आदिबद्री में डैम बना कर भू-जल को किया जाएगा रिचार्ज (VIDEO)

punjabkesari.in Thursday, Jan 18, 2018 - 09:33 PM (IST)

चंडीगढ़ (ब्यूरो): जल संसाधन, गंगा जीर्णोद्वार, सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकऱी गुरुवार को यमुनानगर के आदिबद्री में अन्तर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव यात्रा को झण्डी दिखाकर रवाना किया। जल संसाधन, गंगा जीर्णोद्धार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरस्वती नदी के उदगम स्थल आदिबद्री (यमुनानगर) में एक डैम बना कर पानी को रोका जाएगा, इससे जहां इस क्षेत्र का भू-जल रिचार्ज होगा वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, कालाअम्ब से कलेसर तक सड़क मार्ग को ठीक करके इस सर्किट को पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा।

जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आदिबद्री ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। आदिबद्री स्थल को विश्व स्तर का पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से धन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी के तट पर ही ऋगवेद की रचना की गई थी, इसलिए वेदों में भी सरस्वती का वर्णन है।

उन्होंने इतिहासकार डॉ. वाकनकर तथा मोरोपंत का इस स्थल से गहरा सम्बंध बताते हुए कहा कि  जब वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के छात्र थे तो इन दोनों इतिहासकारों ने सरस्वती नदी के उदगम स्थल की जानकारी दी थी, आज केन्द्र व हरियाणा सरकार द्वारा आदिबद्री को विकसित किए जाने की दिशा में किए गए कार्य से इन दोनो इतिहासकारों को सच्ची श्रद्धांजलि होंगी। उन्होंने इस क्षेत्र में डैम बनाए जाने के वक्त प्रभावित हिमाचल व हरियाणा के निवासियों की हर सुख-सुविधा का ध्यान रखने का आश्वासन दिया और कहा कि लोगों के पुनर्वास का जहां प्रबंध किया जाएगा वहीं प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।

डैम के क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र के निवासियों का पुनर्वास
अन्तर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आदिबद्री स्थल पर आदिबद्री नारायण मंदिर से केदारनाथ मंदिर के बीच के पुल को बड़ा बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि डैम के क्षेत्र में आने वाले 88 एकड़ क्षेत्र में गांव भेड़ो व मन्त्रा के निवासियों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस डैम की रिपोर्ट तैयार हो गई है और इसे केन्द्र सरकार के पास शीघ्र ही भेज देंगे। उन्होंने कहा कि शिवालिक क्षेत्र की रेंज में आने वाली विभिन्न नदियों पर बांध बनाकर पानी को रोका जाएगा और उसके बाद वह सारा पानी सरस्वती नदी में छोड़ा जाएगा ताकि भूजल रिजार्च हो सके और लोगों के पीने तथा खेतों में सिंचाई के लिए यह पानी काम आ सके। 

मुख्यमंत्री ने दादूपुर नलवी पर बोलते हुए कहा कि सोमनदी, भोली नदी व पथराला आदि नदियां इस क्षेत्र में बाढ का कारण बनती है। इसलिए इन नदियों का पानी डैम बनाकर रोका जाएगा जिससे दो-तीन जिलों में पानी की आवश्यकता को पूरा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस्वती नदी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा पिहोवा में पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव आयोजित किया जा रहा है इसके लिए आज आदिबद्री से सरस्वती महोत्सव यात्रा का शुरू की गई है। यह यात्रा 22 जनवरी को पिहोवा में सम्पन्न होगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News

static