डेढ़ माह में 14 लोगों की नहर में  डूबने से मौत, फिर भी जागरूक नहीं लोग

punjabkesari.in Friday, May 19, 2017 - 01:21 PM (IST)

यमुनानगर(सतीश):डेढ़ माह में 16 लोग पश्चिम यमुना नहर में डूब चुके हैं। 2 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। पिछले आंकड़ों पर गौर करे तो मौत का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने की पहल करता कोई नजर नहीं आ रहा। नहर पर युवक बाइक तक लेकर आ रहे हैं। इस दौरान वे भंवर में फंस सकते हैं। कुछ युवक तो फिल्मी स्टाइल में नहाते हैं। पुल से नहर में छलांग लगाते हैं या यूं कहें स्टंट करते हैं। इस दौरान उनका सिर पत्थर पर लग सकता है, जिससे भी उनकी जान जा सकती है।  14 मई को आजाद नगर क्षेत्र के 3 दोस्त एक साथ डूब गए। तीनों के शव मिल गए हैं। इतनी जान जाने के बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे। 
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सिंचाई विभाग हो या फिर पुलिस, उनकी ओर से भी कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है। इसका हल इतना है कि क्षेत्र में स्कूल छुट्टी के समय पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए या फिर कोई एन.जी.ओ. नहाने वाले लोगों को जागरूक करे। तीसरा हल ये है कि इस इलाके में लगातार मुनादी करवाई जाए। नहर किनारे मंदिरों में पूजा पाठ के दौरान नहर में न उतरने की एनाऊंसमैंट करवाई जाए। जिले के हर निजी या सरकारी स्कूलों में डी.ई.ओ. की तरफ से जागरूकता पत्र जाए कि नहर में नहाना खतरे से खाली नहीं। इलाके के पार्षद व गांव के सरपंच भी नहर के साथ लगती कालोनी के लोगों को जागरूक कर सकते हैं। गोताखोर अमर सिंह के मुताबिक सीजन में 150 से अधिक जान चली जाती हैं। यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। बीते डेढ़ माह में ही 16 लोग डूबे हैं। 2 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।  
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नहा रहे थे सैंकड़ों बच्चे 
इलाके में व नहर किनारे सभी को सूचना थी कि 3 बालक डूब गए हैं। बावजूद इसके दोपहर के समय 150 से अधिक बालक बेखौफ नहा रहे थे। उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं था।  
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यहां बढ़ाई जाए चौकसी
गोताखोर अमर सिंह, सुरेन्द्र सिंह व रामकेश ने बताया कि प्रशासन को कुछ ही प्वाइंट पर काम करना है। यदि इन पर काम हो जाए तो हादसों के ग्राफ में कमी आ सकती है। शहर के अंदर की बात करे तो बाड़ी माजरा पुल से दड़वा कंटीलीवर पुल तक कुछ ही घाट है। जहां पर चौकसी बढ़ाई जाए। इसी तरह हमीदा हैड, आवर्धन नहर के कुछ ङ्क्षबदु, बूडिय़ा, फतेहगढ़, हथिनीकुंड, ताजेवाला, जठलाना व रादौर क्षेत्र में निगरानी जरूरी है। कुछ मामलों में सामने आया है कि युवा नशे का सेवन करने के बाद नहर में उतरते हैं। नहर के साथ लगते एरिया में शराब की बोतलें भी पड़ी मिली हैं। ध्यान रहे कि इससे पहले दादूपुर पर डूबने की कई घटनाएं होती थीं। सख्ती होने के बाद यहां पर हादसों में कमी आई है। हालांकि इन सभी घाटों पर जिला प्रशासन ने चेतावनी बोर्ड लगा रखे हैं। हिदायत दी गई है कि नहर में गहराई है और भंवर भी फंस सकते हैं।  
 


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