40 करोड़ का पोस्ट मैट्रिक घोटाला, 2 आरोपी अधिकारियों को हाईकोर्ट का जमानत देने से इंकार

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2020 - 11:15 AM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा में अनुसूचित जाति-पिछड़ा वर्ग के छात्रों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले पोस्ट मैट्रिक वजीफे की आड़ में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में आरोपी 2 अधिकारियों की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है,जिसका विजीलैंस ने विरोध किया था। मुख्य आरोपियों में शामिल डा. जोगेंद्र सिंह व बिलेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी,जिस पर सरकार व विजीलैंस का जवाब आने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

इस मामले में सरकार ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वर्ष 1981 में एस.सी./बी.सी. छात्रों के लिए शुरू हुई पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को लेकर पहले जहां तीन दशक से अधिक समय तक शिक्षण संस्थाओं ने जमकर फर्जीवाड़ा किया,वहीं पांच साल से ऑनलाइन सिस्टम के बावजूद यह खेल थमा नहीं है। इसलिए सही जांच के लिए इन आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट में विजीलैंस ने स्टेटस रिपोर्ट दायर कर कहा कि यह घोटाला 16 जिलों तक फैला है और लगभग 40 करोड़ रुपए से अधिक का है। 
 

राज्य सतर्कता ब्यूरो ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि  अभी तक की जांच में 30 से 40 फीसदी छात्र फर्जी पाए जा चुके हैं, जबकि फर्जी संस्थानों की संख्या भी 25 से 30 फीसदी के बीच है। गोलमाल के खुलासे के बावजूद लाभाॢथयों के आधार नंबर से छेड़छाड़ कर फर्जी खातों में पैसे हस्तांतरित कर पात्र छात्रों की राशि पर डाका पूरी तरह थमा नहीं है। हजारों छात्रों के आधार नंबर व खाता नंबर बदलकर अन्य खातों में पैसा जमा किया गया। घोटालेबाज ने फर्जी संस्थान तक बना रखे हैं जिसके जरिए पात्र छात्रों के हितों पर डाका डाला गया। सरकार व विजिलैंस का पक्ष को ध्यान में रखकर हाई कोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया।


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Isha

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