150 फुट ऊंची टंकी से कूदा था गुरबख्श सिंह, जबड़ा टूट कर हुआ था बाहर (VIDEO)

punjabkesari.in Wednesday, Mar 21, 2018 - 05:27 PM (IST)

कुरुक्षेत्र(रणदीप रोर): प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद सजा भुगत चुके बंदी सिखों की रिहाई के लिए प्रयत्न कर रहे भाई गुरबख्श सिंह खालसा की मौत को बाद उनका शव लेकर पुलिस का काफिला उनके पैतृक गांव ठसका अली पहुंचा, जहां गुस्साएं परिजनों ने ठोल गांव के पास जाम लगा दिया है। जिसके चलते मृतक के शव को गांव से दो किलोमीटर पहले ही रोक लिया है। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर पूरे गांव में ऊभारी पुलिस बल को तैनात कर छावनी में तबदील कर दिया गया है।

गुरबख्श सिंह खालसा के परिजनों और गांव वालों ने शाहाबाद पेहोवा रोड पर जाम लगाया। सड़क पर बैठे हुए ग्रामीणों  ने मांग की है कि दोषी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो। जानकारी के मुताबिक, गुरबख्श सिंह ने 150 फुट ऊंची पानी की टंकी से छलांग लगाई थी, जिस कारण उसका जबड़ा बुरी तरह से बाहर निकल गया था। घटना के बाद बुधवार को गुरबख्श का टूटा हुआ जबड़ा, कंगी व पगड़ी उसके परिजनों ने मीडिया को दिखाई।

कैमरों की निगरानी में हुअा पोस्टमार्टम
गुरबख्श सिंह का पोस्टमार्टम सुबह लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में चार डाक्टरों के पेनल ने किया। इस पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी भी करवाई गई है।  सुरक्षा व्यव्स्था को बनाए रखने के लिए अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मृतक परिजनों द्वारा सरकार और प्रशासन पर अारोप लगाने का सिलसिला जारी है। उन्होंने गुरबख्श की मौत को सरकार की साजिश बताई है। पुलिस शव को लेकर उनके पैतृक गांव पहुंची। शव के साथ पुलिस की 40 गाड़ियों का काफिला साथ रहा।

सिख नेता ने पुलिस पर लगाया धक्का देने का आरोप
खालसा की मौत के बाद मंगलवार शाम से ही स्थानीय लोगों में रोष पनप गया है, आज बुधवार को भी खालसा के परिजनों के साथ सिख नेता भी रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। सिख नेता कंवलजीत अजराना ने बताया कि खालसा कई सालों से सिख भाईयों की रिहाई के लिए धरनारत रहे। खालसा को प्रशासन द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा।  अपनी मांग को खालसा मंगलवार को फिर से टंकी पर चढ़कर शांतिमय ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे।

कंवलजीत ने आरोप लगाया कि जब गुरबख्श सिंह खालसा टंकी पर चढ़कर विरोध कर रहे थे तभी पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें जबरन नीचे उतारने की कोशिश और इसी धक्कामुक्की में गुरबख्श सिंह खालसा नीचे गिर गया।


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