देश लौटीं साक्षी मलिक का खट्टर ने किया स्वागत...सौंपा करोड़ों का चैक (Watch Pics)

punjabkesari.in Wednesday, Aug 24, 2016 - 11:59 AM (IST)

रोहतक/बहादुरगढ़:  रियो ओलिंपिक में देश को पहला पदक दिलाने वाली साक्षी मलिक को हरियाणा सरकार की ओर से बहादुरगढ़ में सम्मानित किया गया। इस दौरान साक्षी के माता-पिता भी मौजूद रहे। बहादुरगढ़ के बाद साक्षी के पुश्तैनी गांव मोखरा में भी विशेष कार्यक्रम रखा गया है। इससे पहले आज सुबह साक्षी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची तो लोगों ने साक्षी का जोरदार स्वागत किया। उन्हें रिसीव करने के लिए हरियाणा सरकार ने अपने 5 मंत्री भेजे। 

 

हरियाणा में एंट्री करते ही साक्षी का लोगों ने गर्मजोशी से वेलकम किया। इसके बाद उन्हें बहादुरगढ़ के कम्युनिटी सेंटर ले जाया गया। रोहतक में अपने गांव तक साक्षी का रोड शो होगा। इस बीच, हरियाणा सरकार ने साक्षी को राज्य की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का ब्रांड एंबेसेडर बना दिया है।

 

मुझे यकीन था मेडल लेकर आऊंगी: साक्षी
साक्षी ने यहां पहंचकर कहा कि मैं सभी के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा करती हूं। उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसा सहयोग मिलेगा। मुझे यकीन था कि मेडल लेकर आऊंगी। सुशील और योगेश्वर से प्रेरणा मिली। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मौके पर कहा कि साक्षी ने देश का नाम और ऊंचा किया है।

 

साक्षी बनीं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का चेहरा
मुख्यमंत्री एम.एल. खट्टर ने ऐलान किया कि साक्षी मलिक बनीं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का नया चेहरा। बच्चियों के जीवन, संरक्षण और सशक्तिकरण से जुड़े इस अभियान की शुरू इस वर्ष जनवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश के पानीपत जिले से की थी। 

 

जोरदार स्वागत को देखकर भावुक हो गईं थी साक्षी 
हवाई अड्डे पर अपने जोरदार स्वागत को देखकर वह भावुक हो गईं। उन्होंने यह उनके लिए गर्व का पल है। साथ ही उन्होंने कहा है कि पूरे हिंदुस्तान ने मेरा साथ दिया है मैं सबको को शुक्रिया कहना चाहती हूं। भारत के लिए मेडल जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था, जिसके के लिए मैंने 12 साल तक तैयारी की थी।

 

बेटी का हौंसला देखकर हमारी बढ़ी हिम्मत: सुखबीर 
साक्षी के पिता सुखबीर मलिक का कहना है कि एक वक्त था, जब 2003 में बेटी ने पहली बार कुश्ती में एंट्री की तो लोगों की बहुत सुननी पड़ी थी, लेकिन बेटी का हौसला देखकर हमारा भी हौसला बढ़ा। देश और प्रदेश सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दे चुकी है। मेरा मानना है कि बेटी खिलाओ का नारा भी दिया जाना चाहिए। 

 

सुखबीर मलिक ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतना हुजूम उमड़ेगा, देशवासियों से इतना प्यार मिलेगा। ओलिंपिक में 12 दिन बीत जाने के बावजूद देश के नाम कोई मेडल नहीं था और जब से उनकी बेटी ने यह मेडल जीता है, तभी से हर कोई पलकें बिछाए इस पल का इंतजार कर रहा था।

 

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