बहादुरगढ़ की हवा हुई जहरीली, वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंचा 515 पर

punjabkesari.in Saturday, Nov 06, 2021 - 01:32 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): बहादुरगढ़ शहर की हवा अब सांस लेने लायक नही रही है। दीपावली की रात हुई आतिशबाजी ने हवा के स्तर को पूरी तरह से खराब कर दिया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के स्तर को पार कर 515 तक पहुंच गया है हालांकि 401 से 500 तक एक्यूआई का स्तर बेहद खतरनाक माना जाता है और उस स्तर को भी बहादुरगढ़ की आबो हवा पार कर चुकी है। इसका दोष इस बार किसानों पर नही पटाखों पर सीधा सीधा आ गया है। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और सरकारें महज कहने भर को ही पटाखों पर प्रतिबंध लगाती है लेकिन प्रतिबंध के बाद भी पटाखों की खरीद फरोख्त जमकर होती है और आतिशबाजी का मजा भी लोग जमकर लेते हैं।
बाईट राहुल स्थानीय निवासी।

पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण रोकथाम विभाग ने बहादुरगढ़ के लघु सचिवालय पर वायु गुणवत्ता की जांच के लिए यंत्र लगा रखे हैं। बड़ी डिस्पले के जरिए शहरवासियों तक वायु की गुणवत्ता की जानकारी भी पहुंचाई जा रही है। दीपावली की शुभकामनाओं के साथ साथ डिस्पले पर वायु में पीएम 2.5 की मात्रा 273 आ रही है और पीएम 10 की मात्रा 266.97 आ रही है। हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गये है। सांसो के साथ वायुमंडल में मौजूद हानिकारक कण हमारे शरीर में पहुंचते हैंै और बिमारियों का आगमन भी बढने लगता है। खराब हवा के कारण आंखो में जलन और सांस लेने में बुुजुर्ग और बिमारों को बेहद दिक्कत आने वाली है।
 

दीपावली के बाद खराब हुई वायु गुणवत्ता पर टिकरी बाॅर्डर पर मौजूद किसान संगठन के नेताओं ने पटाखों और उद्योगों को जिम्मेदार ठहराया है। किसान नेता परगट सिंह ने कहा कि हर बार किसान पर पराली जलाने का आरोप लगाया जाता था लेकिन इस बार तो किसान ने ना तो पराली जलाई और ना ही पटाखे फिर भी हवा का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध की बजाए पटाखों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । ना तो पटाखें हांेगे और ना ही पटाखे जलेगें। और किसान पर हवा की खराबी का दोष नही आना चाहिए।
 

बहादुरगढ़ की बात करें तो दीपावली की रात जमकर आतिशबाजी हुई है। जोरदार शोर करने वाले पटाखों से लेकर प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे जमकर फोड़े गए। धुंए के कारण सुबह तो धुंध जैसे हालात भी हो गए थे । ऐसे में अब जरूरत बुजुर्ग और बिमारों के सावधान रहने की है क्योंकि हवा बेहद खराब है। सोच समझकर ही सैर के लिए निकलियेगा क्योंकि सुबह सुबह भी साफ नही जहरीली हवा ही आपको बाहर मिलने वाली है।
 


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Content Writer

Isha

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