ओम प्रकाश चौटाला की सजा के लिए पूर्ण रूप से कांग्रेस दोषी है: अभय

punjabkesari.in Friday, Jul 02, 2021 - 07:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई की सूचना जब आई थी तो सबसे ज्यादा तकलीफ कांग्रेस के लोगों को हुई थी। क्योंकि उस समय केंद्र की कांग्रेस सरकार ने सीबीआई से मिलकर चौटाला साहब को सजा करवाई थी। वहीं कांग्रेस के पांच विधायकों द्वारा उन पर इल्जाम लगाने के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी मजबूरी थी, उन्हें जैसे हुड्डा ने समझाया था, उन्होंने वही कह दिया। पूर्ण रूप से ओमप्रकाश चौटाला की सजा के लिए कांग्रेस दोषी है। 

उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस दोषी है, वहीं आम आदमी पार्टी की सरकार भी दोषी है। जिन्होंने चौटाला साहब की रिहाई जो अढ़ाई साल पहले हो जानी चाहिए थी, उसे नहीं होने दिया। सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद भी अन्य कैदियों को छोड़ दिया गया, लेकिन इनेलो सुप्रीमो को रिहा नहीं किया गया। जेल अधीक्षक द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र में ओम प्रकाश चौटाला को जेल के नियमों की पालना करने वाला और बेहद उम्दा व्यवहार वाला व्यक्ति बताया गया। 

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कांग्रेस द्वारा संजीव कुमार का जिक्र करने पर उन्होंने कहा कि संजीव कुमार ने उस समय, जो शिक्षा विभाग में डायरेक्टर के पद पर थे, स्कूल के बच्चों के लिए डेस्क खरीदने में धांधली की थी जिस कारण से चौटाला साहब ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। भूपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और करण दलाल ने मिलकर संजीव कुमार को झांसे में लेकर ओमप्रकाश चौटाला पर झूठे इल्जाम लगवाए। 

उन्होंने कहा कि अगर आप कोर्ट के ऑर्डर को पढ़ोगे तो अहसास होगा कि यह सारा षड्यंत्र था। कोर्ट के आदेश में साफ-साफ लिखा है कि यह साबित नहीं होता कि किसी अलमारी का ताला तोड़ा गया, पैसे का लेन-देन किया गया या नौकरी की किसी फाइल को इधर से उधर किया गया। देखने वाली बात है कि रजनी सेखरी सिब्बल जो कि कपिल सिब्बल की रिश्तेदार है, ने उस वक्त 161 के बयान में किसी का नाम नहीं लिया था। कोर्ट में सीबीआई द्वारा चार्जसीट दायर की गई थी तब भी ओमप्रकाश चौटाला, अजय सिंह और शेर सिंह बड़शामी का नाम दर्ज नहीं था। भूपेंद्र हुड्डा दो बार सीबीआई डायरेक्टर से मिले उसके बाद एडिशनल/सप्लीमेंट्री चार्जशीट में 120बी में तीनों का नाम शामिल किया गया। 

वहीं दुष्यंत एवं दिग्विजय पर उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला का एक्सीडेंट में हाथ फ्रैक्चर हुआ, तब तीनों अस्पताल में मिलने तक नहीं गए और न ही उनका हालचाल पूछा। जींद उपचुनाव में जेजेपी और आम आदमी पार्टी का समझौता था जिस कारण इनेलो सुप्रीमो की मंजूर फरलो को भी कैंसल करवा दिया था और आधी रात को अस्पताल से जेल भिजवा दिया था। दुष्यंत ने आम आदमी पार्टी से मिलकर यहां तक भी शर्तें लगवा दी थी कि जब तक जींद उपचुनाव नहीं हो जाता तब तक इनेलो सुप्रीमो को फरलो न दी जाए। उन्होंने कहा कि आज 47 डिग्री तापमान होते हुए भी हजारों की संख्या में लोग इनेलो सुप्रीमो का स्वागत करने पहुंचे और एक ही नारा लगाया कि हरियाणा आपके नेतृत्व में चुनाव लडऩा चाहता है।

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अभय ने कहा कि इनेलो सुप्रीमो अपने फैसले खुद निर्धारित करते हैं। उन्होंने निर्णय लिया है कि वह टीकरी, सिंघू, गाजीपुर, शाहजहां पुर बार्डर पर किसान आंदोलन को समर्थन देने किसानों के बीच पहुंचेंगे। इनेलो सुप्रीमो के चुनाव लड़ने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई पाबंदी न हुई तो इनेलो सुप्रीमो ऐलनाबाद से चुनाव लड़ेंगे, यह सीट तो इनेलो सुप्रीमो की ही थी, मैंने तो उनकी गैर मौजूदगी में इसे संभाला था। उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें 13 महीने बाद ही चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी थी। इनेलो नेता ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर का तो पता नहीं आएगी कि नहीं लेकिन ओमप्रकाश चौटाला के रिहा होने से इनेलो की हरियाणा में सुनामी जरूर आएगी। 

जिला परिषद, नगर परिषद और नगर पालिका का चुनाव इनेलो अपने पार्टी सिंबल पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा झूठ की दुकान है और झूठ की दुकान ज्यादा नहीं चलती, हुड्डा भाजपा से मिला हुआ है। कांग्रेस के 31 विधायकों में 19 विधायक हुड्डा के साथ तो 12 विधायक खिलाफ भी हैं। कांग्रेस पार्टी भाजपा से मिली हुई है इसका उदाहरण है कि न तो सरकार ऐलनाबाद उपचुनाव करवाना चाहती है और न ही कांग्रेस उपचुनाव करवाने के लिए आवाज उठा रही है।

किसान आंदोलन पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए इनेलो नेता ने कहा कि वो मुख्यमंत्री की किसी बात को महत्व नहीं देते क्योंकि मुख्यमंत्री सिर्फ झूठ बोलते हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि किसान आंदोलन में अब किसान नहीं बल्कि मुट्ठीभर लोग रह गए हैं, अगर ऐसा है तो मुख्यमंत्री उन्हें उठा क्यों नहीं देते हैं। दूसरा, मुख्यमंत्री एक बार इनके बीच जाने की हिम्मत करें तो यही लोग उन्हें अहसास दिला देंगे कि वो किसान है कि नहीं।

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Content Writer

vinod kumar

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