कांग्रेस शासनकाल में भर्तियों में हुए घोटालों में कभी नहीं हुई इतनी सख्त कार्यवाही : डॉ बनवारी लाल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 08, 2021 - 03:31 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : एचपीएससी के मुद्दे को आधार बनाकर जहां विपक्ष पूरी तरह से आक्रामक तेवरों में नजर आ रहा है और कुछ दिन पहले कांग्रेस की यूथ विंग द्वारा प्रदर्शन और मंगलवार को हरियाणा कांग्रेस संगठन के प्रदर्शन के बाद हरियाणा सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारीलाल द्वारा कड़ा एतराज जताते हुए कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा नागर की संलिप्तता पाए जाने पर सख्त कदम उठाते हुए उसे बर्खास्त किया गया है।

कांग्रेस के जमाने में भी बहुत सी भर्तियों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए, बहुत से तरह-तरह के घोटाले हुए, लेकिन आज तक कभी इतनी सख्त कार्यवाही देखने को नहीं मिली। केवल कांग्रेस ही नहीं किसी सरकार ने ऐसी कार्यवाही नहीं की। लेकिन हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और यह संदेश मुख्यमंत्री की तरफ से इस कार्रवाई के जरिए दिया गया है। विपक्ष का काम मुद्दे उठाना है। लेकिन सरकार द्वारा लिया गया एक्शन काबिले तारीफ है। आगे भी अगर कोई भी अधिकारी या अन्य व्यक्ति सरकार की नीतियों के विरुद्ध गलत कार्यशैली अपनाएगा, उसे बड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहना होगा।

विपक्ष के हर सवाल का देंगे बखूबी जवाब, सभी मंत्रियों की अपने विभागों को लेकर तैयारी पूरी: डॉ बनवारी लाल
डॉ बनवारी लाल ने कहा कि 17 तारीख को हरियाणा विधानसभा का सेशन शुरू होने जा रहा है। विपक्ष तरह तरह की बयानबाजी से  सरकार को घेरने की मंशा जता रहा है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष का काम मुद्दे उठाना होता है। सवाल खड़ा करना होता है और सरकार का काम उनका जवाब देना होता है। पहले सेशन में भी विपक्ष मुद्दे उठाता रहा है और सरकार ने उनका जवाब दिया। इस बार भी सरकार पूरी तरह से तैयार है। मंत्रीमंडल के सभी सदस्य अपने-अपने विभागों को लेकर पूरी तैयारी में है। विपक्ष की तरफ से उठाए गए हर सवाल का जवाब बखूबी दिया जाएगा।

किसान संगठनों को देशहित में आंदोलन वापसी का फैसला लेकर घरों को लौटना चाहिए: डॉ बनवारीलाल
किसान संगठनों द्वारा कृषि बिल वापस लेने के बावजूद आंदोलन की समाप्ति की घोषणा ना करने पर डॉ बनवारी लाल ने किसानों से अपील की है कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून किसानों के हित में बनाए गए थे। लेकिन किसान उसे समझ नहीं पाए और हम किसानों को समझा नहीं पाए। किसान संगठनों द्वारा रास्ते जाम करने से जहां आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, वहीं काम धंधे ठप हो गए। देशहित में देश के प्रधानमंत्री ने यह तीनों कानून वापस लेने का फैसला किया है। इसलिए किसान संगठनों को अपने आंदोलन को वापस लेकर घरों को लौटना चाहिए। केंद्र सरकार ने किसान संगठनों की सभी मांगे मानने का एलान कर दिया है और मुकदमे जो भी माफ करने की श्रेणी में आते हैं वह भी माफ किए जाएंगे। किसान संगठनों को देश हित में वापस लौटना चाहिए।

 

 


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Content Writer

Manisha rana

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