मेवात से मलाला बनने का सपना लेकर निकली 5 लड़कियां

punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2020 - 10:34 AM (IST)

करनाल (शर्मा): एक तरफ जहां हरियाणा सरकार द्वारा बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान हेतु चुनी गई ब्रांड एम्बैसेडरों को हरियाणा के लोग आज भी तलाश रहे हैं वहीं देशभर में पिछड़ेपन के क्षेत्र में 707वां स्थान रखने वाले मेवात जिले की 5 लड़कियां महिला उत्थान की अलख जगाने हेतु हरियाणा में निकल पड़ी हैं। अगले एक साल तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में घूमकर महिलाओं के उत्थान की परियोजनाओं पर काम करने के बाद इनमें से एक लड़की को सैल्फी विद डॉटर फाऊंडेशन की ब्रांड एम्बैसेडर घोषित किया जाएगा।

सैल्फी विद डॉटर फाऊंडेशन ने 895 लड़कियों में से किया चयन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजैक्ट सैल्फी विद डॉटर को आगे बढ़ा रहे हरियाणा के जींद जिला निवासी सुनील जागलान ने 4 माह तक 800 से अधिक लड़कियों का साक्षात्कार करने के बाद नूंह जिले से उन 5 लड़कियों को इस अभियान के लिए चुना है जिनको जिंदगी ने किसी न किसी स्तर पर ऐसा सबक दिया जिसने उन्हें घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर महिलाओं के लिए कुछ करने को प्रेरित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल दौरान पानीपत से राष्ट्रव्यापी बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू करके फिल्म अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को ब्रांड एम्बैसेडर घोषित किया था।

पांचों लड़कियां करेंगी अलग-अलग प्रोजैक्ट पर काम
इसके बाद हरियाणा सरकार ने पहले अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा तथा बाद में साक्षी मलिक को ब्रांड एम्बैसेडर बनाया था। इनमें से आज तक कोई भी धरातल पर सक्रिय नहीं दिखाई दिया है। वहीं सैल्फी विद डॉटर फाऊंडेशन ने हरियाणा के सबसे पिछड़े जिला मेवात में अभियान चलाकर 895 लड़कियों का साक्षात्कार लिया जिनमें से 5 लड़कियों का चुनाव किया गया। पिछले 3 साल से मेवात में काम कर रहे फाऊंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान के अनुसार पांचों लड़कियों को अलग-अलग प्रोजैक्ट दिए गए हैं। जिन पर वे एक साल तक काम करेंगी। इसके बाद उनमें से एक लड़की को राष्ट्रीय स्तर पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एम्बैसेडर बनाया जाएगा।

रिजवाना ने महिलाओं की हालत देखी तो शुरू किया अभियान
मेवात जिला के गांव पिपाका निवासी रिजवाना को जब यहां की महिलाओं विशेषकर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य स्तर के बारे में पता चला तो उसने यहां महिलाओं को जागरूक करने हेतु अभियान छेड़ दिया,जो अब आंदोलन का रूप ले रहा है।

मामला दर्ज हुआ तो शुरू की वकालत, अब महिलाओं को सिखाएंगी कानून
इस अभियान के लिए चुनी गई मेवात के गांव ऐंचवाड़ी निवासी वसीमा की कहानी अजीब है। राजनीतिक दबाव में उसके पिता,भाई व खुद उसके विरुद्ध मामला दर्ज हो गया जिससे वह बाहर तो निकली लेकिन उसने प्रण लिया कि वह न केवल वकालत पास करके गांवों में गुटबाजी के चलते दर्ज होने वाले मामलों में पीड़ितों को इंसाफ दिलाएगी बल्कि महिलाओं को घर-घर जाकर कानून की जानकारी देगी। वसीमा आज न केवल लॉ कर रही है बल्कि सेल्फी विद डॉटर अभियान से जुड़कर सप्ताह में 2 दिन महिला जागरूकता कार्यक्रम भी चलाती हैं।

लड़कियों को पढ़ाई का हक दिला रही अंजुम इस्लाम
परिवार के लोग लड़कियों की पढ़ाई का विरोध करते थे। नूंह जिला के छोटे से गांव टाई निवासी अंजुम इस्लाम ने लंबी लड़ाई लड़कर परिजनों को इस बात के लिए राजी किया कि वह यूनिवॢसटी स्तर की पढ़ाई कर सकें। अब तक अंजुम सैल्फी विद डॉटर से जुड़कर आस-पास के 3 गांवों की लड़कियों को पढ़ाई हेतु प्रेरित कर चुकी हैं।


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Isha

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