हॉट सीट' बरोदा में नए चेहरों पर 'दांव' लगाने के मूड में हैं सभी दल

punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 08:37 PM (IST)

संजय अरोड़ा: हरियाणा में बरोदा विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से अभी से जोर-आजमाइश शुरू हो गई है और निश्चित तौर पर आने वाले समय में बरोदा हॉट विधानसभा सीट बनने जा रही है। चुनाव आयोग की ओर से न तो अभी तक चुनाव को लेकर कोई अधिसूचना जारी गई है और न ही कोई संकेत दिए गए हैं। हालांकि राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव को लेकर मंथन के साथ ही बरोदा में दस्तक देने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। 

खास बात यह है कि बरौदा में प्रस्तावित उपचुनाव में इस बार सियासी परिदृश्य पिछली बार की तुलना में पूरी तरह से बदला नजर आएगा। बरोदा की सियासी पिच पर इस बार नए बल्लेबाजों के उतरने की पूरी संभावना है। इसके साथ ही बरोदा उपचुनाव में भी जींद उपचुनाव की भांति पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है। 

इसकी वजह है कि बरोदा उपचुनाव सत्ताधारी भाजपा सहित सभी दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्र है और इस उपचुनाव को लेकर सभी दलों ने अभी से अपनी ताकत लगाते हुए उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया शुरू करने के साथ-साथ क्षेत्र के मतदाताओं का रुझान लेना शुरू कर दिया है। 

गौरतलब है कि बरोदा विधानसभा सीट कांग्रेस के विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के इसी साल 12 अप्रैल को निधन होने के बाद से खाली है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी सीट पर छह माह की अवधि में चुनाव करवाना जरूरी होता है। अभी आयोग की ओर से इस सीट पर चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इसी साल अक्तूबर माह में इस सीट पर चुनाव संभावित हैं। 

कांग्रेस के विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद इस सीट से कांग्रेस की ओर से तो निश्चित तौर पर नया चेहरा मैदान में आएगा ही, वहीं अन्य दलों की ओर से भी इस सीट के उपचुनाव में इस बार पिछला चुनाव लड़े उम्मीदवारों पर दांव लगाने की बजाय नए चेहरों को मैदान में लाया जा सकता है। 

सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार हुआ गर्म
उल्लेखनीय है कि बरोदा विधानसभा सीट को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार भी गर्म है और विभिन्न दलों द्वारा मैदान में उतारे जाने वाले संभावित उम्मीदवारों को लेकर आंकलनों का सिलसिला भी जारी है। सोनीपत इलाका पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है और चूंकि बरौदा विधानसभा क्षेत्र सोनीपत संसदीय सीट का ही हिस्सा है ऐसे में यह भी चर्चा है कि इस सीट से हुड्डा के परिवार से कोई सदस्य मैदान में आ सकता है। 

सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि कांग्रेस की ओर से हुड्डा की धर्मपत्नी आशा हुड्डा उम्मीदवार हो सकती है। इस चर्चा को उस समय भी बल मिला था जब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कुलदीप बिश्नोई ने हुड्डा से उनकी धर्मपत्नी आशा हुड्डा को उम्मीदवार बनाने की सलाह दी थी। 

खास बात यह है कि सोनीपत क्षेत्र जहां हुड्डा का गढ़ है, वहीं यह इलाका आशा हुड्डा का मायका भी है। इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि श्रीकृष्ण हुड्डा के परिवार में से भी किसी को टिकट दिया जा सकता है। वहीं भाजपा की ओर से पिछली बार यहां से पहलवान योगेश्वर दत्त मैदान में थे। इस बार भाजपा की ओर से उम्मीदवार बदले जाने की पूरी संभावना है। जजपा से पिछली बार भूपेंद्र सिंह उम्मीदवार थे और अब भाजपा व जजपा दोनों साथ हैं। 

इनेलो की ओर से पिछली बार उम्मीदवार रहे जोगेंद्र सिंह को 3,145 वोट ही मिले थे और वे पांचवें स्थान पर रहे थे। इस बार इनेलो इस उपचुनाव के जरिए अपना वजूद बढ़ाने के लिए अभी से प्रयासरत है और ऐसे में कहा जा सकता है कि इनेलो भी इस उपचुनाव में किसी बड़े चेहरे पर दांव खेल सकती है। 

बसपा ने पिछली बार नरेश कुमार को टिकट दिया था। बसपा को महज 3,281 वोट ही मिले थे। बसपा संगठन के दृष्टिगत इस समय कमजोर हुई है और ऐसे में राजनीतिक सूत्रों का मानना है कि इस उपचुनाव को लेकर बसपा अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने की बजाय किसी दल का समर्थन कर सकती है।

पिछले चुनाव में यह थी दलीय स्थिति
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा को 42,566 (34.67 प्रतिशत) वोट मिले थे और भाजपा के योगेश्वर दत्त को 37,226 (30.73 प्रतिशत) वोट मिले थे। इस तरह से कांग्रेस ने भाजपा को 5,340 वोटों से हराया था। जननायक जनता पार्टी के भूपेंद्र सिंह को 32,480 (26.45 प्रतिशत) मिले थे। मैदान में कुल 11 उम्मीदवार थे और इनेलो व बसपा समेत 8 अन्य उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। बसपा के नरेश कुमार को 3,281 (2.67 प्रतिशत), जबकि इनेलो के जोगेंद्र सिंह को 3,145 (2.56 प्रतिशत) वोट ही मिले थे। 

उपचुनाव में बम्पर हो सकती है वोटिंग
बरोदा विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव की तुलना में इस उपचुनाव में बम्पर वोटिंग की संभावना है। 2019 में बरोदा में हुए विधानसभा चुनाव में 1,77,994 मतदाता थे। उस समय 1,22,780 (68.98 प्रतिशत) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पर इस बार यह आंकड़ा बढऩे की संभावना है। गौरतलब है कि जींद विधानसभा क्षेत्र में साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 75.84 प्रतिशत एवं 2019 के सामान्य विधानसभा चुनाव में 66.85 प्रतिशत वोट पोल हुए थे। जबकि जनवरी 2019 में हुए जींद उपचुनाव में जींद में 78 प्रतिशत वोट पोल हुए थे। इसी ट्रेंड को देखते हुए बरौदा उपचुनाव में भी मतदान प्रतिशत जींद की ही भांति काफी बढ़ सकता है।

सर्वे एजेंसियां हुई सक्रिय
बरोदा विधानसभा उपचुनाव को लेकर अभी बेशक चुनाव आयोग की ओर से अधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि अक्तूबर के अंत में उपचुनाव हो सकता है। पर अभी से राजनीतिक दलों के साथ-साथ सर्वे एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। 

राजनीतिक दलों की ओर से अपनी ओर से तो बरोदा उपचुनाव को लेकर सर्वे करवाए जा रहे हैं तो वहीं सर्वे एजेंसियों को भी हॉयर किया गया है। यह एजेंसियां अभी से विभिन्न बिंदूओं को केंद्रीत रखकर मतदाताओं की नब्ज टटोल रही हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के जातिगत आधार पर आंकड़े एकत्रित करके जातीय ध्रुवीकरण को लेकर भी तमाम तरह के आंकलन की रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

vinod kumar

Recommended News

Related News

static