डेरा के लिए जी का जंजाल बना नरकंकाल

punjabkesari.in Wednesday, Sep 20, 2017 - 08:07 PM (IST)

सिरसा: हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख एवं वहां की व्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले लोगों को डेरा में ही दफन करने की बातें दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ती जा रही हैं। डेरा में सैंकड़ों लोगों के नरकंकाल सरकार एवं पुलिस के लिए गहन जांच का विषय बने हुए हैं। डेरा उपाध्यक्ष पीआर नैन ने विशेष जांच दल के समक्ष पेशी के दौरान इस बात को स्वीकार भी किया है कि डेरा में अस्थियां दबाई गई हैं।

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नरकंकाल ठिकाने लगाने की मुहिम तो नहीं
डेरा सच्चा सौदा में मुख्यत: हिंदू एवं सिख समाज के लोग ही आते थे। हिंदू समाज मौत के बाद पवित्र सरोवर गंगा या फिर किसी अन्य नदी में अस्थियों का विसर्जन कर अपने पितृों का पिंडदान करते हैं, जबकि सिख समाज के लोग कमोवेश ऐसी की रीति के अनुसार पंजाब में हरी के पतन पर अस्थियों का विसर्जन करता है। खुफिया एवं जांच एजेंसियां डेरा प्रबंधकों की ओर से अस्थियों पर पेड़ लगाने की परंपरा शुरू करने को डेरा में नरकंकाल ठिकाने लगाने को एक मुहिम के तौर पर देख रही है। डेरा ने जिन अस्थियों पर पेड़ लगाए,उन पेड़ों पर अस्थि वाले पुरुष या महिला का कोई नाम अंकित नहीं है जिससे कौन किसकी अस्थि है, इसका पता लगाना भी संभव नहीं है। 
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डेरे के नीचे लगभग 500 कंकाल
डेरा के पूर्व साधु हंसराज चौहान ने दावा किया कि डेरा प्रमुख के खिलाफ जो भी कोई अनुयायी विरोध दर्ज करवाता था तो उसे डेरा के अंदर ही कंरट या फिर विष देकर मौत की नींद सुला दिया जाता था। ऐसे शव को प्रात: 4 बजे से पहले डेरा प्रमुख की गुफा के पास मोटर मार्ग चार के पास संस्कार कर दिया जाता था। हंसराज इस मामले में जांच कमेटी के सामने अपने ब्यान भी दर्ज करवाने को तैयार है। हंसराज ने दावा किया कि डेरा में अगर सही उपकरणों से जांच की जाए तो लगभग 500 नर कंकाल निकल सकते हैं। डेरा उपाध्यक्ष ने विशेष जांच दल के समक्ष वक्तव्य दिया कि डेरा में पांच-छह सौ अस्थियां पेड़ों तले दबी हैं।  
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सच जल्दी आएगा सामने
 विशेष जांच दल के डीएसपी कुलदीप बेनीवाल ने बताया कि डेरा में नरकंकाल को लेकर कई कोणों से जांच जारी है। शिकायतें नरकंकाल की हैं, जबकि डेरा के लोग इन्हें अस्थियां नाम दे रहे हैं, मगर सच्चाई शीघ्र ही सामने आ जाएगी। उन्होंने बताया कि डेरा अध्यक्ष विपशना इंसा और पीआर नैन के बयान लिए गए हैं जिनसे डेरा प्रमुख की पेशी से लेकर आज तक हुई गतिविधियों, हिंसा, हनीप्रीत और अन्य उपद्रवियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। डेरा उपाध्यक्ष ने हनीप्रीत के डेरा में न देखने की बात कही है, वहीं विपशना आने की बात स्वीकार कर रही है, इन विरोधाभाषी विचारों के बीच इन दोनों के बयानों में कितनी सच्चाई है, पर मंथन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन दोनों ही लोगों को जांच में फिर शामिल किया जाएगा। उन्होंने माना कि हनीप्रीत और आदित्य के गिरफ्तार होने के बाद बहुत से ओर तथ्य उजागर होने की उम्मीद है।


 


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