केंद्रीय पैट्रोलियम मंत्री से पहचान बता कर ठगे 43.50 लाख रुपए

punjabkesari.in Sunday, Feb 14, 2016 - 01:13 PM (IST)

कैथल (सुखविंद्र): कुछ लोगों ने केंद्रीय पैट्रोलियम मंत्री से पहचान की बात कहते हुए इंडियन गैस एजैंसी दिलवाने के नाम पर 43.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने धोखाधड़ी के लिए सिफारिश के नाम पर केंद्रीय पैट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली व तत्कालीन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री आस्कर फर्नांडिज के जाली पत्र भी तैयार कर लिए थे और वे लैटर दिखाकर उससे धोखाधड़ी की। कुल राशि में से आरोपियों ने 16 लाख रुपए की राशि तो पैट्रोलियम मंत्रालय भवन में बुलाकर ली गई थी।

धोखाधड़ी का शिकार हुए हुडा सैक्टर-19 कैथल निवासी सतीश बंसल की शिकायत पर पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज जांच शुरू कर दी है। पैसे वापस मांगने पर आरोपी शिकायतकत्र्ता को रेप के किसी मामले में फंसाने व जाने की भी धमकी देते थे। पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी को दी शिकायत में दुकानदार सतीश बंसल ने बताया कि वह और उसका पार्टनर कैसोपाल गैस एजैंसी लेने के इच्छुक थे।
 

आरोप है कि वर्ष 2012 में उनकी मुलाकात गांव सजूमा निवासी बलबीर सैनी से हुई। बलबीर सैनी ने कहा कि उसकी पैट्रोलियम मंत्रालय में जान-पहचान है और वह उन्हें गैस एजैंसी दिलवा सकता है। इसके बाद अगस्त 2012 में बलबीर सैनी ने दिल्ली निवासी हजारी लाल व मुनीष कुमार से मुलाकात करवाई। तीनों आरोपियों ने कहा कि एक महीने में गैस एजैंसी शुरू हो जाएगी लेकिन इसके लिए मोटा पैसा खर्च करना पड़ेगा, क्योंकि ऊपर भी सेवा करनी पड़ेगी।
 

इस प्रकार आरोपियों ने अपने झांसे में लेकर उससे 6 बार में 43.50 लाख रुपए हड़प लिए। इसमें से 17 लाख रुपए 2 बार पैट्रोलियम मंत्रालय में बुलाकर लिए गए। आरोपियों ने शिकायतकर्त्ताको तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिज का एक पत्र भी दिखाया, जिसमें पैट्रोलियम मंत्री से गैस एजैंसी दिलवाने की सिफारिश की गई थी।

इसके बाद आरोपियों ने केंद्रीय पैट्रोलियम एवं गैस मंत्री वीरप्पा मोइली द्वारा ऑस्कर फर्नांडिज को टाइप कर भेजा गया पत्र दिखाया, जिसमें आस्कर फर्नांडिज को पहले पत्र में संसोधन के बारे में लिखा गया था लेकिन बावजूद इसके आरोपी व्यक्ति शिकायतकर्त्ता को गैस एजैंसी नहीं दिलवा सके। आरोप है कि पैसे वापस मांगने पर आरोपी हजारी लाल की पत्नी दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी देने लगी। मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी को दी गई। एस.पी. ने मामले की जांच सी.आई.ए.-2 को सौंप दी। 2 महीने चली जांच में शिकायतकत्र्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही मिले। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक के आदेश पर सिविल लाइन थाने में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।


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