50 बैड का सिविल अस्पताल; चिकित्सक मात्र एक

punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2020 - 12:42 PM (IST)

रतिया: सरकार द्वारा पिछले काफी अर्से से रतिया के सिविल अस्पताल को 30 बैड से बढ़ाकर 50 बैड का तो कर दिया है लेकिन इसमें चिकित्सकों की कमी के कारण क्षेत्र के लोगों का उचित उपचार नहीं हो रहा है। एक तरफ तो सरकार प्रदेश के हर नागरिक को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने का दम भर रही है, वहीं दूसरी तरफ पंजाब सीमा से लगने वाले इस सिविल अस्पताल में मात्र एक ही चिकित्सक की नियुक्ति की हुई है। नियुक्त किया गया उपरोक्त चिकित्सक एमरजैंसी मरीजों के अलावा प्रशासनिक कार्यों की भी देखभाल कर रहा है।

इस अस्पताल में 13 चिकित्सकों की जरूरत है लेकिन 12 पद रिक्त पड़े हैं और एक मात्र ही स्पैशलिस्ट एवं एनस्थोपिया के चिकित्सक डा. भरत सिंह ही इंचार्ज के रूप में कार्य कर रहे हैं। सिविल अस्पताल के अलावा इसके अधीन आने वाले 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व एक ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्र में भी मैडीकल अधिकारियों की काफी कमी है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर प्रभावित होती जा रही हैं। हालांकि सिविल अस्पताल में सहयोगी के तौर पर कंस्सेट चिकित्सक डा. विजय जैन की नियुक्ति होने के कारण उपरोक्त इंचार्ज के सहयोग से प्रतिदिन 300 से 400 तक के मरीजों की ओ.पी.डी. अवश्य हो रही है, लेकिन एमरजैंसी तौर पर आने वाले मरीजों को निरंतर रैफर ही किया जाता है।

एक्स-रे के काम भी हो  सकते हैं प्रभावित
सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाई गई आधुनिक एक्स-रे मशीन पर तैनात रेडियोग्राफर की अगले माह के अंत तक सेवानिवृत्ति होनी है। विभाग के सूत्रों का कहना है कि अगर विभाग ने उपरोक्त सेवानिवृत्ति के पश्चात तुरन्त रेडियोग्राफर की नियुक्ति न की तो अस्पताल में एक्स-रे का कार्य भी प्रभावित हो सकता है।

अधिकांश मरीजों को किया जाता है रैफर 
अस्पताल में गंभीर मरीज के अलावा दुर्घटना से ग्रस्त कोई भी मरीज उपचार के लिए आता है तो चिकित्सकों के अभाव के चलते उन्हें मात्र प्राथमिक उपचार के पश्चात रैफर कर दिया जाता है। अधिकांश मरीजों को अस्पताल से रैफर किए जाने के कारण यह अस्पताल रैफर अस्पताल के नाम से भी पूरी तरह विख्यात हो चुका है।

उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है : इंचार्ज
सिविल अस्पताल की समस्या को लेकर जब अस्पताल के नवनियुक्त इंचार्ज डा. भरत सिंह से बात की तो उन्होंने चिकित्सकों की कमी को स्वीकार करते हुए बताया कि वह एक मात्र ही चिकित्सक हैं जो प्रशासनिक कार्यप्रणाली के अलावा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 12 पद रिक्त हैं, जिसके लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है और इसके अलावा मोर्चरी हाल में अतिरिक्त चिकित्सकों की नियुक्ति करने के लिए भी उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। 


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Isha

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