हरियाणा की इस नगर परिषद को लगा लाखों रुपये का चुना, खाते की डिटेल निकालने पर हुआ खुलासा

punjabkesari.in Sunday, Aug 30, 2020 - 04:17 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार): हरियाणा की सबसे सम्पन्न नगर परिषदों में शुमार बहादुरगढ़ नगर परिषद के साथ 98 लाख 61 हजार का फ्रॉड हो गया। हालांकि वक्त रहते चेतने पर नगर परिषद को 9 लाख 93 हजार रूप्ए वापिस भी मिल गए, लेकिन 88 लाख 68 हजार रूपए की चपत तो नगर परिषद को लग ही गई है। शातिर ठग ने प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से आठ अलग अलग चैक लगाकर 88 लाख 68 हजार निकाले हैं। 

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बिहार के राम आसरे के नाम से ये चैक दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में लगाए गए। पीएनबी बैंक की क्लीयरिंग शाखा ने एक चैक जिसमें कटिंग थी, उसको भी क्लीयर कर दिया। नगर परिषद के अधिकारी जब आईडीबीआई बैंक में खाते की डिटेल निकलवाने गए, तब इस मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए लाभांवित व्यक्ति को कुल मिलाकर ढाई लाख रूपए तीन किश्तों में दिए जाते हैं। इसके लिए भी पीएफएमएस पोर्टल के जरिए सीधे खाते में पैसा ट्रांसफर किया जाता है न कि चैक के जरिए। नगर परिषद ने आईडीबीआई बैंक से इस खाते की एवज में कोई चैक बुक भी नहीं ली। बावजूद इसके प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से परिषद के चैक बनाकर पैसे उड़ा लिए गए। 

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पैसे कम रह गए तो दूसरे खाते से पैसे निकालने का काम शुरू किया
जब इस खाते में पैसे दो लाख से कम रह गए तो शातिर ठग ने म्युनिसिपल फंड के दूसरे खाते से पैसे निकालने का काम शुरू किया। 24 अगस्त का चैक लगाकर एक्सिस बैंक के खाते से 9 लाख 93 हजार निकाल लिए। 25 अगस्त का भी एक चैक लगभगत इतने ही अमाउंट का लगाया गया है। आईडीबीआई खाते से हूई लूट की भनक लगते ही परिषद अधिकारियों ने एक्सिस बैंक में लगे चैक पर आपत्ति जताई। जिसके बाद एक्सिस बैंक ने एक चैक की पेमेंट रूकवा दी और जिस चैक की एवज में पेमेंट कर दी थी, उस पेमेंट को वापिस परिषद खाते में डाल दिया।

पुलिस ने आईपीसी की चार धाराओं के तहत मामला किया दर्ज
नगर परिषद के खाते से हुई लूट की लिखित शिकायत मिलते ही पुलिस ने आईपीसी की चार धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शहर थाना पुलिस प्रभारी सुनील ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया है और तमाम सबूत जुटाए जा रहे हैं। बैंक अधिकारियों और नगर परिषद अधिकारियों से भी बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द मामले का सुलझा लिया जाएगा।

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बैंकों से चैक क्लीयर कराने का एक सेट पैटर्न है। जिस बैंक में चैक क्लीयर कराने के लिए लगाया जाता है वो बैंक उस बैंक की क्लीयरिंग शाखा में चैक भेजता है, जिसमें संबंधित खाता होता है। फिर क्लीयरिंग शाखा उस शाखा से क्लीयरिंग सम्बंधित बात करता है, जहां पर मूल रूप से खाता खोला गया है। 

पूरे फ्रॉड में कहीं न कहीं मिली हुई
इस हिसाब से दिल्ली की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा और फिर आईडीबीआई की क्लीयरिंग शाखा और बहादुरगढ़ की आईडीबीआई ब्रांच इस पूरे फ्रॉड में कहीं न कहीं मिली हुई है। अब ये मिलीभगत एक प्वांइट पर है या फिर तीनों प्वाइटों पर इसकी जांच पुलिस कर रही है। लेकिन समय रहते नगर परिषद ने कार्यवाही शुरू कर दी नहीं तो शातिर फ्रॉड म्युनिसिपल फंड से भी करीब 50-60 लाख रूपए निकाल लेता। जिसकी शुरूवात 9 लाख 93 हजार के चैक से हो भी गई थी।


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vinod kumar

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