जहां हुई तीन की मौत वहीं दस सैकंड में बच गई दो जान

punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 08:33 PM (IST)


21 घंटे बाद बंद हुए रेस्क्यू
गुडग़ांव (ब्यूरो): फर्रुखनगर थाना क्षेत्र के गांव ख्वासपुर में बिल्डिंग गिरने के हादसे में उसी बिल्डिंग में सो रहे दो युवकों ने भागकर सिर्फ दस सैकंड में अपनी जान बचा ली। हालांकि इस हादसे में तीन लोगों की मौत व एक का पैर टूट गया है। हादसे के करीब 21 घंटे के बाद एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू बंद कर दिया। इस मामले में पुलिस ने बिल्डिंग के मालिक रविंद्र कटारिया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। बिल्डिंग गिरने दस सैकंड में अजय व विजय ने दूसरी मंजिल से उतरकर अपनी जान बचा ली। हादसे में अपनी जान बचाने वाले विजय कुमार ने बताया कि वह भिवानी जिले से है, पिछले चार वर्षों से वह इस कंपनी से जुडा हुआ है।

विजय ने बताया कि वह पूरी बिल्डिंग में छह कर्मचारी थे जो शनिवार को नाइट ड्यूटी करके आए थे। वह पूरा दिन खाना खाने के बाद वह पांच कर्मचारी दूसरी तल पर सोए हुए थे। विजय ने बताया कि शाम को करीब साढे छह बजे उसकी आंख खुल गई। उसके बाद उसने फोन देखना शुरू कर दिया। कुछ देर तक फोन देखने के बाद उसने कमरे से बाहर निकल कर अपना मुंह धोया। इस दौरान उसको बिल्डिंग भरभराने की अवाज सुनाई दी। तो उसने अजय मिश्रा को आवाज लगाई कि भाग बिल्डिंग गिर रही है।

पहली आवाज में अजय मिश्रा को कुछ समझ नहीं आया तो विजय ने फिर से जोर से आवाज लगाई तो उसकी आवाज सुनकर अजय भी उसके साथ भागकर बिल्डिंग की साइड से नीचे उतर गया। विजय ने बताया कि बिल्डिंग से उतरने के बाद सिर्फ पांच कदम ही चले थे कि बिल्डिंग आगे की तरफ एक दम से गिर गई। उन्होंने इसकी सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दी व स्थानीय लोगों को इसके बारे में बताया।
तीसरी तल पर सोने वाले प्रदीप चौधरी की टूटी टांग
नाइट ड्यूटी करके आए प्रदीप चौधरी मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं। नाइट ड्यूटी के बाद वह तीसरी मंजिल पर आकर सो गया था। जबकि मरने वाले प्रदीप भारद्वाज, पिन्नी भारद्वाज और रोबिन तीनों बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर एक कमरे में सो रहे थे। बिल्डिंग गिरने के बाद प्रदीप चौधरी जो तीसरी तल पर था उसकी टांग टूटने गई है। जबकि दूसरी  तल पर सोने वाले तीनों कर्मचारियों की मौत हो गई।
बिल्डिंग का नीचे से चल रहा रिपेयरिंग का कार्य
सूत्रों के अनुसार कंपनी ने रविंद्र कटारिया से गोदाम व बिल्डिंग दोनों करीब छह लाख रुपये में प्रति माह के हिसाब से लिया हुआ था। बिल्डिंग में नीचे से दिवारों में काफी दिनों से दरारें आई हुई थी, जिसका रिपेरिंग का कार्य चल रहा था। कंपनी के गोदाम में काम करने वाले कर्मचारियों को रहने व खाना कंपनी की तरफ से दिया जाता था। इस कारण कंपनी में दिन-रात काम चलता रहता था तो कर्मचारी अपनी शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी करते रहते थे।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Gaurav Tiwari

Recommended News

Related News

static