हर महीने 100 मेगावाट की एडिशनल इंडस्ट्रियल कनेक्शन देने की हम कोशिश करेंगे : पीके दास

punjabkesari.in Monday, Feb 22, 2021 - 11:01 AM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में काफी सुधारों के बाद अब हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पीके दास को बिजली विभाग की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। 32 साल के लंबे सेवाकाल के दौरान पी के दास ने 8 साल बिजली विभाग के विभिन्न पदों पर बिताए हैं और इसमें बहुत से गुणात्मक सुधार किए हैं। बता दें दास की यह नियुक्ति बिजली बोर्ड में 9वी पारी होगी। उन्हें विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान दास ने इसमें कई अहम सुधारो, गुणात्मक बदलाव की बात कहते हुए कहा लाइन लॉस, स्मार्ट प्रीपेड मीटर, जगमग योजना और उनका खास ध्यान रहेगा। आम कंजूमर के साथ-साथ बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा भी उनके लिए महत्वपूर्ण विषय रहेगा। उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी यानि सोलर ऊर्जा को भी बढ़ावा देने की बात कही। बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : आमतौर पर देखने को आता है कि नए कनेक्शन मिलने में काफी देरी लगती है। इसे लेकर क्या योजना है ?
उत्तर : 
यह सारी चीजें किसी न किसी रूप में कंपनियों के एजेंडे में है। लेकिन शायद इतना फोकस नहीं किया जाता। जिसके कारण ज्यादा फायदा कंपनी, सरकार और लोगों को नहीं हो पा रहा। मैं इसे फोकस में लाऊंगा। बार-बार व्यू करके उन्हें गाइड करूंगा कि कैसे इसे बेहतर किया जाए। जैसा मैंने कहा हर महीने 100 मेगावाट की एडिशनल इंडस्ट्रियल कनेक्शन देने की हम कोशिश करेंगे। इसके लिए जिला वाइज इंडस्ट्रियल एरिया में जो एसोसिएशंस है उनके साथ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करूंगा और जो भी लोड बढ़ाना चाहेंगे हाथों हाथ उनका लोड बनाया जाएगा। इस तरीके से हम सुधार करेंगे।

प्रश्न : हरियाणा के बहुत से थर्मल बंद पड़े हैं और दूसरे प्रदेशों से हम बिजली खरीद रहे हैं। इसके क्या कारण है ?
उत्तर : 
बिजली का रेट कम से कम हो ताकि कंजूमर पर कम से कम भार पड़े। यह हमारी सोच रहती है। पानीपत में भी एक से पांच यूनिट बंद कर दिए गए हैं। जो कि 30 साल पुराने थे। बिजली उत्पादन का खर्च ज्यादा आता था। इस वक्त हिसार, यमुनानगर, झज्जर में जो प्लांट लगे हैं और पानीपत में यूनिट 7 और 8 है या जो प्राइवेट प्रोड्यूसर से हम बिजली खरीद कर रहे हैं। उनकी प्रति यूनिट कॉस्ट काफी कम आती है। जब बिजली की खपत कम होती है तो महंगे उत्पादन क्षेत्र को हम बंद कर देते हैं। आज की तारीख में बिजली हम खुद पैदा कर रहे हैं या खरीद करें यह कोई महत्वपूर्ण विषय नहीं है। देखना यह है कि यह कम कीमत में मिल रही है या नहीं। खुद पावर प्लांट लगाने की बजाय पावर खरीदना हमारे लिए सस्ता पड़ रहा है।

प्रश्न : सरकारी विभागों या प्राइवेट उपभोक्ताओं पर करीब कितना बैलेंस विभाग का बकाया है ?
उत्तर : 
पिछले सात-आठ सालों में करीब 4500 करोड़ रुपए बकाया है जो अभी तक सेटल नहीं हुए हैं।जगमग गांव की योजना के दौरान कनेक्शन लेने वाले लोगों का सेटल कर दिया गया था। इसमें से करीब 550-600 करोड रुपए सरकारी विभागों जिसमें मुख्य तौर पर पब्लिक हेल्थ, इरीगेशन, अर्बन लोकल बॉडीज और कई जगह पंचायतों के बकाया है। इन विभागों के उच्चाधिकारियों और फाइनेंस विभाग के भी संपर्क में हूं। जिसकी जल्दी रिकवरी करने की कोशिशें की जा रही हैं।

प्रश्न : इनसे रिकवरी ब्याज सहित की जाएगी या इसे घाटा मान लिया जाएगा ?
उत्तर : 
जब भी एक बिलिंग साइकिल में पेमेंट नहीं होती। दूसरी बिलिंग साइकिल में सरचार्ज लग जाता है। जिसमें ब्याज और कुछ और चीजें जोड़ी हुई होती है। पहले भी सरकारी विभागों के साथ कुछ सरचार्ज की माफी करके रिकवरी की कोशिश करते रहे है।

प्रश्न : कुछ क्षेत्रों में बिल न भरने की सोच काफी समय से रही है। जगमग योजना की वहां और पूरे हरियाणा में क्या स्थिति है ?
उत्तर : 
10 जिलों में जगमग योजना शत-प्रतिशत हो चुकी है। 60 फ़ीसदी से ज्यादा गांव जगमग में कवर हो गए हैं। हमारी बिल न देने की और कम सप्लाई देने की जो स्थिति थी उससे हम धीरे-धीरे उभर रहे हैं।कंपनी ज्यादा सप्लाई देने के लिए और लोग भी ज्यादा पेमेंट करके 24 घंटे बिजली लेने के लिए तैयार हो रहे हैं। रातों-रात तो ऐसा नहीं हो पाएगा। लेकिन धीरे-धीरे इस चीज में काफी बदलाव आया है। मैं भी जगमग योजना की तरफ का खास बनाए हुए हूँ। 

प्रश्न : उदय योजना की स्थिति क्या है ?
उत्तर : 
हमारी स्थिति काफी अच्छी है। मौजूदा साल कोरोना के कारण थोड़ा रिकवरी रेट हमारा गिरा है। क्योंकि इंडस्ट्रियल लोगों के काम चले हो या न चले हो मिनिमम चार्जेस तो उन्होंने देनी होती है। इसलिए कमी आई है। सरकार की तरफ से कंपनियों का जो लॉस टेकओवर करना था, वह संपूर्ण हो चुका है।

प्रश्न : समार्ट प्रीपेड मीटर प्रदेश में कितने लग चुके हैं और कब तक पूरे हरियाणा में लगाए जाने की तैयारी है ?
उत्तर : 
करीब एक लाख स्मार्ट मीटर गुडगांव, करनाल, पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद में लग चुके हैं। प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को रियायत देने के लिए मैंने बातचीत की है और मैं उन्हें बहुत जल्द रियायत देने की घोषणा करूंगा। क्योंकि वह पहले पेमेंट करेंगे बाद में बिजली की खपत करेंगे। इसलिए उनको यह देनी चाहिए।

प्रश्न : लाइन लॉस को रोकने की क्या प्लानिंग है ?
उत्तर : 
लाइन लोसिस को दो टुकड़ों में हम देखते हैं। पहला है कि टेक्निकल लॉस अगर 1 फीडर या ट्रांसफार्मर के ऊपर लोडिंग ज्यादा है। तो लॉसेस बढ़ जाता है। आमतौर पर ट्रांसफार्मर पर 80 फ़ीसदी से ज्यादा लोड नहीं होना चाहिए। यह स्टडी भी मैंने शुरू करवा दिया है कि कौन-कौन से फीडर, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर और सिस्टम ट्रांसफार्मरो पर 80 फ़ीसदी से ज्यादा लोड है। वहां उस लोड को डिस्ट्रीब्यूटर कर देंगे तो टेक्निकल लॉस कम हो जाएगा। जो फीडर बहुत लंबे हैं। 25 किलोमीटर लंबा कोई फीडर होगा तो उसमें भी लोड बढ़ जाएगा और वोल्टेज भी कम रहेगी। इस कार्य पर युद्ध स्तर पर काम करने के लिए मैंने आदेश दे दिए हैं।

प्रश्न : उपभोक्ता की शिकायतो-दिक्कतों को लेकर आपके पास क्या फार्मूला है। सिस्टम को हाईटेक करने की क्या तैयारी की जा रही है ?
उत्तर : 
अभी रिलेशनशिप मैनेजमेंट की जो मैं बात कर रहा हूं। उसमें व्यक्ति कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकता है। 50 किलो वाट के कनेक्शन को 15 दिन के अंदर अंदर देने की मैंने बात कही है। इंतजार करने की उपभोक्ता को जरूरत नहीं पड़ेगी।ऐसा ही अनाउंसमेंट आफ लोड के लिए भी अगर कोई करता है तो वह भी तुरंत हो जाएगा। बिलिंग साइकिल में अभी भी हमारे हयूमन इंटरवेंशन की बहुत गुंजाइश है। इसकी वजह से प्रॉब्लम होती हैं। उसके बारे में धीरे-धीरे जैसे-जैसे स्मार्ट मीटर लग जाएंगे तो रिमोट रीडिंग ऑफ मीटर कर सकते हैं। जैसे मीटर रीडर गया ही नहीं या गलत रीडिंग लिख कर आ गया। यह सब चीजें धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी। हम कोशिश करेंगे कि एसएमएस या ईमेल के जरिए बिल कंज्यूमर के पास पहुंचाए जाएंगे और मीटर रीडिंग ऑटोमेटेकली अपने ऑफिस के सिस्टम से मीटर को पढ़ लेंगे। इससे इस प्रकार की गलतियों की गुंजाइश नहीं रहेगी। साथ ही हम एक और कोशिश कर रहे हैं। जिससे पिछले 1 साल का टोटल अकाउंट हम कंज्यूमर को एसएमएस और ईमेल के जरिए देंगे। जिसमे पिछले साल में आप का बिल कितने का था, कितने यूनिट खर्च हुई और कितनी पेमेंट कौन कौन सी तारीख को आपने जमा की। आपने देखा होगा कि अगर किसी का बिल गलत आता है तो उसे पुरानी रसीदें लाने के लिए बोला जाता है। यानि पुरानी रसीदें रखना कंज्यूमर की जिम्मेदारी थी। लेकिन अगर हम 1 साल का अकाउंट कंस्यूमर को बना कर देंगे तो इसका मतलब हमारे सिस्टम में उसका पूरा अकाउंट रहेगा। कंज्यूमर से मांगने की हमें जरूरत नहीं रहेगी।

प्रश्न : रिन्यूएबल एनर्जी का विभाग भी आपके पास है। उसमें क्या नया करने जा रहे हैं ?
उत्तर : 
रिन्यूएबल एनर्जी में बहुत संभावनाएं हैं। दो-तीन चीजों में जरूर होना चाहिए। आज की तारीख में क्योंकि नेट मीटरिंग अलाउड है तो हर घर के ऊपर अगर आदमी सोलर प्लांट लगाए तो इसकी अपनी बिजली का खर्च कम हो जाएगा। बाकी अगर वह उसमें भी कुछ बचा पाए तो वह उसे ग्रिड में दे पाएगा। और जोकि एक तरह से एक्सचेंज है। यानि अगर आपने 120 यूनिट पैदा की और 100 यूनिट खर्च की तो 20 मिनट अगले बिल में एडजस्टमेंट होगा। यह हमारी ग्रीन बिजली है। क्योंकि हम जो बिजली पैदा करते हैं उसमें कोयले का उपयोग होता है। रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा इंडस्ट्रीट्यूशनल और कमर्शियल लेवल पर करने की गुंजाइश है। उसकी तरफ हम कदम बढ़ाएंगे।

प्रश्न : बिजली विभाग मे एंट्री की 9वी पारी में बिजली विभाग के गुणात्मक सुधारों को लेकर किस प्रकार के कदम उठाए जाएंगे ?
उत्तर : 
इसको ज्वाइन करने के बाद ही मैंने चारों कंपनियों के साथ मीटिंग की। रिव्यू किया कि उनकी स्थिति क्या है और आगे क्या किया जा सकता है। मैंने खाका बनाया कि कैसे आगे बढ़ा जाए। रिलायबिलिटी ऑफ द सिस्टम, रिलेशनशिप मैनेजमेंट, रेवेन्यू मैक्सिमाइजेशन और कर्मचारी व आम आदमी की सुरक्षा को लेकर भी इस पर काम किया जाएगा। बहुत बदलाव आने वाले समय में आप इसमें देखेंगे।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।) 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Manisha rana

Recommended News

Related News

static