केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चे को भेजी चिट्ठी, जानिए किन बातों पर बनी सहमति
punjabkesari.in Wednesday, Dec 08, 2021 - 05:51 PM (IST)
डेस्क : सरकार ने किसानों की सभी मांगें मान ली हैं। जहां केंद्र सरकार की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा को एक चिट्ठी भेजी गई है। इस खत के जरिए केंद्र सरकार ने किसानों को सूचित किया है कि उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। हालांकि, अभी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। जानिए किन बातों पर केंद्र सरकार ने सहमति दी है।
वर्तमान गतिशील किसान आंदोलन के लंबित विषयों के संबंध में समाधान की दृष्टि की ओर से निम्नानुसार प्रस्ताव प्रेषित है-
1) MSP पर मा. प्रधान मंत्री जी ने स्वयं और बाद में मा कृषि मंत्री जी ने एक बनाने की घोषणा की है, जिस कमेटी में केन्द्र सरकार, राजा सरकार और किसान संगठनों प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मिलत होंगे। यह स्पष्ट किया जाता है कि किसान प्रतिनिधि में SKM के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और इसका mandate होगा कि सभी किसानों को एमएसपी मना किस तरह भारत सरकार सुनिश्चित किया जाए, सरकार वार्ता के दौरान पहले भी आश्वासन दे चुकी है कि वर्तमान में जिस राज्य में जिस फसल की एमएसपी पर जितनी सरकारी खरीद हो रही है, घटाया नहीं जायेगा।
2) जहाँ तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है। यू.पी., उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि तत्काल प्रभाव से सभी केस वापस लिए जाएंगे।
(2 A) किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और एजेंसियों तथा दिल्ली सहित सभी संघ शासित क्षेत्र में आंदोलनकारियों और समर्थकों पर बनाए गए सभी केस भी तत्काल प्रभाव से वापस लेने की सहमति है। भारत सरकार अन्य राज्यों से अपील करेगी कि इस किसान आंदोलन से संबंधित केसों को अन्य राज्य भी वापस लेने की कार्रवाई करें।
3) मुआवजे का जहाँ तक सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यू.पी. सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
उपायुक्त दोनों विषयों (क्रमांक 2 एवं 3) के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा की है।
4) बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर पहले सभी स्टेकहोल्डर्स/ संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी। उससे पहले इसे संसद में पेश नहीं किया जाएगा।
5) जहां तक पराली के मुद्दे का सवाल है, भारत सरकार ने जो कानून पारित किया है। उसकी धारा 1 एवं 15 में क्रिमिलन लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति दी है।
उपरोक्त प्रस्ताव से लंबित पांचों मांगों का समाधान हो जाता है। अतः अनुरोध है कि उक्त के आलोक में किसान आंदोलन समाप्त करें।
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