सराहनीय कदम: कोरोना की तीसरी लहर के बीच शिक्षा विभाग ने हर कक्षा में पहुंचाया ऑक्सीमीटर

punjabkesari.in Tuesday, Aug 03, 2021 - 05:31 PM (IST)

भिवानी(अशोक): हरियाणा प्रदेश में कोविड की तीसरी लहर के बीच पहली से पांचवी कक्षा तक के राजकीय स्कूलों को खोलने के लिए शिक्षा विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। विभाग ने प्राईमरी व माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए ऑक्सीमीटर बांटने शुरू कर दिए हैं।  स्कूलों में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मामीटर की तर्ज पर कोविड से लडऩे में मदद करेंगे। अकेले भिवानी जिला में तीन हजार 72 ऑक्सीमीटर स्कूलों में कक्षा स्तर पर बांटे जा रहे हैं। भिवानी के संस्कृति मॉडल स्कूल में आज ऑक्सीमीटर वितरण के बाद बच्चों का ऑक्सीजन लेवल मांपकर स्कूलों में प्रवेश दिया गया। 

ऑक्सीमीटर बांटने से पहले बच्चों के मास्क व शरीर का तापमान भी मांपा गया तथा दो गज की दूरी का पालन करते हुए हाथों को सैनेटाईज करवाया गया, ताकि कोरोना महामारी से निपटा जा सकें। इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्कूलों को भली-भांति खोलकर यहां पर पढ़ाई करवाई जा सकें, इस उद्देश्य से शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग स्कूलों की तरफ अतिरिक्त ध्यान दे रहे है, जिसके चलते अब प्रति सैक्शन एक ऑक्सीमीटर स्कूलों में दिया गया हैं। जिसकी जांच कक्षा इंजार्ज करेंगे तथा किसी भी बच्चें का ऑक्सीजन लेवल 94 से कम पाए जाने पर अध्यापक संबंधित बच्च्हों के अभिभावकों व चिकित्सक से संपर्क करेंगे। उन्होंने बताया कि ऑक्सीमीटर ऐसा यंत्र है, जिसे पेपर या क्लोथक्लिक की तरह पीछे से दबाकर उंगली में दबाया जाता है, उसे ऑन करने पर यह यंत्र उंगली में से बह रहे खून में ऑक्सीजन के लेवल का पता लगाकर डिजिटल डिस्पले पर ऑक्सीजन की रीडिंग दिखा देता है। उन्होंने बताया कि अकेले भिवानी ब्लॉक में 950 ऑक्सीमीटर बांटे जाने है, जिनमें से 500 ऑक्सीमीटर का वितरण किया जा चुका है।

वही स्कूल प्राचार्य सविता घणघस व स्कूल की छात्रा सिमरन व सविता ने बताया कि ने ऑक्सीमीटर मिलने के बाद अब कोरोना से सुरक्षा एक पायदान आगे बढ़ गई हैं। जबकि उनके घरों में शरीर का तापमान मांपने के लिए थर्मामीटर व ऑक्सीजन मांपने के लिए ऑक्सीमीटर की सुविधा नहीं है। अब स्कूल में आने वाले बच्चों का प्रतिदिन ऑक्सीजन लेवल भी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो सकेंगा। इससे अब बच्चें घरों से ज्यादा स्कूलों में सुरक्षित रहेंगे। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग की यह पहल लंबे समय से घरों में बैठे बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने में बड़ी कड़ी साबित होगी।
 


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Content Writer

Isha

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