विवादों में फंस सकती हैं पहलवान साक्षी मलिक, खेल मंत्री ने मांगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, May 15, 2017 - 05:37 PM (IST)

चंडीगढ़:हरियाणा की बेटी सरिता मोर को एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में 60 की जगह 58 किलोवर्ग में खिलाने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। जिसके चलते देश को पदक दिलाने वाली पहलवान साक्षी मलिक के लिए कई मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं। उल्लेखनीय है कि फेडरेशन ने साक्षी मलिक के चक्कर में सरिता की वेट श्रेणी दो दिन पहले बदल दी थी। फेडरेशन ने सरिता की मेहनत को दरकिनार करते हुए अचानक 58 किलो में खेलने का फैसला सुनाया था। 
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प्रदेश के खेल मंत्री अनिज विज ने पूरे मामले में खेल निदेशक से विस्तृत रिपोर्ट मांगने का निर्णय लिया है। विज ने कहा कि खेल निदेशक से रिपोर्ट लेने के बाद ही वह आगामी कार्रवाई को लेकर कुछ कह पाएंगे। इससे साफ है कि रिपोर्ट में फेडरेशन की गलती पाए जाने पर दोषियों का नपना तय है। चूंकि सरिता को दो दिन पहले फैसला सुनाने की चलते काफी दिक्कत हुई और वजन कम करने के लिए 24 घंटे भूखा तक रहना पड़ा। कम किलोवर्ग में खिलाने का असर पदक के रंग पर भी पड़ा और वह गोल्ड के बजाय सिल्वर ही जीत पाईं। एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के बाद सरिता ने दिल की बात बताते हुए कहा कि वजन घटाने को लेकर 24 घंटे भूखी रही, उल्टियां भी हुई अगर अपने वेट कैटेगरी में खेलती तो देश को सोना दिलाती। 
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सरिता का कहना है उसने फैट बढ़ाने वाली चीजें खाना छोड़ दीं और चैंपियनशिप शुरू होने से 24 घंटे पहले से खाना ही छोड़ रखा था। हालात यह रहे कि उसने दो दिन तक रोटी को हाथ नहीं लगाया और एक दिन हल्का-फुल्का तो दूसरे दिन बिना खाए ही रही। दो बार उसकी तबीयत भी बिगड़ी और उसका इलाज कराया गया। सरिता के लिए वजन कम करना किसी चुनौती से कम नहीं था। इस चुनौती को पार पाकर सरिता ने चांदी जीती है।

सरिता और उसके अंतर्राष्ट्रीय पहलवान पति राहुल मान भी खुद इस बात को कह रहे हैं कि इस तरह अचानक कम वेट में खेलने के फैसले से सरिता के खेल पर काफी असर पड़ा है। ऐसे समय में प्रैक्टिस और खाना छोड़ना और बीमार होने से खेल पर बड़ा फर्क पड़ता है। राहुल मान यह भी कहते है कि सरिता के साथ इस तरह से नहीं होना चाहिए था।

एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए मार्च में हुए ट्रायल में 58 किलो में मंजू ने क्वालिफाई किया था। फेडरेशन ने साक्षी को शादी में व्यस्त रहने की बात कहते हुए ट्रायल का मौका दिया और उसकी मंजू से कुश्ती कराई। वहीं अब साक्षी को 60 किलो में खिलाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि जब ट्रायल के समय साक्षी का वजन 60 किलो था तो उसका ट्रायल 58 किलो में मंजू के साथ कैसे कराया गया?
 


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