कर्मिशयल जमीन को कृषि व घरेलू जमीन दिखाकर किया 12 करोड़ का स्टांप ड्यूटी घोटाला

punjabkesari.in Thursday, Nov 19, 2020 - 12:35 PM (IST)

पानीपत: पानीपत जिले की अलग-अलग तहसीलों में कर्मिशयल जमीन को कृषि योग्य भूमि व घरेलू जमीन दिखाकर रजिस्ट्री करवाने में करीब 12 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी का घोटाला कर सरकार के राजस्व को चूना लगाया गया। हर जिले में होने वाले ऑडिट में यह मामला उजागर हो रहा है। इसे घोटाला कहे या रजिस्ट्री करवाने व करने वालों की मिलीभगत यह जांचकत्र्ताओं व सरकार को तय करना है लेकिन करोड़ों रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी कर घोटाले को अंजाम तो दिया ही गया है। ऐसे में अब जिन अधिकारियों के पास क्लैक्टर के तौर पर केस पैंडिंग है वह भी नोटिस नहीं दे रहे है तो मामले में घालमेल किया जा रहा है। इस मामले में कई बड़े वसीका नवीस भी शामिल हो सकते है।  वहीं बड़ी जमीनों के खरीदारों ने इस घोटाले को अंजाम देने का काम किया है।

दूसरी ओर अधिकारियों का मानना है कि हर तहसील में आडिट अधिकारी होता है जिसका काम यही होता है। जब सरकार द्वारा ऑडिट के लिए पोस्ट बनाई है तथा अधिकारी तैनात किए गए है तो जांच भी होगी और रजिस्ट्रियों में खामियां भी मिलेगी। पहले रजिस्ट्री से पहले जमीन व रेट आदि की ऑडिट होता था लेकिन अब रजिस्ट्री के बाद ऑडिट होता है जो जांच पड़ताल करता है कि जिस जगह की रजिस्ट्री हुई है वह कर्मिशयल है या घरेलू। हालांकि रजिस्ट्री करते समय यह तहसीलदार, क्लर्क व वसीका नवीस को भी देखना होता है तथा सभी को रजिस्ट्री एरिया के बारे में जानकारी होती है। फिर भी राजनीतिक दबाव व आपसी रजामंदी से इस प्रकार रजिस्ट्री होती रहती है। जिस कारण इस प्रकार के मामले उजागर होते रहते है। रोचक बात है कि अभी तक जिन लोगों ने कम स्टांप ड्यूटी देकर रजिस्ट्री करवाई थी उनसे पूरी स्टांप ड्यूटी नहीं वसूली गई है। वहीं शिकायतकर्त्ता ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है। 

ऐसे हुआ मामला उजागर
गांव मनाना वासी संदीप ने अपने वकील अमित कुमार के माध्यम से आर.टी.आई. द्वारा पिछले तीन साल की जिले की सभी तहसीलों में 557 रजिस्ट्रियों में यह मामला पकड़ा। इनमें जितनी स्टांप ड्यूटी बनती थी वह नहीं ली गई। कुछ जमीन को कृषि भूमि तो कुछ को घरेलू दिखा दिया। कुछ की जगह में बदलाव है। जिससे स्टांप ड्यूटी कम ली गई। जिससे पांचों तहसीलों में 11 करोड़ 84 लाख 25 हजार 510 रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी का मामला उजागर हुआ। 2018, 2019 व 20 के दौरान की गई कुल 557 रजिस्ट्रियों में यह स्टांप ड्यूटी कम वूसली गई। 

इन तहसीलों में इतनी राशि की कम स्टांप ड्यूटी का पहुंचाया नुक्सान
इसराना - 5 रजिस्ट्री- 29,1508 रुपए 
बापौली - 24 रजिस्ट्री - 22,55,934 रुपए
मडलौडा- 24 रजिस्ट्री- 43,53,819 रुपए 
समालखा- 95 रजिस्ट्री- 9,28,3060 रुपए 
पानीपत - 409 रजिस्ट्री- 10,22,41189 रुपए 

यह एक प्रशासनिक ऑडिट प्रक्रिया जो हर साल होती है, कोई घोटाला नहीं है : तहसीलदार
पानीपत के तहसीलदार डा. कुलदीप ने कहा कि हर तहसील में स्टांप ऑडिटर होता है जो सभी रजिस्ट्रियों को ऑडिट करता है। कलैक्टर रेट से कम स्टांप ड्यूटी ली पाई जाती है तो यह रिकवरी के लिए बोलता है। जिसने रजिस्ट्री करवाई है उससे पूरी स्टांप ड्यूटी के लिए नोटिस दिया जाता है जिसे एक माह का समय भी दिया जाता है। यदि वह समय पर पूरी स्टांप ड्यूटी जमा नहीं करवाता तो सबंंधित कलैक्टर के पास केस चलता है। जिसके तहत पूरी स्टांप राशि वसूली जाती है। यदि रजिस्ट्री करवाने वाला पूरी स्टांप राशि जमा नहीं करवाता तो उसकी प्रापर्टी एटैच की जाती है। यह एक रूटिन प्रशासनिक प्रक्रिया है। किसी प्रकार का कोई घोटाला नहीं हुआ है। पहले प्री ऑडिट होता था अब पोस्ट ऑडिट हो रहा है। जिला परिषद के सी.ओ. के पास 325 व डी.आर.ओ. के पास 225 के करीब रजिस्ट्री की जांच प्रक्रिया बतौर कलैक्टर चल रही है। इस प्रकार की ऑडिट प्रक्रिया हर साल होती है।


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Isha

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