भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ ठोस विकल्प तैयार करने पर एकजुट दिखे अशोक-अभय

punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2020 - 11:27 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): इनैलो के राष्ट्रीय महासचिव व विधायक अभय सिंह चौटाला की शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर से हुई मुलाकात को लेकर प्रदेश की सियासत गर्माने के साथ-साथ सियासी गलियारों में भी विभिन्न प्रकार की चर्चाएं चल उठी हैं। यूं तो अशोक तंवर के कांग्रेस अध्यक्ष रहते व कांग्रेस छोडऩे के बाद भी अभय सिंह की उनसे मुलाकातें होती रही हैं, मगर अब बिना चुनावी मौसम के ऐसे समय में अभय चौटाला की अशोक तंवर से मुलाकात इसलिए अहम हो जाती है, जब इनैलो नेता प्रदेश के विभिन्न नेताओं से मुलाकात करके उन्हें इनैलो में शामिल करने का न्यौता देने के साथ-साथ इनैलो में शामिल करने का अभियान चलाए हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में सियासत में फ्रीलांसर की भूमिका निभा रहे डा. अशोक तंवर ने फिलहाल इनैलो में शामिल होने की संभावना से तो इंकार किया है, मगर यह अवश्य कहा है कि यह मुलाकात प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ एक ठोस विपक्ष व विकल्प बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास कही जा सकती है।

गौरतलब है कि इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला इन दिनों पार्टी संगठन को मजबूत करने के इरादे से जहां विभिन्न दलों के नेताओं को इनैलो में शामिल करने की मुहिम शुरू किए हुए हैं, तो वहीं वे आगामी माह से प्रदेशव्यापी दौरा भी शुरू करने जा रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को अचानक प्रात: साढ़े 11 बजे चौटाला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. अशोक तंवर के निवास स्थान पर पहुंच गए और उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब 2 घंटे तक अकेले में चली इस मुलाकात दौरान क्या बातचीत हुई? इसका ब्यौरा तो नहीं मिला, मगर इस मुलाकात से प्रदेश की सियासत में हलचल जरूर पैदा हो गई है।

उल्लेखनीय है कि इन दिनों प्रदेश में सियासी पारा उबाल लिए हुए है। इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला व उनके बेटे व पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह अभी हाल में बसपा की पुरानी टीम को अपने पाले में कर चुके हंै, वहीं शुक्रवार को अभय सिंह ने डा. अशोक तंवर से मुलाकात की। इनैलो की रणनीति सोशल इंजीनियरिंग फार्मूले के तहत राज्य में दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की है। राज्य में दलित वोट बैंक अहम भूमिका में है और अशोक तंवर प्रदेश की राजनीति का बड़ा दलित चेहरा हैं। 

अभय चौटाला सुबह करीब साढ़े 11 बजे अशोक तंवर के निवास पर पहुंचे। इस दौरान तंवर व उनकी पत्नी अवंतिका तंवर ने उनका स्वागत किया। बाद में तंवर व अभय सिंह ने अकेले में 2 घंटे तक चर्चा की। सूत्रों के अनुसार बरौदा उपचुनाव के अलावा ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर दोनों नेताओं ने बातचीत की। बेशक अभय सिंह चौटाला अशोक तंवर को इनैलो में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं और तंवर ने अभी इस बारे में अपने पत्ते नहीं खोले हैं, मगर आने वाले दिनों में इन दोनों नेताओं की यह मुलाकात कोई न कोई सियासी गुल अवश्य खिला सकती है।

विधानसभा चुनाव में पसंद के उम्मीदवारों को दिया था समर्थन
उल्लेखनीय है कि तंवर इन दिनों फ्रीलांस राजनीति में व्यस्त हैं और वे किसी दल में नहीं हैं। वे लम्बे समय तक कांग्रेस में रहे। 2004 में एन.एस.यू.आई. से जुडऩे के बाद वे कांग्रेस की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 2009 में सिरसा से सांसद बने। 2014 में वे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने और 2019 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनकी जगह कुमारी सैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद अशोक तंवर ने कांग्रेस से किनारा कर लिया और चुनाव में अलग-अलग सीटों पर भाजपा व कांग्रेस के विरोध में प्रचार किया था, तो कुछ सीटों पर अपनी पसंद के उम्मीदवारों का समर्थन भी तंवर ने किया था, जिनमें ऐलनाबाद से चुनाव लड़े अभय चौटाला भी शामिल थे। 

चुनाव के बाद रैली के जरिए दिखाई थी ताकत
पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के कुछ माह बाद ही तंवर ने इसी साल 16 फरवरी को करनाल में अपने जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 'स्वाभिमान दिवस समारोह’ आयोजित करके अपनी सियासी ताकत का अहसास करवाया था। रोचक बात यह है कि अभी हाल में इनैलो में शामिल होने वाले बसपा के प्रदेश प्रभारी रहे नरेश सारन, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती भी उस समारोह में शामिल हुए थे और तंवर को अपना पूरा समर्थन देने का ऐलान किया था। 

करनाल में हुए इस समारोह में तंवर ने किसी भी सियासी दल में न जाने की बात कहते हुए आगामी तीन माह में एक नया राजनीतिक मंच बनाने की घोषणा की थी, हालांकि उसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते तंवर अधिकांश समय दिल्ली में रहे और फील्ड की राजनीति से दूर थे। अब लम्बे अंतराल के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र सिरसा में आने के बाद अशोक तंवर की अभय सिंह चौटाला से इस मुलाकात के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

मुलाकात के आएंगे सार्थक परिणाम: अभय चौटाला
इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने अशोक तंवर से आज हुई इस मुलाकात को दो राजनेताओं की एक सामान्य मुलाकात बताया और कहा कि चूंकि हम दोनों एक जिला से संबंध रखते हैं और हमारी दोनों की विचारधारा भी एक सामान है, ऐसे में हमने भाजपा व कांग्रेस दोनों के खिलाफ एक मजबूत विकल्प खड़ा करने को लेकर बातचीत की है और निश्चित तौर पर इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि हम दोनों के बीच प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई और बरौदा उपचुनाव को लेकर भी सांझा रणनीति बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। 
 

ठोस विकल्प व विपक्ष बनाने पर हुआ विचार: अशोक तंवर
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने इस मुलाकात को भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ एक ठोस विकल्प व विपक्ष तैयार करने की दिशा में सार्थक पहल बताते हुए कहा कि यूं तो हमारा आपस में मिलना कोई नई बात नहीं है, मगर सियासी तौर पर पहले राहें अलग-अलग थीं, मगर अब संयुक्त मोर्चा बनाया जा सकता है। डा. तंवर ने बताया कि उन दोनों के बीच बरौदा उपचुनाव में भाजपा व कांगे्रस दोनों को शिकस्त देने के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई और हमें लगता है कि हमारी सांझा रणनीति भाजपा व कांग्रेस दोनों पर भारी पड़ेगी। इनैलो में शामिल होने के सवाल पर तंवर ने कहा कि अभी ऐसा कुछ नहीं है।


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Shivam

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