बरोदा उपचुनाव: गठबंधन की टिकट को लेकर बढ़ने लगा सस्पेंस, आधा दर्जन दावेदारों ने ठोकी ताल

punjabkesari.in Friday, Aug 21, 2020 - 03:35 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): प्रतिष्ठा का सवाल बन चुके बरोदा विधानसभा उपचुनाव के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की टिकट को लेकर सस्पेंस गहराता जा रहा है।दोनों ही पार्टियों के आधा दर्जन मजबूत दावेदारों ने टिकट हासिल करने के लिए शक्ति प्रदर्शन भी आरंभ कर दिया है। अभी बीजेपी और जेजेपी दोनों ही पार्टियों के नेता गठबंधन के प्रत्याशी का नाम लेकर टिकट हासिल करने वाली पार्टी के नाम को डिस्क्लोज करने से बच रहे हैं लेकिन दोनों ही पार्टियों मैं बढ़ती जा रही सक्रियता से दावेदार भी चौंकाने हो गए हैं और शक्ति प्रदर्शन के जरिए टिकट हासिल करने के हर मुमकिन प्रयास में जुट गए हैं।

करनाल के सांसद संजय भाटिया की अगुवाई में चुनाव प्रभारी कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बरोदा हलके में गठबंधन को जीत दिलाने के लिए रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। जेजेपी की तरफ से अजय चौटाला और दिग्विजय चौटाला लगातार दौरे करके माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियों के दावेदार नेता खुद को टिकट मिलने की बात समर्थकों से कह रहे हैं लेकिन अभी तक यह तय नहीं है कि उपचुनाव की टिकट बीजेपी के खाते में जाएगी या जेजेपी का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा।

बरोदा में जीत का चक्रव्यूह रच रही भाजपा के लिए प्रत्याशी का चयन टेढ़ी खीर हो गई है। भाजपा के लिए टिकट के दावेदारों में पिछले प्रत्याशी योगेश्वर दत्त और कपूर सिंह नरवाल टिकट हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं और अपने आकाओं के दरवाजों पर दस्तक दे रहे हैं।
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योगेश्वर को टिकट मिलने का पूरा भरोसा
2019 के विधानसभा चुनाव में डीएसपी की नौकरी छोड़कर भाजपा के टिकट पर बरोदा से चुनाव लड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त उपचुनाव में अपनी टिकट पक्की मानकर चल रहे हैं।योगेश्वर दत्त उसी के हिसाब से चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। योगेश्वर दत्त को लग रहा है कि उनकी टिकट फाइनल हो चुकी है और इस बार जीत का परचम फहरा कर रहेंगे। सांसद संजय भाटिया के साथ लगातार काम करते हुए योगेश्वर दत्त हलके में विकास कार्यों को युद्ध स्तर पर करवा रहे हैं।
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कपूर नरवाल कर रहे चुनाव की तैयारी
बरोदा विधानसभा हलके में व्यक्तिगत मजबूत जनाधार रखने वाले डॉ कपूर सिंह नरवाल भी टिकट की पूरी उम्मीद लेकर चल रहे हैं। गांव के दौरों के दौरान डॉ नरवाल हर जगह हर हाल में चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। कपूर सिंह नरवाल 2009 और 2014 में इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 में वे 45000 वोट लेकर भी हार गए थे। डॉक्टर नरवाल को लगता है कि भाजपा को अगर चुनाव जीतना है तो उन्हीं को टिकट देनी पड़ेगी। भाजपा के एक और युवा नेता अनूप कुंडू भी टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं वह फील्ड में लगातार सक्रिय रहते हुए भाजपा नेताओं से नए चेहरे को आजमाने का आग्रह कर रहे हैं।

जेजेपी में दोहरी दावेदारी
भाजपा की तरह जननायक जनता पार्टी भी बरोदा उपचुनाव में टिकट हासिल करने के लिए दावा ठोक रही है जेजेपी के टिकट के लिए जेजेपी राष्ट्रीय महासचिव डॉ केसी बांगड़ और पूर्व प्रत्याशी भूपेंद्र मलिक दोहरी दावेदारी ठोक रहे हैं।
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केसी बांगड़ की दावेदारी ने सबको चौंकाया
बीमारी के चलते डॉक्टर केसी बांगड़ विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ पाए थे और भूपेंद्र मलिक को कांग्रेस में से जेजेपी में वही लेकर आए थे। केसी बांगड़ का गांव कोहला बरोदा हलके में ही पड़ता है। डॉक्टर बांगड़ ने भूपेंद्र मलिक को 32000 वोट मिलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के दाएं हाथ कहे जाने वाले डॉक्टर केसी बांगड़ गठबंधन के टिकट पर बड़ी जीत दिलाने का दावा करते हैं। इलाके का जाना माना चेहरा होने के अलावा देवीलाल परिवार के वोट बैंक में मजबूत पैठ होने के कारण डॉक्टर केसी बांगड़ टिकट हासिल होने की उम्मीद रखते हैं।डॉक्टर केसी बांगड़ की मजबूत दावेदारी ने सबको चौंका दिया है। चौटाला परिवार के लिए उनकी दावेदारी को अनदेखा करना आसान नहीं होगा।
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भूपेंद्र मलिक ने फिर ठोकी ताल
पिछले विधानसभा चुनाव में 32000 वोट हासिल करके सबको चौंकाने वाले भूपेंद्र मलिक विधानसभा उपचुनाव में भी टिकट की मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। भूपेंद्र मलिक का कहना है कि अगर उन्हें टिकट दी गई तो बीजेपी के वोटबैंक के साथ मिलकर हुए पक्की जीत हासिल करेंगे। उनका कहना है कि बीजेपी और जे जे पी के मिलकर 70000 वोट मिलते हैं जो कांग्रेस से लगभग 30000 वोट ज्यादा है। इन्हीं वोटों के बलबूते पर भूवेंद्र मलिक टिकट हासिल करने की आशा कर रहे हैं। जेजेपी वरिष्ठ नेता अजय चौटाला और जेजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला के लगातार बरोदा हलके के दौरे यह इशारा कर रहे हैं कि अंदर खाते कोई न कोई बड़ी खिचड़ी पक रही है। उपचुनाव के लिए जेजेपी नेताओं की उम्मीद से ज्यादा सक्रियता यह इशारा कर रही है कि जेजेपी उप चुनाव के टिकट के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है।

पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के गढ़ को जीतने के लिए बीजेपी जेजेपी गठबंधन को सबसे मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारना होगा। आधा दर्जन टिकट के दावेदारों में से गठबंधन सबसे मजबूत प्रत्याशी को तलाश रहा है। अब देखना यह है कि भाजपा सत्ता में बड़ी हिस्सेदार होने के कारण खुद के चेहरे को चुनाव में उतारेगी या जेजेपी का प्रत्याशी उधार लेकर चुनावी दंगल में ताल ठोकेगी।दोनों ही पार्टियों के आधा दर्जन दावेदारों ने पार्टी हाईकमान पर प्रेशर बढ़ाने का काम कर दिया है। अब देखना यह है कि गठबंधन किस चेहरे पर दांव लगाने का काम करता है।


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Isha

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