शराब घोटाला : सी.बी.आई. जांच की सिफारिश कर सकते हैं विज!
punjabkesari.in Sunday, Aug 02, 2020 - 11:20 AM (IST)
चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय) : हरियाणा के बहुचर्चित शराब घोटाले की 2 हजार पन्नों की जांच रिपोर्ट में आंकड़ेबाजी के खेल से गृह मंत्री अनिल विज नाखुश हैं। लिहाजा अगले सप्ताह गृह मंत्री की ओर से इस मामले की जांच सी.बी.आई. से करवाने की सिफारिश की जा सकती है। गृह मंत्री ने जांच रिपोर्ट से संबंधित तथ्यों को समझने के लिए गृह सचिव विजय वर्धन को 4 अगस्त तक का समय दिया है।
बताया गया कि एस.ई.टी. की रिपोर्ट में न तो किसी बड़े अफसर को घोटाले में कसूरवार बताया गया है और न ही शराब माफिया, आबकारी अधिकारी और पुलिस के गिरोह को चिन्हित किया गया। इसकी एक खास वजह एस.ई.टी. के पास शक्तियां नहीं थी। इससे पहले सरकार ने एस.आई.टी. को एस.ई.टी. बनाकर गृह मंत्री के अरमानों पर पहले ही पानी फेर दिया था। नतीजा यह हुआ कि इस घोटाले में गृह मंत्री के निशाने पर जो अफसर और सफेदपोश थे वह सीधे-सीधे बच गए।
कबूतरबाजी मामले की तरह एस.आई.टी. जांच चाहते थे विज
विज शराब घोटाले की जांच कबूतरबाजी मामले की तरह से करवाना चाहते थे। कबूतरबाजी मामले में गृह मंत्री ने अपनी मनपसंद के तेजतर्रार आई.पी.एस. अफसर एवं करनाल रेंज की आई.जी. भारती अरोड़ा की अगुवाई में एस.आई.टी. का गठन किया जो अब तक करीब 150 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं, जिसमें कई भाजपा नेता भी शामिल हैं। भारती अरोड़ा की जांच टीम से विज खुश हैं और वह इसी तरह से शराब घोटाले की एस.ई.टी. जांच में भी बड़े रहस्य से पर्दा उठने की उम्मीद लगाए बैठे थे।
एस.ई.टी. रिपोर्ट से ज्यादा पुलिस की एस.आई.टी. कर चुकी है कार्रवाई
शराब घोटाले में एस.ई.टी. की रिपोर्ट से ज्यादा कार्रवाई तो सोनीपत और रोहतक पुलिस की एस.आई.टी. कार्रवाई कर चुकी है। पुलिस ने जहां खरखौदा शराब गोदाम से शराब चोरी के मामले में किंगपिन भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया तो वहीं मिलीभगत के तहत पुलिस के ही कई इंस्पैक्टर स्तर के अफसरों को भी सलाखों के पीछे भेजा।