कुछ समय बाद प्रदेश का कोई युवा नहीं रहेगा बेरोजगार : मनोहर लाल (VIDEO)

punjabkesari.in Wednesday, Mar 09, 2022 - 04:40 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा एक ऐसा प्रदेश जिसने कुछ समय में देश ही नहीं विश्व स्तर पर हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। हरियाणा सरकार की कई योजनाओं को अन्य प्रदेशों ने फॉलो किया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री, केंद्रीय बिजली मंत्री द्वारा अनेकों बार मंचो पर हरियाणा सरकार की विभिन्न योजनाओं की तारीफ किया जाना बेहद सौभाग्य पूर्ण बात है। केंद्रीय बजट दीर्घकालीन बजट के रूप में जहां पूरे देश ने देखा, वहीं विशेषज्ञों ने केंद्रीय बजट की खुलकर प्रशंसा की। अब जब उसके ठीक बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के रूप में सदन में बजट पेश किया तो विशेषज्ञों ने इसे भी आगामी 25 साल तक की रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया बजट करार दिया। बजट सरकार की सोच को प्रदर्शित करने का एक माध्यम होता है। प्रदेश को एक दिशा देने में सबसे अधिक योगदान बजट की तैयार की गई रूपरेखा का होता है। इस विषय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पंजाब केसरी ने विशेष बातचीत की। जिसमें उन्होंने कृषि - स्वास्थ्य - स्पोर्ट्स - शिक्षा - टेक्नोलॉजी - इंफ्रास्ट्रक्चर - महिला उत्थान इत्यादि पर मुख्य फोकस से बनाया गया बजट बताते हुए कहा कि अब बजट पेश होने के बाद इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का समय है और 1 साल के अंदर - अंदर हम घोषित की गई तमाम योजनाओं को पूरा करके दिखाएंगे। मुख्यमंत्री से और भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत पँजाब केसरी के विशेष प्रतिनिधि चन्द्र शेखर धरणी ने । जिसके  अंश आपके सामने प्रस्तुत है :- 

प्रशन:- मान्यवर, आपके द्वारा पेश किए गए बजट को जल्द इंप्लीमेंट करने को लेकर क्या रोडमैप है ?
उत्तर:-
हम सबसे पहले बजट के सभी मुद्दों के इंप्लीमेंटेशन को लेकर वर्ष भर की योजनाएं बनाएंगे।उसके बाद सभी विभागों के मंत्री और सचिवों को बिठाकर एक टाइमलाइन सेट करेंगे। बजट में की गई घोषणा के मुताबिक कौन सी स्कीम लागू करनी है, उस टाइम लाइन को लेकर लगातार रिव्यू करेंगे और फीडबैक लेते रहेंगे। मेरी एक बड़ी योजना सीएम डैशबोर्ड के तहत योजना का काम हमारे सामने आता रहेगा। कोई भी कमी दिखने पर हम दिशा निर्देश देते रहेंगे। हम की गई सारी घोषणाओं को इस वर्ष में पूरा करके दिखाएंगे।

प्रशन:- हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने की सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन प्राइवेट कॉलेजों को लेकर कई समस्याएं लोगों को आती है ?
उत्तर:-
कोई भी समस्या आने पर सरकार अपने लिमिटेड बजट में समस्याओं को दूर करने के लिए जायज सहयोग के लिए तैयार है। पीपीपी मॉडल पर अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्थाओं के सुधार के लिए उनका सहयोग किया जाएगा। हम बजट को चाहे सरकारी व्यवस्थाओं में लगाएं या पीपीपी मॉडल पर इस प्रकार का हम एक मिश्रित मॉडल लेकर आ रहे हैं, किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत नहीं आने देंगे।

प्रशन:- यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस के बच्चों की शिक्षा को लेकर आपने एक बड़ा हौसला वर्धक बयान दिया था, उसके बारे में क्लियर करें ?
उत्तर:-
यह वैसे तो देश भर का मुद्दा है। मेडिकल शिक्षा एडमिशन एनसीएम और एमसीआई कंट्रोल करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इंटर्नशिप के लिए योग्य हो चुके बच्चों को भारत में इंटर्नशिप करवाया जाएगा। जिस भी प्रकार की योजना शुरू होगी हरियाणा सरकार पूरा सहयोग करेगी। एडमिशन किस प्रकार से मेडिकल कॉलेजों में करवाए जा सकते हैं यह देखा जा रहा है। मुझसे कुछ छात्रों की हुई व्यक्तिगत बातचीत में स्वयं बच्चों ने कहा है कि यूक्रेन में स्थितियां सामान्य होने पर वह वापिस भी जा सकते हैं। मेडिकल काउंसिल, नेशनल मेडिकल काउंसिल इस पर विचार कर रही है। यह विषय उच्च लेवल का है।

प्रशन:-  विपक्ष लगातार बजट पेश होने के बाद आरोप लगा रहा है कि प्रदेश पर कर्जा बढ़ चुका है ?
उत्तर:-
यह चलती सरकार का एक रूटीन है। चाहे प्रदेश सरकार हो या केंद्र कर्ज लेकर ही आगे बढ़ती हैं। पिछले कर्ज को उतारा जाता है। लेकिन प्रश्न यह है कि रिजर्व बैंक, वर्ल्ड बैंक, नीति आयोग और केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए पैरामीटर्स में रहकर कर्ज लिया जा रहा है या नहीं। पैरामीटर्स में रहकर कर्ज लेने वाला प्रदेश एक अच्छी इकोनामी का प्रमाण होता है। सौभाग्य वश हरियाणा प्रदेश की इकोनामी आसपास के सभी प्रदेशों से अच्छी है। हम पैरामीटर्स में रहकर आगे बढ़ रहे हैं।

प्रशन:- ई विधान सभा और रिसेस पीरियड की तारीफ सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी कर रहे हैं ?
उत्तर:-
फास्ट सिस्टम के लिए आईटी का उपयोग होना अति आवश्यक हो चुका है। हम अपने कार्यालयों को भी लगातार ई-ऑफिस बना रहे हैं। जिला लेवल के कार्यालयों में भी हम अधिक से अधिक आधुनिकता का प्रयोग करना चाहते हैं। मेरे यहां मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की योजना बन रही है । ताकि हर विभाग की जानकारी हम समय पर रख सकें और सभी कार्यों को गति प्रदान कर सकें। गति से ही अच्छे परिणाम आते हैं और जनता को जल्द से जल्द इनका लाभ दे सकते हैं।

प्रशन:- मीडियम वर्ग के युवा वर्ग को रोजगार देने को लेकर आप किस तरह से आगे बढ़ रहे हैं ?
उत्तर:-
रोजगार के लिए हमने मल्टीपल मैथर्ड निकाले हैं जिसमें से एक स्किलिंग है। हमने फॉरेन कॉरपोरेशन  विभाग जो विदेशों में जरूरत के अनुसार बातचीत कर रहा है, करीब एक लाख नौजवानों को हम सकिलिंग करके जरूरत और बच्चों की इच्छा के अनुसार बाहर विदेशों में भेजने की योजना बना रहे हैं। सक्षम युवा योजना पहले से ही चल रही है। हर पढ़े-लिखे युवक को निश्चित तौर पर 100 घंटे का काम देकर मानधन के रूप में हम दे रहे हैं। कौशल रोजगार निगम बनाया गया है। जिसमें अनुभवी लोग अपने आप को रजिस्टर्ड कर रहे हैं। पहले की आउटसोर्सिंग पार्ट वन और टू की स्कीम की बजाए इसकी शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री अंत्योदय योजना के अंतर्गत हम मिले लगाकर चिन्हित लोगों को वहां बुलाते हैं। समझ के अनुसार हम उन्हें बैंक से लोन देते हैं और सब्सिडी इत्यादि का भी प्रावधान है। मेरा मानना है कि कुछ समय के बाद प्रदेश का कोई भी युवा बेरोजगार नहीं रहेगा।

प्रशन:-  पीरासीमन के बाद नई विधानसभा को लेकर किस प्रकार के प्रयत्न है ?
उत्तर:-
हमारे प्रयास जारी हैं। हम प्रदेश की विधानसभा के लिए नई ग्रीन बिल्डिंग बनाना चाहते हैं। जिसका प्रोसेस चल रहा है। केंद्र के गृह विभाग ने जगह सुनिश्चित करनी है और किस प्रकार से हम इसे बनाएं इसकी परमिशन आने के बाद ही यह तय होगा।

प्रशन:- महाग्राम योजना क्या है और इसका क्या लाभ आम जनता को मिलने वाला है ?
उत्तर:-
शहरी तर्ज पर बड़े गांवों को विकसित करने के लिए महाग्राम योजना के तहत हमने 132 गांवों को चिह्नित किया है। इनमें पेयजल आपूर्ति के साथ सीवरेज, बिजली, स्ट्रीट लाइट व सड़कों की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत प्रदेश के 19 जिलों में घरों में पाइप से जलापूर्ति का कार्य पूरा किया जा चुका है। केंद्र ने 2024 तक इस योजना को सिरे चढ़ाने का टारगेट रखा है। लेकिन हरियाणा के बाकी तीन जिलों जींद,  पलवल और नूंह में यह काम इस साल के आखिर तक पूरा होगा।



प्रशन:- कोरोना कॉल के दौरान प्रभावित इंडस्ट्री के उत्थान को लेकर किस प्रकार के कदम उठाए गए हैं ?
उत्तर:-
हरियाणा के उद्योग धंधों से हो रहे प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने उद्योगपतियों को विशेष पैकेज देने का ऐलान किया है। औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एचएसआईआईडीसी को एक हजार करोड़ रुपये की अलग से राशि भी मिलेगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) उद्योगों से फैलने वाले प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी खासा नाराज़ है। एनजीटी ने कई तरह की पाबंदियां भी लगाई हुई हैं। फैक्टरियों के लिए हिदायतें दी गई हैं कि वे कोयला और डीजल का इस्तेमाल बंद करके प्राकृतिक गैसों पर अपने उद्योगों को लाएं। इस पर विशेष फोकस करके हुए बजट में उद्योगपतियों को दो साल की अवधि के लिए विशेष राहत देने का ऐलान किया है। एमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों से प्राकृतिक गैस पाइप या कम्प्रेस्ड से लिए जाने वाले वैट का पचास प्रतिशत उद्योगपियों को रिफंड करने का निर्णय लिया है।इतना ही नहीं एनसीआर एरिया में स्थित एसएसएमई सेक्टर के जो उद्योग अपने यहां बॉयलरों को कोयले व डीजल ईंधन की बजाय प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें पंद्रह लाख रुपये तक का अनुदान सरकार देगी। औद्योगिक मॉडल टाउनशिप में बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए एचएसआईआईडीसी को एक हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकज दिया है। पानीपत के कपड़ा उद्योग के लिए सांझा बुनियादी ढांचे के रूप में भाप बुनियादी ढांचे स्टीम इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा। औद्योगिक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने माल ढुलाई सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। निर्यातकों द्वारा लम्बे समय से इसकी मांग की जा रही थी। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग अगले वित्तीय वर्ष में निर्यात माल ढुलाई सब्सिडी योजना को नोटिफिकेशन जारी करेगा। प्रदेश के प्रत्येक खंड में चिह्नित उत्पाद के लिए पदमा योजना लागू की है। इसके लिए खंडों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों, मौजूदा सूक्ष्म उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र, जनसांख्यिकीय रूपरेखा और विकास क्षमता के आधार पर एक उत्पाद की पहचान की गई है। प्रदेश के व्यापारियों तथा व्यवसायों को प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री ने लघु उद्यमिता समर्थन निधिश् योजना का ऐलान किया है। इसके लिए सरकार अधिकतम तीन लाख रुपये तक का कर्जा पांच प्रतिशत की ब्जाय दर पर मुहैया कराएगी। यह मदद उन्हीं लोगों को मिलेगीए परिवार पहचान.पत्र में जिनकी सालाना आय तीन लाख रुपये तक है।औद्योगिक क्षेत्र में बेहतर बिजली सुविधा सरकार मुहैया कराएगी। घरेलू उपभोक्ताओं को बेहतर और सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने को लेकर स्मार्ट मीटर योजना सरकार लागू कर चुकी है। अब प्रीपेड मीटरिंग सिस्टम लागू होगा। यानी मोबाइल फोन की तरह बिजली के लिए भी रिचार्जिंग सुविधा मिलेगी। सरकारी कार्यालयों, हॉयर एजुकेशन के इंस्टीट्यूट और उन विश्वविद्यालयों में रूफ टॉप प्रणाली लागू होगी, जहां 10 किलोवाट या इससे अधिक लोड की डिमांड है।

प्रशन:- विपक्ष कहता है प्रदेश का किसान सरकार से नाराज है, विपक्ष के आरोपों में कितनी सच्चाई मानते हैं ?
उत्तर:-
प्रदेश के किसानों के लिए फसली लघु व मध्यम कृषि लोन पर जुर्माना और ब्याज माफ करने का फैसला किया गया है। किसानों को केवल मूलधन अदा करना होगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरूआत 100 कलस्टर से होगी। बाजरे की मैनजमेंट और ब्रांडिंग के लिए 50 करोड़ का स्पेशल पैकेज घोषित किया है। मार्केटिंग बोर्ड की सड़कों के लिए 200 करोड़ देने का ऐलान किया है। हमारी सरकार लगातार पिछले 7 साल से किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न करने के लिए तरह-तरह के महत्वाकांक्षी कदम उठाती रही है।

प्रशन:- स्वास्थ्य विभाग को ताकत देने के लिए किस प्रकार के कदम उठाए गए हैं ?
उत्तर:- 
बजट में सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड करने के साथ-साथ हर उपमंडल पर 100-100 बेड के अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है। कोरोना काल में देखी गई हेल्थ चुनौतियों को देखते हुए हमने उन चिकित्सकों को मात्र 2 फ़ीसदी ब्याज दर पर लोन मुहैया करवानेे की योजना बनाई है जो बड़े गांव में  व पालिकाओं में अस्पताल बनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का विस्तार करते हुए सरकार ने अब दूसरे बच्चे पर भी 5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। एड्स मरीजों को 2250 रुपये मासिक पेंशन के रूप में मिलेंगे। प्रदेश के पलवल, चरखी दादरी, पंचकूला और फतेहाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित होंगे। वर्तमान में इन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं है। इतना ही नहीं 2025 तक राज्य में एमबीबीएस की सीटों को बढ़ाकर 3035 करने का टागरेट रखा है। चारों नये मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का काम अगले तीन महीने में शुरू होगा। इससे पूर्व भिवानी, जींद, महेंद्रगढ़, सिरसा और यमुनानगर में मेडिकल कॉलेज का सरकार फैसला कर चुकी है। अब सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज भी खुलेंगे ताकि पैरा.मेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर किया जा सके। इसके अलावा फरीदाबाद, रेवाड़ी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में बनाए जा रहे नर्सिंग कॉलेजों के लिए 194 करोड़ 3 लाख रुपये अलॉट किए हैं। महेंद्रगढ़, भिवानी, जींद और गुरुग्राम में मेडिकल कॉलेज तथा नूंह के शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज में डेंटल कॉलेज पर पहले से काम चल रहा है। इन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर 2600 करोड़ की लागत आएगी। फरीदाबाद में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज इसी साल पूरी तरह से चालू होगा। करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज का विस्तार करने की भी सरकार की योजना है। हमने सालाना तीन लाख रुपये तक आय वाले दिव्यांगों और एक लाख 80 हजार रुपए सालाना आमदनी वाले परिवारों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने का ऐलान किया है। इसके तहत परिवार को सालाना पांच लाख रुपये तक की कैशलेस मेडिकल सुविधा मिलेगी। गरीब परिवारों का सरकार साल में दो बार हेल्थ चैकअप कराएगी। 

आयुष्मान के तहत उपचार के लिए 250 के करीब प्राइवेट अस्पतालों को पैनल पर लिया हुआ है। समय पर बिलों का भुगतान नहीं होने से उपचार में आ रही परेशानी को दूर करते हुए अस्पतालों द्वारा दिए जाने वाले बिलों की कुल राशि में से 75 प्रतिशत का भुगतान पंद्रह दिन के भीतर होगा। बाकी पैसा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद दिया जाएगा। विशेषज्ञ डॉक्टरों का अलग से काडर बनाने का फैसला लिया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के सेवा, नियम और शर्तें भी अलग होंगी। डॉक्टरों को सरकारी सेवाओं में आकर्षित करने के लिए सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमडी और एमएस की चालीस प्रतिशत सीटें सरकारी डॉक्टरों के लिए रिजर्व करने का निर्णय लिया है। मरीजों की सहायता के लिए अब अस्पतालों में सहायक होंगे। बोर्डिंग.लोजिंग का प्रबंध रहेगा। सभी मेडिकल कॉलेजों एवं नागरिक अस्पतालों में रेस्तरां होंगे ताकि पौष्टिक व शुद्ध भोजन मरीजों व उनके तिमारदारों को मिल सकें। कमरों का भी प्रबंध होगा और डोरमेट्री वाले विश्राम गृह बनेंगे। इस काम में सरकार समाजसेवी संगठनों की भी मदद लेगी।रोहतक स्थित पीजीआईएमएस में अब किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी होगी। अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने की चुनौती को पीजीआई ने स्वीकार किया है। इसी साल यह सुविधा शुरू होगी। वहीं 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगी। टीबी जोखिम आबादी की मैपिंग करके कार्यक्रम चलेगा। हर खंड पर टीबी टेस्टिंग की सुविधा होगी। 

प्रशन:- सामाजिक संस्थाओं इत्यादि का सहयोग लेने बारे सोच के बारे में बताएं ?
उत्तर:-
अब हरियाणा सरकार प्रदेश में  समाज सेवा कर रही सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ व्यक्ति विशेष की मदद भी शैक्षणिक संस्थाओं, अस्पतालों, वृद्धाश्रमों एवं गौशालाओं आदि के सुधार करने के लिए लेगी। पूर्व में भी सरकार ने प्रवासी भारतीयों के लिए इस तरह की योजना बनाई थी। पिछले साल सरकार द्वारा शुरू की गई पहल समर्पण योजना के तहत तीन हजार स्वयंसेवकों ने स्वैच्छिक आधार पर सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। पहले भी गौशालाओं में ट्रैक्टर-ट्राली सहित शेड आदि के लिए फंड उपलब्ध करवाया गया था। सरकार की कोशिश है कि ऐलनाबाद की तर्ज पर सभी हलकों को समाजसेवियों की मदद से आगे बढ़ाया जा सके। वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए भी इसके तहत कई तरह की नई सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसका पूरा ड्रॉफ्ट अब सरकार तैयार करेगी।

प्रशन:- महिला उत्थान को लेकर किस प्रकार के फैसले किए गए हैं ?
उत्तर:-
सामाजिक, आर्थिक, खेल, सांस्कृतिक और राजनीतिक के अलावा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिला को सरकार हर साल पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व़ सुषमा स्वराज के नाम पर पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार देगी। महिला उद्यमियों के लिए हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना की शुरूआत होगी। इसके लिए उन महिलाओं को 3 लाख रुपये का ऋण दिया जाएगा, जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये से कम है। खुद के उद्यम व्यवसाय और व्यापार के लिए महिलाएं इस पैसे का इस्तेमाल कर सकेंगी। महिला विकास निगम के माध्यम से महिलाओं को तीन साल के लिए यह कर्ज 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर मुहैया कराया जाएगा। बड़े शहरों में कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित व किफायती आवास के लिए फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला में मकान बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं तीन महिला आश्रम बनाने के लिए भी सरकार संभावनाएं तलाशेगी। भिवानी के कुडल और छापर तथा सोनीपत के गन्नौर में महिला कॉलेज खुलेंगे। गरीब ग्रामीण परिवारों के स्वरोजगार को महिलाओं के साथ जोड़ने के लिए सरकार ने 1 लाख 80 हजार रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को ब्याज रहित कर्ज मुहैया करवाने का निर्णय लिया है। ब्याज की दर सरकार वहन करेगी। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देने से महिलाएं सशक्ति होंगी।

प्रशन:- किसानों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाने के बावजूद विपक्ष कह रहा है किसान आपसे नाराज हैं, धरतीपुत्र को खुश करने के लिए किस प्रकार के फैसले किए हैं ?
उत्तर:-
इस बार के कृषि बजट में भी 27.7 प्रतिशत का इजाफा किया है। कृषि व इससे संबद्ध सेवाओं के लिए 5 हजार 988 करोड़ 76 लाख रुपये का बजट अलॉट किया है। विवादों का समाधान अम्ब्रेला के तहत एकमुश्त निपटान योजना को लागू किया है।30 नवंबर 2022 तक फसली ऋण तथा लघु एवं मध्यम अवधि के कर्जों पर ब्याज और जुर्माने की पूरी राशि माफ होगी। मूल राशि का भुगतान करने वाले किसान इस योजना का लाभ ले सकेंगे। योजना पैक्स और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के कर्ज पर लागू होगी। इतना ही नहींए सीएम ने किसानों से ही जुड़े सहकारिता विभाग के बजट में भी 20.6 प्रतिशत बढ़ोतरी करके इस बार 1537 करोड़ 35 लाख रुपये का प्रावधान किया है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की प्राकृतिक खेती तकनीक को राज्य में लागू किया जाएगा। पहले चरण में तीन साल के उत्पादन को देखते हुए योजना बनाई है। 100 कलस्टर बनेंगे। हर कलस्टर में कम से कम 25 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती होगी। कार्यक्रम के अंतर्गत प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाले उत्पादों के प्रमाणन ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर काम होगा। तीन वर्षों की इस अवधि में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को अगर किसी तरह का नुकसान होता है तो सरकार मुआवजा देगी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज का वर्ष के रूप में घोषित किया है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने बाजरे की कटाई के बाद प्रबंधन और ब्रांडिंग के लिए 50 करोड़ के विशेष पैकेज का ऐलान किया है। किसानों से बाजरा खरीदने वाले किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सरकार यह वित्तीय मदद देगी। मोटे अनाज की रिसर्च के लिए भिवानी में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित होगा। बाजरे में सुधार के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी मिलेगा।

जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कपास उत्पादक जिलों सिरसा व फतेहाबाद में सूक्ष्म सिंचाइ को सरकार प्रोत्साहित करेगी। अभी तक सरकार सर्दियों में होने वाली मक्का को ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदती थी, लेकिन अब गर्मियों में पैदा होने वाली मक्का की खरीद भी एमएसपी पर होगी। ताजा फलों एवं सब्जियों की आपूर्ति शृंखला विकसित करने के लिए सरकार 100 पैक हाउस स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता देगी।

प्रशन :- मशीन बैंक और कृषि दर्शन क्या है, इसके बारे में समझाएं ?
उत्तर:-
धान की परंपरागत खेती की बजाय किसानों को बागों, सब्जियों व मसालों की खेती की ओर आकर्षित करने पर लगातार काम कर रहे हैं। 2022-23 में 20 हजार एकड़ में इसके तहत काम करने का टारगेट है। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या मशीनरी की है। इसका तोड़ निकालते हुए पांच मशीन बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया है। यहां से किसान मशीनें ले सकेंगे। राज्य के प्रगतिशील किसानों के लिए कृषि दर्शन योजना शुरू होगी। यह कार्यक्रम बाकी किसानों के लिए परामर्शदाता और मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा। प्रगतिशील किसानों के कार्यस्थलों पर बाकी किसानों के दौरे और वहां होने वाली ट्रेनिंग का खर्चा सरकार वहन करेगी। अपनी आय बढ़ाने के लिए किसान एक.दूसरे के अनुभवों से सीख सकें, इस उम्मीद के साथ यह योजना शुरू की है।

प्रशन:- पशु नस्ल सुधार और मछली पालन को लेकर भी कुछ कार्य की घोषणा हुई है, वह क्या है ?
उत्तर:-
एम्ब्रयो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी (ईटीटी) से पैदा होने वाले बछड़ों के लिए सरकार पशुपालकों को 10 हजार रुपये का प्रोत्साहन देगी। इस तकनीक से अच्छी गुणवत्ताए देसी पशुओं की संख्या और दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। गांवों में डेयरी या भेड़ इकाई स्थापित करने के इच्छुक उन पशुपालकों को राहत मिलेगी, जिनके पास जमीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे पशुपालकों के लिए पंचायती जमीन पर संयुक्त शेड बनेंगे। इनमें वे अपने पशु रख सकेंगे। नई दिल्ली से सटे झज्जर में सरकार होलसेल के लिए मछली मार्केट स्थापित करेगी। मीठे व खारे पानी में मछली और झींगा के उत्पादन को बढ़ाने का फैसला लिया है। मछली उत्पादक किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मिलेंगे। भिवानी में इंटीग्रेटिड एक्वा पार्क सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होगा। जलीय जीवों के अजूबों को देखने.समझने के लिए गुरुग्राम में पीपीपी मोड पर आधुनिक एक्वेरियम स्थापित किया जाएगा।

प्रशन:- प्रदेश में खुलने वाले रिटेल स्टोर का लक्ष्य क्या है ?
उत्तर:-
17 अक्तूबर 2021 को शुरू की गई हरित परियोजना का विस्तार होगा। इसके तहत सभी जिलों में 2000 रिटेल स्टोर स्थापित होंगे। फरवरी 2022 तक 852 फ्रेंचाइजी आवंटित की जा चुकी हैं और 463 के लिए एमओयू साइन किए हैं। इन रिटेल स्टोर में हैफेड, वीटा, बागवानी, खाद्यी ग्रामोद्योग सहित अन्य सरकारी उत्पाद बिक सकेंगे। जींद व सिरसा के मिल्क प्लांट्स का नवीनीकरण को मंजूरी दी है।

प्रशन:- लगातार पर्यावरण में हो रहे बदलावों को लेकर सरकार कितना अलर्ट है और क्या फैसले लिए गए हैं ?
उत्तर:-
प्रदूषण के मुद्दे पर लगातार सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों पर गौर करते हुए हमने पूरी कार्ययोजना बनाई है। सालाना बजट में पर्यावरण सुधार और वन एरिया बढ़ाने के लिए करीब 531 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले लोगों के लिए साल में दो अवार्ड भी घोषित किए हैं। आरएसएस से जुड़े रहे पर्यावरणविद स्व़ दर्शनलाल जैन के नाम पर हर साल दो व्यक्तियों को क्रमश तीन और एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार देगी। वायु प्रदूषण संभावित हॉट.स्पॉट की पहचान करेगी। इन जगहों पर प्रदूषण कम करने के लिए विशेष धनराशि सरकार मुहैया कराएगी। प्रदेशभर में 100 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में प्रदेश में 200 नर्सरियां मौजूद हैं। अब सरकार 10 हाईटेक नर्सरियां स्थापित करेगी। इनमें स्वचालित जयवायु नियंत्रणए ग्रीन हाउस, पॉली हाउसए रूट ट्रेनर सुविधाएं, जर्मिनेशन बैड, वनस्पति प्रसार सुविधाएं तथा सिंचाई और उर्वरक देनी वाली स्वचालित सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इन नर्सरियों में सालभर गुणवत्ता वाली पौध तैयार होंगी। कालका और कलेसर के जंगलों में सरकार 150 किमी लम्बी नेचर ट्रेल विकसित करेगी, ताकि लोग करीब से प्रकृति का आनंद ले सकें। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नीतत बनाई है। प्रदेश में फिलहाल वृक्षों की गिनती का कोई तंत्र नहीं है। इस साल वृक्षों की गिनती के लिए जियो टैगिंग करवाने का ऐलान किया है। जियो टैगिंग के बाद प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए वनरोपण योजना तैयार होगी।

प्रशन:- सबसे मुख्य विषय शिक्षा को लेकर क्या नया किया जाएगा ?
उत्तर:-
प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में आईटी तकनीक का इस्तेमाल होगा। सरकार ने सभी कॉलेजों में कम से कम 10-10 स्मार्ट क्लास.रूम स्थापित करने का फैसला लिया है। बेटियों को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा के लिए सरकार ने ''साथी'' नामक योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। लड़कियों का ड्राप आउट रोकने के लिए यह योजना कारगर सिद्ध होगी। अब सभी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, महाविद्यालयों औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों पॉलिटेक्निक चिकित्सा और पैरा.मेडिकल तथा नर्सिंग संस्थानों की छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा।सरकारी स्कूलों के 25 लाख बच्चों का सरकार साल में दो बार मेडिकल चैकअप कराएगी। बच्चों में खून की कमी आमतौर पर देखने को मिलती है। अनाज से एलर्जी के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में चैकअप के जरिये बच्चों की बीमारियों को प्रारंभ में ही पकड़ा जा सकेगा। स्कूलों को स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों के साथ कनेक्ट किया जाएगा ताकि उन्हें उपचार सुविधा मिल सके। स्कूलों में खेल नर्सिरयां भी स्थापित होंगी ताकि विद्यार्थियों को स्कूलों में ही बेहतर खुल सुविधाएं मिल सकें। कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अटल टिंकरिंग लैब एटीएलद्ध की तर्ज पर 50 सेमी लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब आठवीं से बारहवीं तक के बच्चों के लिए विषयवार ओलंपियाड शुरू करने की योजना बनाई है। इतना ही नहीं विद्यार्थियों को राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन, नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो जैसे विज्ञान संस्थानों में एक्सपोजर विजिट पर भेजा जाएगा। जिला व प्रदेश स्तर पर ओलंपियाड विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह से सेवारत सैनिकों व अर्धसैनिकों के बच्चों को समय-समय पर शैक्षिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। सुधारात्मक कोचिंग की आवश्यकता वाले बच्चों को पहली से दसवीं तक प्रतिरक्षा और अर्धसैनिक कार्मियों के बच्चों के लिए सुधारात्मक शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के बच्चों को आपस में रूबरू करवाने के लिए ऑडियो विजुयल कक्षाओं का आयोजन होगा। दोनों को आपस में जोड़ा जाएगा। इसके लिए ट्विनिंग कार्यक्रम शुरू होगा।

प्रशन :- ज्योतिषशास्त्र और आयुर्वेद पर पाठ्यक्रम क्या है ?
उत्तर:-
गठबंधन सरकार यूनिवर्सिटी में भारतीय भाषाओं, कला एवं संस्कृति, ज्योतिषशास्त्र और आयुर्वेद आदि पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करेगी। इसके लिए विदेशी छात्रों को भी आकर्षित किया जाएगा। प्राचीन भाषाओं और हस्तलिपि में सीखने, अध्ययन व शोध में लगे संस्थानों को अनुदान देने के लिए योजना शुरू की जाएगी, मानेसर में इंस्टीट्यूट ऑफ एमर्जिंग टेक्नोलॉजी स्थापित होगा।

प्रशन प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा बारे सरकार की सोच क्या है ?
उत्तर:- 
हरियाणा में मजदूरी कर रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व राजस्थान आदि राज्यों के प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए सरकार चार औद्योगिक शहरों में विशेष स्कूल गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद और पानीपत में स्थापित करेगी। इसी तरह से बाल मजदूरी और प्रवासी पुनर्वास की समस्या को हल करने के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद में श्रम पुनर्वास केंद्र की स्थापना होगी। श्रम विभाग के बजट में 240.1 प्रतिशत का इजाफा करते हुए विभाग को 221 करोड़ 97 लाख रुपये मिलेंगे। श्रमिकों की नियमित चिकित्सा जांच के लिए सरकार ने पानीपत, सोनीपत, अंबाला, हिसार, रोहतक और जींद में औद्योगिक स्वच्छता प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है। मानेसर में 500 बेड का ईएसआई अस्पताल बनेगा। साथ ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा गुरुग्राम के मौजूदा अस्पताल की 163 बेड की मौजूदा क्षमता को बढ़ाकर 500 किया जाएगा। औद्योगिक श्रमिक मजदूरों के लिए सरकार ने हिसार, रोहतक, सोनीपत, अंबाला, करनाल और पंचकूला में 100 बेड के नये अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही, चौदह जगहों पर ईएसआई डिस्पेंसरी स्थापित होंगी। इन शहरों में करनाल, रोहतक, झाड़ली, गन्नौर, मुलाना, घरौंडा, फर्रूखनगर, कोसली, साहा, छछरौली, पटौदी, भूना, चरखी दादरी और उकलाना मंडी शामिल हैं। ईएसआई अस्पतालों एवं डिस्पेंसरी में एक्स.रे मशीन, लैब सुविधाएं और उपकरण, सेल काउंटर, आटोएनलाइजर, दूरबीन, माइक्रोस्कोप की सुविधा होगी। दंत चिकित्सा का भी प्रबंध किया जाएगा।

प्रशन:- हर परिवार को छत देना प्रधानमंत्री और आपका स्वप्न है, यह पूरा कब तक होगा ?
उत्तर:-
प्रदेश के उन गरीब लोगों को आवास मुहैया करवाए जाएंगे, जिनके पास छत नहीं है। परिवार पहचान पत्र इसमें मुख्य आधार बनेगा। पीपीपी पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले उन परिवारों का सरकार चयन करेगी, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है और उनके पास अपने मकान नहीं है। ऐसे परिवारों को मकान उपलब्ध कराने के लिए सरकार इस साल योजना बनाएगी। सर्वे के जरिये सरकार पता करेगी कि ऐसे लोगों को मकान के लिए किस तरह की मदद की जा सकती है। आवास क्षेत्र के लिए 388 करोड़ 11 लाख रुपये का बजट तय किया है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 104.7 प्रतिशत अधिक है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत कुल 30 हजार 789 मकान बनाने का टारगेट रखा था। इनमें से 21 हजार 551 के लिए मंजूरी दी गई और 20 हजार 659 मकान बन चुके हैं। इसी तरह से प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत अब शहरों में किफायती आवास योजना के तहत सरकार 20 हजार मकान बनाएगी।

प्रशन:- विश्व को अपनी ताकत का एहसास गरबा चुके हरियाणा के खिलाड़ियों और स्पोर्ट्स को लेकर क्या योजनाएं हैं ?
उत्तर:-
पहली बार खेला इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी कर रहे हरियाणा ने इन खेलों पर 250 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें से 205 करोड़ रुपये राज्य सरकार खर्च करेगी और बाकी पैसा केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराया जाएगा। कोविड की वजह से खेला इंडिया गेम्स टलते आ रहे थे, लेकिन अब कोरोना की तीसरी लहर जाने के बाद इन खेलों के आयोजन का रास्ता साफ हो गया है। खेला इंडिया के लिए सरकार ने बजट का प्रबंध कर लिया है, मोतीलाल नेहरू स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स कैम्पस में ही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय सरकार ने लिया हुआ है। इस यूनिवर्सिटी में 80 प्रतिशत सीट हरियाणा के लिए तथा बाकी 20 प्रतिशत बाकी राज्यों के लिए ओपन रहेंगी। पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में सरकार राष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक प्रशिक्षण एवं पुनर्वास केंद्र (एसटीआरसीएस) स्थापित कर रही है। इसी पैटर्न पर करनाल, हिसार, रोहतक और गुरुग्राम के खेल स्टेडियम में भी ये सेंटर स्थापित करने की योजना है। इन केंद्रों में वैज्ञानिक खेल प्रशिक्षण के अलावा स्पोर्ट्स इंजरी, रिहेबिलिटेशन और स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। राष्ट्रीय खेल संस्थान की तर्ज पर पंचकूला में हरियाणा राज्य खेल संस्थान स्थापित करने की भी योजना है।प्रदेशभर में 1100 नई खेल नर्सरियां खोलने का प्रस्ताव सरकार ने बनाया है। इनमें से 500 नर्सरियां सरकार चलाएगी। वहीं 600 नर्सरियां सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, प्राइवेट शिक्षण संस्थानों द्वारा चलाई जाएंगी। इसके लिए सरकार निजी कोचिंग सेंटरों को नर्सरियां आवंटित करेगी। इन नर्सरियों से लगभग 25 हजार खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा। विभिन्न खेलों के लिए सरकार ने 10 डे.बोर्डिंग और 8 आवासीय अकादमियां स्थापित करने का निर्णय लिया है। यहां सरकारी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। खेल अवसंरचना के रखरखावए प्रबंधन और विकास के लिए प्रतिष्ठित खिलाड़ियों की एक समित भी सरकार गठित करेगी। इस साल एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों के लिए सरकार ने पात्र खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि ;पार्टिशिपेशन अवार्ड मनी का एक तिहाई पैसा जारी करने का निर्णय लिया है। खेल एवं युवा मामले विभाग हरियाणा साहसिक अकादमी के तहत मिल्खा सिंह एडवेंचर स्पोर्ट्स क्लब स्थापित करेगा। इसके तहत पंचकूला के मोरनी में युवा उद्यमियों का 10 दिवसीय बूट कैम्प आयोजित किया जा चुका है। इसमें 40 स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। अब यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में शुरू होगा। अगले एक साल में 1000 युवाओं को साहसिक गतिविधियों में ट्रेंड किया जाएगा।

प्रशन:- किसी भी प्रदेश के विकास की रफ्तार सड़कों से होकर गुजरती है, सड़कों को और अधिक सुदृढ़ बनाने को लेकर किस प्रकार से आगे बढ़ रहे हैं ?
उत्तर:- 
पीडब्ल्यूडी विभाग को अलॉट किए बजट का पचास प्रतिशत पैसा सड़कों के सुदृढ़ीकरण और रखरखाव पर खर्च होगा। बजट में पिछले साल के मुकाबले 59.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए 4752 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया है। अंबाला और भिवानी शहर में रिंग रोड बनेंगे। इसी तरह से करनाल, हिसार, कुरुक्षेत्र और जींद में बाईपास बनेंगे। ये प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजे गए हैं। इन परियोजनाओं की सड़क परिवहन मंत्रालय सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे चुका है। गोहाना से सोनीपत,  रेवाड़ी से नारनौल, राजस्थान सीमा तक की सड़क, रेवाड़ी बाईपास, जींद.गोहाना सड़क, गुरुग्राम से रेवाड़ी वाया पटौदी तथा साहा से अंबाला तक की सड़क को फोर लेन किया जा रहा है। नारनौल में सिक्स लेन का बाईपास बन रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिल्ली से वडोदरा एक्सप्रेस-वे, इस्माइलाबाद से नारनौल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे तथा नई दिल्ली से कटरा तक के एक्सप्रेस-वे भी हरियाणा से होकर गुजरेंगे। पिछले साल सरकार हमने राज्य में 130 किमी लम्बाई की नई सड़कों का निर्माण किया। इस बार 300 किमी लम्बाई की नई सड़कों के निर्माण का फैसला लिया है। वहीं 6 हजार किमी लम्बाई सड़कों के सुधारीकरण का प्रस्ताव बजट में रखा है। भीड़भाड़ वाले स्थलों को चिह्नित कर सरकार ने 12 बाईपास को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में हरियाणा के लिए 2500 किमी सड़कों के सुदृढ़ीकरण की मंजूरी मिली है। इसमें से 1443 किमी सड़कों पर काम हो चुका है और बाकी पर इस साल होगा।कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ समानांतर प्रदेश का पहला आर्बिटल रेल कॉरिडोर विकसित होगा। 5500 करोड़ से अधिक की लागत की इस परियोजना पर केंद्र की भी मुहर लग चुकी है। इस परियोजना को सिरे चढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। कॉरिडोर के कुछ हिस्सों का कार्य पहले ही आवंटित भी किया जा चुका है। प्रदेश को रेलवे क्रॉसिंग लाइन मुक्त करने की योजना के बीच सरकार ने इस साल प्रदेश में 22 नये रेलवे ओवर व अंडरब्रिज बनाने का लक्ष्य रखा है।  1996 से लेकर 2014 तक प्रदेश में में कुल 51 आरओबी आरयूबी बने थे। वहीं नवंबर 2021 तक 103 आरओबी का निर्माण हो चुका है। वहीं 45 आरओबी व आरयूबी पर काम चल रहा है।


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Content Writer

Vivek Rai

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