आशंका: कहीं श्मशान घाट के नजदीक वाली कॉलोनियों में न फैल जाए संक्रमण, लोगों ने की ये मांग
punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 12:11 PM (IST)
गुडग़ांव (ब्यूरो) : शहर के कोविड श्मशान घाट के आसपास की कालोनियों में शवों के हो रहे अंतिम संस्कार लोगों में डर है कि कहीं श्मशान घाट के नजीदीक वाली कालोनियों में संक्रमण ना फैल जाए। सबसे ज्यादा बुरा हाल तो रामबाग स्थित मदनपुरी श्मशान घाट का है। यहां की आधा दर्जन मलिन बस्तियों और बाजारों के हजारों लोग न खा पा रहे हैं और नहीं सो पा रहे हैं। इन इलाकों के लोगों को धुएं के साथ-साथ अजीब सी गंध आती है जिससे लोग परेशान है। ऐसा ही हाल शहर के अन्य कोविड श्मशान घाटों के आसपास की बस्तियों में रहने वाले लोगों का है। इन इलाकों के लोगों ने नगर निगम और प्रशासन से राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों की मांग है कि सबसे पहले श्मशान घाट के नजदीक वाली सभी कॉलोनियों रोजाना सेनीटाइज किया जाए।
प्रशासन द्वारा शहर के अंदर श्मशान घाटों पर किए जा रहे संस्कार पर रोक लगाकर शहर के बाहर अरावली पहाड़ी क्षेत्रों में कालोनी व सैक्टरों से दूर अस्थाई श्मशानघाट का निर्माण करके वहां संस्कार किए जाएं, जिससे बढ़ते संक्रमण के खतरे से बचा जाए और लोगों की समस्यों को भी दूर किया जा सके। रामामबाग श्मशान घाट को ही लीजिए, यहां के वीरनगर, अर्जुनगर, पटौदी चौक, भूतेश्वर मंदिर के आसपास की कॉलोनियों के निवासियों का रहना मुश्किल हो गया है। यह श्मशान घाट बड़ा है और यहां पर सर्वाधिक कोविड शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। अप्रैल के महीने में तो यहां सुबह से लेकर रात तक चिंताएं जलती रहती थीं। इसके अलावा एलपीसी पर आधारित मशीन से भी शवों का अंतिम संस्कार होता है जिसकी गंध और धुएं के कारण प्रदूषण के साथ-साथ बीमारियां भी बढ़ रही हैं। यही हाल सेक्टर-37, अतुल कटारिया चौक, झाड़सा रोड सहित आधा दर्जन श्मशान घाट घाटों का है।
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