दो बार आईसीयू में रह चुके पूर्ण स्वस्थ न होने के बावजूद भी लगातार कमान संभाल रहे अनिल विज

punjabkesari.in Tuesday, Jun 15, 2021 - 05:38 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य व निकाय मंत्री अनिल विज का स्वास्थ्य पूर्ण तय ठीक नहीं हैं, फिर भी वह प्रतिदिन हरियाणा सचिवालय आ रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना काल चल रहा है, उनके स्वास्थ्य, निकाय व गृह विभाग सीधे रूप से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, आम जनता के हित में जो कदम उठाने हैं, वह फाइल्स व निर्णय उनके स्वास्थ्य से ज्यादा जरूरी हैं।

गौरतलब है कि अनिल विज को डॉक्टर्स भी समय-समय पर कम्प्लीट रेस्ट की सलाह देते हैं। मगर विज डॉक्टर्स की सलाह को दर किनार करके भी हरियाणा सचिवालय आ विभिन्न विभागों की मीटिंगें कर रहे हैं व रूटीन बरकरार रखे हैं। विज आजकल आक्सीजन अप-डाउन होने से की समस्या से जूझ रहे हैं। ऑफिस में जब दिक्कत होने लगती है तो नेब्युलाईजर का इस्तेमाल करते देखे जाते हैं। विज के स्वास्थ्य का प्रभाव उनके काम पर नजर नहीं आता, काम पूर्ण जज्बे से करते नजर आते हैं।

मंत्री अनिल विज के लिए कोविड काल व्यक्तिगत रूप से किन्हीं भारी चुनौतियों से कम नहीं रहा। वह 9 जून 2020 को अम्बाला अपने घर बॉथरूम में स्लिप हो गए व उन्हें गंभीर चोटें आई थी। आईसीयू में थाई की सर्जरी के बाद डॉक्टरों की सुपरविजन में उपचाराधीन अनिल विज की 10 जून 2020 को सर्जरी हुई थी। 

अनिल विज की सर्जरी के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया था क्योंकि वह डायबिटीज व बीपी के पेशेंट हैं। इनकी छुट्टी 25 जून को हुई थी। तब 35 दिनों के बाद विज ने हरियाणा सचिवालय पहुंच मोर्चा संभाला लिया था। इस दौरान अस्पताल व घर से मोबाइल, लैपटॉप, या वीसी से जहां वह काम संभालते रहे। वहीं अपने निजी स्टाफ के माध्यम से फाइल्स मंगवा निकालते भी रहे।

20 नवंबर 2020 को अनिल विज ने कोरोना की वैक्सीन 'कोवाक्सीन' की पहली डोज ली थी। 5 दिसंबर 2020 को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वे वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए। आक्सीजन सिलेंडर की सपोर्ट से इन्होंने लगभग 2 माह बाद हरियाणा सचिवालय आना शुरू कर दिया था। कोविड की मॉनिटरिंग ,जरूरी मीटिंग्स, दिशा निर्दश उस दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग से चलते रहे। इसी बीच जनवरी में कोरोना वैक्सीन आने की खबरों के बीच अनिल विज मेदांता में कोरोना पॉजिटिव होने के चलते एडमिट हुए, वह जनवरी में आने वाली वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर आला अधिकारियों से लगातार जानकारियां ले उन्हें दिशा निर्देश देते रहे।

मंत्री अनिल विज भले ही अस्पताल में खुद दो बार एडमिट हुए, उनका जीवन खुद कष्ट व परेशानियों के दौर में रहा। मगर विज बेड पर होते हुए भी अपने विभागों की चुनौतियों को बखूबी निपटाते रहे। कोविड-19 की चुनौतियों व जरूरतों को किस प्रकार मॉनिटर करना व निपटना है, के प्रयास जारी रखे। अनिल विज खुद मानतें है कि कोविड हो जाने पर जिस प्रकार वह भयंकर चपेट में आए, उनके फेफड़े उससे बुरी तरह प्रभावित हुए। लोगों की दुआओं व ऊपर वाले के आशीर्वाद ने उन्हें जनता की सेवा करने के लिए सुरक्षित रख एक मौका दिया।

जैसे ही कुछ ठीक हुए, अनिल विज ऑक्सीजन के सहारे हरियाणा सचिवालय आने लगे। अम्बाला में टी पॉइंट जो उनका 35 साल से पुराना ठिकाना है, वहां भी आवागमन शुरू कर अपने साथियों व जनता में जोश भरने का काम किया। टेस्टिंग से लेकर कोविड वैक्सीन व ऑक्सीजन के डिस्ट्रीब्यूशन पर अनिल विज ने सीधी नजर रखी। स्वास्थ्य विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा की भूमिका भी कंधे के साथ कंधा मिला कर चलने की रही।

हरियाणा को ‘बैस्ट स्टेट इन हेल्थ’ का स्कॉच अवार्ड भी मिला। इसके साथ ही बतौर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को देश के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य मंत्री का खिताब मिला। यह अवार्ड प्रदेश तथा जिला स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक उत्कृष्ट शुरूआत करने के लिए दिया गया। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा व उनकी टीम ने इन स्कॉच पुरस्कारों के प्रशस्ति पत्र स्वास्थ्य मंत्री को भेंट किए। उन्होंने कहा कि स्कॉच नामक निजी संस्था द्वारा देशभर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर अनुसंधान एवं मूल्याकन किया गया, जिसमें पाया गया कि हरियाणा ने देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है। इनमें कर्नाटक दूसरे स्थान पर रहा है।

स्कॉच के अनुसार विज के नेतृत्व में हरियाणा के सभी क्षेत्रों में राज्य की मशीनरी ने एकजुट हो कर काम किया, जिसके परिणामस्वरूप इस महामारी के दौर में भी हरियाणा सरकार ने प्रदेश के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं।

केंद्र में भी बढ़ रहा अनिल विज का राजनीतिक कद
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज पिछले 12 महीनों से प्रो एक्टिव राजनीतिक बैटिंग कर रहे हैं। जिससे उनका राजनीतिक कद केवल हरियाणा में ही नहीं, बल्कि केंद्र की राजनीति में भी बढ़ रहा है। विज के अब बयान पूर्णतया पार्टी लाइन पर आते हैं। सरकार व पार्टी में पहले की तरह विरोधाभास की राजनीति से दूर विज ने एकाएक जो नए अंदाज की राजनीति की है, उससे उनको जानने वाले भी हैरान हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर अम्बाला के डोमेस्टिक एयरपोर्ट को स्वीकृति दिलवाना विज की उपलब्धियों में शामिल है।

विज ने जिस प्रकार पिछले समय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बेहतरीन तालमेल रखा है, उससे उन राजनीतिक लोगों की बोलती बंद हुई है, जो यह समझते थे विज व सीएम में 36 का आंकड़ा है। विज ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से उनके मतभेदों की खबरों पर प्रैक्टिकली विराम लगाया और दुष्यंत के घर चाय पी कर आए। हरियाणा भाजपा के नियुक्त प्रभारी विनोद तावड़े ने जिस अंदाज में अनिल विज की खुले मन से तारीफ की तथा उसके बाद उनके निवास स्थान पर अम्बाला कैंट गए।

योग गुरु स्वामी राम देव का अनिल विज के ऑफिस में आना व विज को अपना अभिन्न मित्र बताना कई राजनीतिक संकेत देते हैं। अनिल विज का राजनीति में अपना स्टाइल रहा है। दबंग, धाकड़ व ईमानदार छवि होने के कारण कोरोना काल में भी उन्होंने हरियाणा सचिवालय ने बने मंत्री कक्ष में सर्वाधिक उपस्थिति दर्ज करवाई। कोरोना की लड़ाई में सबसे अग्रिम पंक्ति में सक्रिय स्वास्थ्य, निकाय, गृह, मेडिकल, एजुकेशन विभाग के अधिकारियों से लगातार मीटिंगों का दौर जारी रखा और दिशा निर्देश दिए। जनता के प्रति जवाबदेह इन विभागों के समक्ष कोरोना काल के दो दौर शुरू होते ही लॉकडाउन में जबरदस्त चुनौतियां थी। कोरोना की एक भी टेस्टिंग लेब हरियाणा में नहीं थी, लेकिन आज टेस्टिंग में कोई कमी नहीं आई है।

यही स्थिति कोरोना की दूसरी लहर में बनी जब आक्सीजन की दिक्कत हुई तो विज ने कड़े प्रयास किए। सभी सरकारी व प्राइवेट हस्पतालों में आक्सीजन की पूरी सप्लाई की मॉनिटरिंग के साथ भविष्य में दिक्कत न हो उन्होंने सभी हस्पतालों के लिए आक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने अनिवार्य किए। मनमाने दाम वसूलने वाले हस्पतालों पर शिकंजा कसा व सरकार द्वारा बनाये रेट्स से ज्यादा वसूली पर एक्शन में नजर आए।

 

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Content Writer

Shivam

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