अगर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो भाजपा अकेली खड़ी दिखेगी : धर्म सिंह

punjabkesari.in Friday, Feb 05, 2021 - 01:12 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : समालखा के विधायक धर्म सिंह छोक्कर उसी की गिनती नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेहद नजदीक की विधायकों की श्रेणी में शामिल है। 2019 में धर्म सिंह ने दूसरी बार समालखा से भाजपा के उम्मीदवार को भारी मतों से हराया। क्षेत्र में धर्म सिंह की बहुत मजबूत पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2019 के चुनाव में मिली उन्हें जीत कांग्रेस की टिकट के कारण नहीं बल्कि उनकी अपनी छवि के कारण मिली बताई जाती है। गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र समालखा के विधायक धर्म सिंह से पंजाब केसरी ने विशेष मुलाकात की। जिस के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : विधायक दल की मीटिंग में क्या फैसले लिए गए ?
उत्तर :
विधायक दल की मीटिंग चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। उसमें किसान आंदोलन और आगामी बजट सत्र के बारे में बातचीत की गई और आगामी रणनीति तैयार की गई है। जैसे गवर्नर से मिलने का हमने समय मांगा है। अगर समय मिला तो हम सभी विधायक मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगे।

प्रश्न : अविश्वास प्रस्ताव को लेकर क्या तैयारियां हैं?
उत्तर : 
हम सभी 30 विधायकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है और उसके लिए लिखा गया है। मुझे उम्मीद है कि अविश्वास प्रस्ताव का मौका जरूर मिलेगा।

प्रश्न : सत्ता पक्ष का दावा है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है तो अविश्वास प्रस्ताव का आधार क्या है ?
उत्तर : 
सत्ता पक्ष के लोगों में चाहे जेजेपी के विधायक हों, खुद बीजेपी के हों या बहुत से निर्दलीय विधायक हों। इस आंदोलन के मद्देनजर बहुत से विधायकों ने सुर बदले हैं। बहुत से विधायकों ने चेयरमैनशिप से इस्तीफे दिए हैं। अंबाला के विधायक असीम गोयल ने विधानसभा के सामने किसानों के पक्ष में धरना दिया। मुझे लगता है कि अगर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो भारतीय जनता पार्टी अकेली खड़ी दिखेगी। क्योंकि निर्दलीय और जेजेपी के विधायक तो इनसे किनारा करेंगे ही, साथ ही बहुत से बीजेपी के विधायक भी किसानों पर हो रहे अत्याचार के चलते इन से नाराज हैं। किसान के साथ धोखा हुआ है। जो कि किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान अपनी मेहनत से, अपनी बलबूते पर अपनी रणनीति से आंदोलन को चला रहे हैं। 26 जनवरी के घटनाक्रम की हम घोर निंदा करते हैं। किसान जागरूक हो चुका है। जिसकी आवाज को दबाया नहीं जा सकेगा।

प्रश्न : टिकैत के जींद दौरे को राजनीतिक लिहाज से कैसे देखते हैं ?
उत्तर :
किसान आंदोलन पर राजनीति कोई नहीं करता। भारतीय जनता पार्टी कहती रही कि कांग्रेस समर्थन कर रही है। ठीक है हम समर्थन में हैं। हमारे बड़े नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शैलजा जी ने सभी निर्देश दिए हैं और हम साथ तो जरूर दे रहे हैं। लेकिन किसान अपने तरीके से आंदोलन कर रहे हैं।

प्रश्न : बजट सत्र में कौन से मुद्दे आप उठाने वाले हैं?
उत्तर : 
बहुत मुद्दे हैं। बेरोजगारी, किसान आंदोलन, लॉ एंड ऑर्डर जैसे अनगिनत मुद्दे हैं। इस बार का बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण होगा। इसमें किसानों के बिलों की बात आएगी। जिस प्रकार से सरकार के मंत्रियों को झंडा फहराने के लिए जगह बदलनी पड़ी, इससे यह तय है कि सरकार को डर है। आज हरियाणा की ही नहीं पूरे हिंदुस्तान की जनता किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। सभी पार्टियां भी उन्हें सपोर्ट कर रही हैं। आज केवल कंडेला ही नहीं पूरे हिंदुस्तान के कोने कोने से किसान आए हुए हैं। हजारों की तादाद में कनडेला में किसानों के पक्ष में इकट्ठा हुए।

प्रश्न : समालखा के कौन-कौन से मुद्दे बजट सत्र में उठने वाले हैं ?
उत्तर : 
मैंने कई क्वेश्चंस लगाए हैं। कई काला टेंशन मोशन भी लगाई हैं। जैसे हमारा यमुना एक्सप्रेस हाईवे के डिमांड बहुत दिनों से चल रही है। यमुना के साथ-साथ जिसे खादर क्षेत्र बोलते हैं। जिसकी गिरदावरी और कब्जे लोगों के पास हैं। लेकिन रजिस्ट्री न होने के कारण किसान लोन नहीं ले सकता। जहां यमुना के साथ 20 फुट पानी है, सरकार ने उस क्षेत्र को भी डार्क जोन में घोषित कर दिया। इसके खिलाफ भी मैंने पिछले सत्र में भी आवाज उठाई थी। शुगर मिल से जुड़े भी कई मुद्दे हैं। क्योंकि हमारे क्षेत्र में गन्ना का काफी उत्पादन किया जाता है।इसके साथ-साथ पानी का मुद्दा है। बिजली का मुद्दा है। किसानों को कनेक्शन न देने का मुद्दा है। इन सभी बातों को हम अपनी तैयारियों के साथ रखेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे। ताकि किसानों के हित और जनता के हित में काम हो सके।


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Content Writer

Manisha rana

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