कर्मयोगी रवि कालरा को मरणोपरांत पदमश्री दिया जाए : डा. डीपी गोयल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 21, 2021 - 08:28 PM (IST)

गुडग़ांव, (ब्यूरो): कर्मयोगी रवि कालरा सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे। उन्होंने अपना जीवन समाजसेवा को समर्पित किया। बीमार, लाचारों, बुजुर्गों की सेवा को वे दिन-रात जुटे रहे। मरणोपरांत उनके अंगों को भी दान किया गया। ऐसे कर्मयोगी को मरणोपरांत पदमश्री सम्मान दिया जाना चाहिए। यह मांग कैनविन फाउंडेशन द्वारा सरकार से की गई है। कैनविन फाउंडेशन के संस्थापक डा. डीपी गोयल ने कहा कि द अर्थ फाउंडेशन बनाकर कर्मयोगी रवि कालरा जी ने मानवता की सेवा की नई राह दिखाई। हर कोई उनकी सेवा और सेवा भावना का कायल था, है और रहेगा। देशभर में उनका नाम है। चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो या सामाजिक, न्यायिक क्षेत्र हो या कोई अन्य क्षेत्र। हर जगह उनके सेवा कार्यों की सराहना होती रहती है।

गुरुग्राम में वे वर्ष 2008 से जनसेवाएं कर रहे थे। बंधवाड़ी में उन्होंने आश्रम बनाकर जिस तरह से बीमार, लाचारों को वे गलियों, नालियों से उठाकर अपने आश्रम में लाकर सेवा करते, वह काम अपने आप में अविस्मरणीय, अकल्पनीय है। श्री कालरा बहुत बड़े योद्धा थे। उन्होंने अपने जीवन काल में 6 हजार से अधिक लावारिस लाशों का दाह-संस्कार किया है, जिसकी बदौलत उन्हें हॉन्किंग मैन ऑफ इंडिया कहा जाने लगा। उनका इस तरह से चले जाना गुरुग्राम ही नहीं, देश को बड़ी क्षति है। सभी को उनके असामयिक निधन से गहरा आघात पहुंचा है। रवि कालरा को उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू द्वारा वर्ष 2019 में राष्ट्रीय अवार्ड दिया गया था। यह अवार्ड उनके समाज में विलक्षण कार्यों और दिव्यांग लोगों के लिए किए गए कल्याण कार्यों के लिए दिया गया था। पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों की बदौलत उन्हें सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटरनेशशनल अवार्ड दिया गया।
 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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