कृषि कानूनों से सारे देश के लोगों का भोजन चंद लोगों के गोदामों में सिमट कर रह जाएगा : चढूनी

punjabkesari.in Wednesday, Feb 03, 2021 - 09:18 AM (IST)

पिहोवा : गांव थाना स्थित टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधन करने के लिए विशेष रूप से मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे। उन्होंने किसानों को कहा कि जो कृषि कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए है इससे सारे देश के लोगों का भोजन कुछ चंद लोगों के गोदामों में सिमट कर रह जाएगा। अगर सारे देश का भोजन कुछ चंद लोगों की मुठ्ठी में होगा तो इस देश का क्या हाल होगा यह सोचने का विषय है। 

चढूनी ने कहा कि हमारे देश में सरकार द्वारा लोगों को कोई सुविधा नहीं दी जाती लेकिन केंद्र सरकार अमरीका की तर्ज पर कृषि कानून बनाकर उन्हें किसानों पर थौंपने का काम कर रही है। सरकार अमरीका की जो कृषि पॉलिसी है उसे लागू तो करना चाहती है लेकिन सरकार को यह भी पता होना चाहिए कि अगर अमरीका में कोई बच्चा पैदा होता है तो उसके पैदा होने से लेकर उसकी शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य खर्च को वहां की सरकार उठाती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक व्यक्ति का खर्च सरकार नहीं उठाती है और यहां की जो आमदन है वो जिंदा रहने के काबिल नहीं है। अगर अब देश में ऐसे हालात है तो भविष्य मेें क्या होगा। जब सारा सिस्टम सरकार कुछ चंद लोगों के हाथ में सौंप देगी। उन्होंने कहा कि भुखमरी में हमारा देश 94वें स्थान पर है। यहां लोगों को पेट भर रोटी भी नहीं मिलती है। 2017-18 आकड़े के मुताबिक देश के लोगों की प्रतिवर्ष आमदन 20 हजार रुपये आंकी गई है। ऐसे में एक व्यक्ति कैसे अपना परिवार कैसा चलाएगा। 

उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून नहीं बल्कि एग्रो बिजनैस कानून है। खेती का कानून केंद्र सरकार नहीं बना सकती है क्योकि यह प्रदेश सरकार का मुद्दा है। नए कानून से पूरा खेती का कारोबार कुछ कॉरपोटर के हाथों में जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल 23 फसलों का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है जबकि फसले अनेक है। उन 23 फसलों की जो कीमत भी 17 लाख करोड़ रुपये पड़ती है और किसानों को 13 से 14 लाख करोड़ रुपए मिलते हंै। 

वहीं सरकार बेबुनियादी कट लगाकर शोषण करती है। अगर किसानों को 3 से 4 लाख करोड़ रुपये अलग से मिले तो किसानों की लागत पूरी होती है। उन्होंने कहा कि राजा प्रजा का रक्षक होता है, लेकिन आज का राजा प्रजा की बजाए कुछ चंद लोगों का वफादार बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस राजा की प्रजा सड़कों पर 2 डिग्री तापमान में हो उस राजा को नींद नहीं आती, लेकिन आज देश का राजा जनता से झूठ बोल रहा है कि वो केवल उनसे एक फोन की दूरी पर है। उन्होंने कहा कि 11 मीटिंग के बाद भी सरकार टस से मस नहीं हुई है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लाल किले पर अपने लोगों को भेजकर किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि आज भाजपा एस.वाइ.एल. के पानी की बात कर रही है लेकिन 2007 से 17 तक पंजाब में अकाली दल के साथ बी.जे.पी. की सरकार थी तब क्यो नहीं एस.वाई.एल. के पानी की याद आई। हरियाणा-पंजाब के किसानों के एकत्रित होने से सरकार के पेट में दर्द हो रहा है। इस मौके पर तरणतारन से पहुंचे गुुरमीत सिंह कार सेवा वालों ने किसानों आंदोलन के दौरान शहीद हुए 7 किसानों के परिवारों को एक लाख रुपए आर्थिक सहायता दी।

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Manisha rana

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