कांग्रेस में बड़ा चौधरी कौन? जंग तेज

punjabkesari.in Tuesday, Jun 20, 2017 - 08:17 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी):कांग्रेस की प्रांतीय राजनीति में बड़ा चौधरी कौन है? इस सवाल के बीच हरियाणा कांग्रेस के 3 दिग्गज प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अखिल भारतीय कांग्रेस मीडिया प्रभारी व विधायक कैथल रणदीप सिंह सुरजेवाला में आज-कल किसानों का मसीहा बनने की होड़ शुरू हो गई है। तीनों अलग-अलग क्षेत्रों में किसानों के नाम पर हरियाणा व केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। 

तंवर ने कल से सत्याग्रह करनाल में शुरू कर दिया है। वह सैक्टर-12 में 3 दिन-रात सत्याग्रह के दौरान शामियाने में किसानों के साथ गुजारेंगे। 23 जून को ‘हक मांगो आंदोलन’ के अगले चरण में ‘किसान व मजदूर बचाओ धरना’ सुबह 10 बजे, लघु सचिवालय, हिसार (हरियाणा) में आयोजित किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता सुरजेवाला करेंगे। 

हुड्डा ने ऐलान किया है कि कांग्रेस 25 जून से प्रदेशभर में सिलसिलेवार प्रदर्शन करेगी। 25 जून को रेवाड़ी से कांग्रेस की किसान पंचायत शुरू होगी। 30 जून को सिरसा में, 1 जुलाई को सोनीपत में पंचायत और प्रदर्शन किए जाएंगे। 6 जुलाई को नूंह में पंचायत के बाद 8 जुलाई को केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के गढ़ जींद में महापंचायत की जाएगी। कांग्रेस के तीनों दिग्गज कहीं भी समानांतर कार्यक्रम नहीं कर रहे हैं। अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस में सभी का मुद्दा एक ही है ‘भाजपा सरकार की तानाशाही और किसान विरोधी नीतियों से त्रस्त किसानों की अनदेखी’ व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो, लेकिन तीनों कांग्रेसी गुट किसी भी गुटबाजी से इंकार कर रहे हैं।

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष तरुण भंडारी ने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर दिन-रात सरकार की प्रांतीय व केंद्रीय नीतियों के खिलाफ जनहित में संघर्षरत हैं। उन्होंने अढ़ाई वर्ष के भाजपा शासन के खिलाफ हर जनविरोधी मुद्दे पर संघर्ष किया है। भूपेंद्र सिंह बूरा उर्फ भूपी का कहना है कि भाजपा सरकार की तानाशाही और किसानों की अनदेखी के खिलाफ हरियाणा किसान खेत मजदूर कांग्रेस और हरियाणा कृषक समाज द्वारा संयुक्त रूप से 23 जून रणदीप सुरजेवाला की अध्यक्षता में आंदोलन किया जाएगा। यह कांग्रेस का कार्यक्रम है और सभी कांग्रेसी एकजुट हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा का कहना है कि प्रदेश में किसानों का बुरा हाल है। सभी कांग्रेसी विधायक व सांसद किसानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ किसान पंचायत कर रहे हैं। जिन सत्ता से जुड़े नेताओं ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लेकर 2013 में कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया, वो अब मूकदर्शक बने हुए हैं। कांग्रेस में कोई फूट नहीं है। मेरे सभी कार्यक्रम पार्टी के हैं जिनमें सभी को न्यौता है। मेरी लड़ाई किसान के लिए है, किसी कुर्सी के लिए नहीं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News

static