, व राष्ट्रीय राजमार्ग 73 की अलाइनमेंट भी नए सिरे से करनी होगी।

इसके साथ साथ सरकार के इस फैसले से दादूपुर नलवी नहर के साथ-साथ सरस्वती प्रोजेक्ट भी अपने आप बंद हो जाएगा, क्योंकि सरस्वती नदी में पानी ना मिलने से दादूपुर नलवी नहर का पानी ऊंचा चांदना गांव में सरस्वती नदी में छोड़ मौजूदा सरकार ने खानापूर्ति की थी। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतपाल कौशिक ने इस अवसर पर बताया कि नहर बनाने, सड़क व पुल बनाने में लगे जनता की गाढ़ी कमाई के 400 करोड रुपए बेकार चले जाएंगे जो की पूरी तरह से गलत और अविवेकपूर्ण है। उन्होंने कहा की राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है कि वह हरियाणा सरकार द्वारा पास किए गए इस एक्ट को अपनी अनुमति ना दें और रद्द कर के वापस भेज दें।

इस अवसर पर किसान नेता हरपाल सिंह, पूर्व विधायक अनिल धंतौड़ी, रमेश गुप्ता, गुरनाम सिंह, हरकेश सिंह ,लखविंदर सिंह, जसविंदर सिंह, बलदेव सिंह आदि मौजूद थे।


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