समय से पहले धान की रोपाई करने वालों पर कृषि विभाग की नजर, करनाल के 45 किसानों पर हुई कार्यवाही

punjabkesari.in Wednesday, Jun 01, 2022 - 04:08 PM (IST)

करनाल(ब्यूरो): निर्धारित समय से पहले धान की रोपाई करने के मामले में कृषि विभाग ने करनाल जिले के 45 किसानों पर कार्रवाई की है। टीम ने खेत में पहुंचकर ट्रैक्टर व स्प्रे से धान को नष्ट किया। साथ ही किसान पर 4 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जुर्माना भी लगाया गया है। विभाग ने किसानों से अपील की है कि 15 जून से पहले धान की रोपाई ना करें। ऐसा करने वाले किसानों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जिले के करीब 45 किसानों पर हुई कार्यवाही

उप-कृषि निदेशक आदित्य डबास ने बताया कि हर साल जिले में ऐसे कई मामले सामने आते हैं। जिले में 8 से 10 गांव ऐसे हैं जो समय से पहले धान की रोपाई कर लेते हैं। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार 15 मई से पहले नर्सरी नहीं लगा सकते और 15 जून से पहले धान की रोपाई नहीं की जा सकती। यदि कोई किसान समय से पहले धान की रोपाई करता है तो विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वहां जाकर उसे नष्ट करते हैं और किसान को समझाते हैं। इस बार कुछ किसानों ने यूपी से धान की पौध लाकर रात के समय धान की रोपाई कर दी। भूमिगत जल नीचे जाने से इस पर सरकार ने एक नियम बनाया हुआ है। धान की सीधी बिजाई 25 मई से की जा सकती है। इस पर सरकार द्वारा 4 हजार रुपए अनुदान के तौर पर दिए जा रहे हैं। विभाग के पास समय पहले धान की रोपाई की सूचना आई थी। ऐसे करीब 45 किसानों पर 4 हजार रुपये जुर्माना लगाया और स्प्रे करवाकर धान को नष्ट किया है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि यदि भूमिगत जल का ऐसे ही प्रयोग किया तो जलस्तर 700 से नीचे चला जाएगा और लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पाएगा।

विभाग की कार्यवाही पर किसानों ने उठाए सवाल

किसान नसीब सिह ने बताया कि कृषि विभाग साठी धान पर कार्रवाई कर रहा है। जबकि जिस किसान पर 10 एकड़ है वो दो एकड़ पहले लगा लेता है। 4 एकड़ उसके बाद और 4 एकड़ बिल्कुल बाद में धान रोपाई करता है। 4 से 5 घंटे बिजली आती है। उस बिजली में धान को पूरा पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में किसानों को नुकसान होगा। धीरे-धीरे करके धान की रोपाई करके फसल में पानी की मात्रा कवर हो जाती है। धान की फसल अच्छी होती है। जो दो एकड़ शुरूआत में लगाई है। उस खेत में बाद में धनिया बोया जाता है। दोबारा से धान नहीं रोपी जाती है। इस बार किसानों की गेहूं की पैदावार कम हुई है। सूखा चारा कम हुआ है। अब ऐसी कार्रवाई करके किसानों को परेशान किया जा रहा है।

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Content Writer

Vivek Rai

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