सीवर में सफाई कर्मचारियों को नहीं पड़ेगा उतरना, सरकार खरीदेगी आधुनिक नए उपकरण

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 01:31 PM (IST)

पलवल (बलराम गुप्ता) : 22 फरवरी के पंजाब केसरी में छपी खबर बिना सुरक्षा उपकरण के सीवर में उतर रहे सफाईकर्मी का असर हरियाणा सरकार के बजट पर पड़ा है। सरकार ने अपने बजट में अन्य मुद्दों के साथ प्राथमिकता पर सीवरेज के लिए आधुनिक सफाई मशीन के उपकरण खरीदने के लिए बजट मंजूर कर दिया है। जिसके बाद अब सफाई के लिए सफाई कर्मचारियों को मैन होल में नहीं उतरना पड़ेगा। बता दे कि पंजाब केसरी ने सफाई कर्मचारियों के सीवर में उतारने के मामले को प्राथमिकता से प्रकाशित किया था।

सफाई कर्मचारियों को खुले आम सीवरेज में उतारा जा रहा है, इसीलिए उज्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए सरकार से उसकी पालना में यह सुनिश्चित करने की सीवरेज या मेन होल की सफाई के लिए सफाई कर्मचारियों को सीवरेज लाइन, सेप्टिक टैंक या मेन होल में उतारने की प्रक्रिया पूरी बंद करने की खबर प्रकाशित की थी। सीवर साफ  करते हुए सफाई कर्मचारी जिंदा लाश बन कर रह जाते है और आज तकनीकी के दौर में भी अगर किसी को ऐसे अपनी जान जोखिम में डालनी पड़े तो सरकार द्वारा  सफाई के नाम पर लाखों, करोड़ो रुपए खर्च करने का आज तक क्या फायदा हुआ है।

पंजाब केसरी में छपी खबर के मुताबिक सरकार आज भी इस समस्या का समाधान सेफ्टी किट, दस्ताने और मास्क उपलब्ध करा कर तलाश कर रही है। सरकार के पास अभी तक ऐसा कोई भी साधन नहीं है कि गटर में गंदगी, कागज या प्लास्टिक से गटर ब्लाक हो जाए तो उसे खोला जा सके। छोटी गलियों में तो हालात और ज्यादा खराब है। वहां तक तो सरकार की साल में से 10 महीने खराब रहने वाली सीवरेज को साफ  करने वाली मशीन भी नहीं पहुंच सकती हैं।

अब सरकार पर पंजाब केसरी की खबर का असर तो पड़ा है जो देर आए दुरुस्त आए जैसा है, लेकिन अभी भी लोगों को शंका है कि जैसे आज भी जिले की एकमात्र सीवरेज सफाई की मशीन अधिकतर खराब ही रहती हैं तो क्या आगे चलकर सरकार द्वारा खरीदे गए आधुनिक सफाई उपकरण ज्यादा समय तक ठीक अवस्था में रह पाएंगे या उनका भी हाल जैसा आज तक चल रहा ऐसे ही चलता रहेगा।

गन्ना किसानों की मांग को किया अनसुना : पिछले कई सालों से पलवल के गन्ना किसान यहां की शुगर मिल की क्षमता बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, यहां की गन्ना मिल की मशीनें भी पुरानी हो चली है और आए दिन खराब होती रहती है, लेकिन सरकार ने अपने बजट में पानीपत और करनाल की चीनी मिल के आधुनिकीकरण करने के लिए बजट मंजूर कर दिया है। पलवल के किसानों की मांग को अनसुना करके पलवल चीनी मिल के लिए कुछ नहीं किया है।


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Isha

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