मिड डे मील के नाम पर मजाक, प्राइमरी के बच्चों को 100 व मिडिल को 150 ग्राम सूखा अनाज दे रही सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Jan 05, 2021 - 02:56 PM (IST)

सोहना(सतीश राघव): भले ही प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आए रोज नए -नए दावे करती हो, लेकिन सरकार के इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ ओर की बया करती है। बता दे की सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सँख्या बढ़ाने के लिए मिडडे मील की शुरुआत की गई थी मिडडे मिल द्वारा कक्षा पहली से लेकर आठवी कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के व्यजन जिसमे खिचड़ी,वेज बिरयानी,खीर,पंजीरी आदि शामिल थे, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना कोविड19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने स्कूलों को बंद करने का फैसला लेकर स्कूली छात्र-छात्राओ को शिक्षा देने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरु कर दी साथ ही पहली कक्षा से लेकर आठवी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए सूखा राशन देने की भी पहल शुरु की लेकिन दस माह में अभी तक सोहना के कई स्कूलों में मात्र दो बार ही राशन वितरित किया गया है  लेकिन इस बात को कोई भी अधिकारी बताने के लिए तैयार नही है कि क्या सरकार की तरफ से ही  मात्र दो बार राशन भेजा गया है या फिर स्कूलों में राशन तो सरकार की तरफ से हर माह भेजा गया है लेकिन स्कूल प्रबंधको की तरफ से विद्यार्थियों को राशन वितरित नही किया गया है।अब देखना इस बात का होगा कि वास्तव में सरकार द्वारा ही विधार्थियो के साथ भद्दा मजाक किया गया है या फिर स्थानीय अधिकारी या फिर स्कूल प्रबंधको ने ही विधार्थियो के इस हक को हड़प लिया लिया है।

क्या कहते है स्कूल प्रबंधक
इस विषय को लेकर जब हमने दोहला सीनियर सेकंडरी की प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कक्षा पहली से लेकर पाँचवी तक पढ़ने वाले विधार्थियो के लिए सौ ग्राम अनाज प्रतिदिन के हिसाब से भेजा जाता है वही कक्षा छठी से लेकर आठवी तक के विधार्थियो के लिए डेढ़ सौ ग्राम अनाज दिया जाता है जिसमे चावल व गेहूं शामिल है।बताया कि स्कूल की तरफ से अभी तक तीन बार विधार्थियो के लिए गेहूं व चावल वितरित किए गए है।

क्या कहते है विद्यार्थी
जब हमने कक्षा पहली से लेकर आठवी तक के बच्चो से बात की तो विधार्थियो का कहना है कि जबसे सरकार द्वारा स्कूल बंद किए गए है तब से अभी तक स्कूल की तरफ से मात्र दो बार ही सूखा अनाज दिया गया है।बताया कि इससे पहले गेहू व चावल के साथ सूखे दूध के पैकेट भी दिए गए थे लेकिन अभी बार डेढ़ किलो चावल व डेढ़ किलो गेहूं ही दिए गए है।

 


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Isha

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