खोरी के बाद अब सोहना में टूट सकते हैं लोगों के आशियाने, वन विभाग ने शुरु किया सर्वे

punjabkesari.in Saturday, Aug 14, 2021 - 05:45 PM (IST)

सोहना (सतीश): फरीदाबाद के खोरी गांव के बाद अब सोहना की करीब आधा दर्जन कालोनियों पर वन विभाग का पीला पंजा जल्द चल सकता है। वन विभाग की टीम ने कस्बा की पहाड़ कॉलोनी, पीर कॉलोनी, आईटीआई कॉलोनी, बनियावाड़ा व ठाकुरवाड़ा में सर्वे अभियान शुरू किया है। 

वन विभाग के अधिकारियों की माने तो उक्त कॉलोनी वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनी हुई है, जिनका सर्वे किया जा रहा है। वहीं सर्वे करने के बाद यहां पर रहने वाले लोगों को वन विभाग सेक्शन 4 व 5 के तहत नोटिस देगा, जिसकी सारी रिपोर्ट तैयार कर विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। अभी तक की बात करें तो वन विभाग के अधिकारियों ने करीब चार सौ मकानों की सर्वे कर ली गई है। बाकी बचे मकानों की सर्वे का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। 

वहीं वन विभाग ने जब सर्वे अभियान शुरू किया तो आईटीआई व पीर कॉलोनी में अवैध रूप से मकान बना कर रहने वाले लोगों ने इसका विरोध किया और सर्वे करने के लिए आई वन विभाग की टीम के साथ बदतमीजी भी की, लेकिन सर्वे अभियान को निरंतर जारी रखने के लिए अब वन विभाग की टीम पुलिस की मौजूदगी में सर्वे अभियान को चला रही है। टीम वन विभाग की जमीन में बने मकानों तक पहुँच कर यह जानकारी जुटा रही है कि मकान कितनी जमीन में बना हुआ है? घर का मालिक कौन है और मकान मालिक का मोबाइल नंबर क्या है?  ताकि वन विभाग को नोटिस भेजने में किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े व नोटिस समय से ठीक स्थान पर पहुँच सके।

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हालांकि वन विभाग की जमीन पर किए गए अवैध कब्जे को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला यह पहले ही स्प्ष्ट कर चुके हैं कि जैसे ही मास्टर प्लान रिलीज होगा और जो रेगुलाइजेशन एरिया है, उनके अंदर परमिशन आ जाएगी। जो लोग वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके फार्म हाउस काटना चाहते हैं या वन विभाग की जमीन को खराब करना चाहते हैं, ऐसे लोगों पर अपने आप पाबंदी लग जाएगी। 

वन विभाग के सर्वे अभियान से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों को अब खोरी गांव की तरह अपने आशियाने टूटने का डर सताने लगा है, जबकि अरावली पहाड़ी पर हजारों फार्म हाउस वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बने हुए हैं, जिनको ध्वस्त करने के लिए माननीय उच्च न्यालय ने आदेश भी जारी किए हुए हैं, लेकिन एनजीटी के बार-बार कहने पर नगर परिषद इन फार्म हाउस पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो पा रही है। 

नगर परिषद के अधिकारी जब भी अरावली पहाड़ी पर फार्म हाउस को तोडऩे के लिए जाते हैं तो वहां पर सिर्फ फॉर्मलिटी पूरी करके किसी खाली पड़े फार्म हाउस की दीवार को तोडऩे की वीडियो बना कर व फोटो खींच कर बैरंग लौट आते हैं, क्योंकि अरावली की पहाड़ी पर जो फार्म हाउस अवैध रूप से बने है उनमें से ज्यादातर फार्म हाउस जज, बड़े अधिकारी, बिजनेसमैन, राजनेता व बॉलीवुड के लोगों के हैं। अब ऐसे में देखना इस बात का होगा कि वन विभाग का डंडा इन गरीब कालोनीवासियों पर पहले चलता है या फिर अरावली की पहाड़ी में अवैध रूप से बने उन फार्म हाउस को भी तोड़ते हैं, जिनके लिए एनजीटी कई बार तोडऩे के लिए बोल चुकी है।


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Content Writer

Shivam

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