सावधान: खो रही है आपके आंखों की चमक, नेत्र जागरूकता की कमी से बढ़ रहे अंधता के मरीज

punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 08:56 AM (IST)

गुडग़ांव (ब्यूरो) : नेत्र जागरूकता के अभाव व आंखों की देखभाल की कमी से अंधेपन व दृष्टि दोष के मामलों में इजाफा हो रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक देश में 20 फीसदी से अधिक नेत्रहीनों की संख्या है। जो लगभग दुनिया से अंधता प्रतिशत का 21.6 लाख है। खास बात ये है कि इसमें 80 फीसदी रोगों का उपचार किया जा सकता हैं। लेकिन समय से उपचार नही कराने पर अधिकतर लोगों में दृष्टिदोष से पीड़ित होना पड़ रहा है।

इस बारें में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ निरामया नेत्र संस्थान के चेयरमैन डा. टीएन आहूजा ने बताया नेत्र जागरूकता की कमी से लोगों में आंखों के संक्रमण व बीमारियों का खतरा बढ़ा है। उन्होने बताया 2004 से लेकर अब तक उन्के द्वारा 6 लाख से अधिक मरीजों की नेत्र जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया नेत्र रोगों में प्रमुख रूप से मोतियाबिंद, चश्मे की जरूरत, कार्निया ट्रांसप्लांट व मधुमेह रक्तचाप से ग्रसित रेटिनोपैथी के 20 फीसदी मरीजों का उपचार किया जा सकता है।

डॉ. अहूजा के मुताबिक कई बीमारियां है जिनका उपचार तो किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह से साध्य नही है। उसमें मुख्य रूप से ग्लूकोमा (काला मोतिया) उम्र से संबंधित नेत्र समस्या, डी जनरेशन, रेटिनाइटिस जैसी प्रमुख बीमारियां है। ज्ञात हो कि निरामया चेरीटेबल ट्रस्ट महिंद्रा फाउंडेशन,  तेज कोहली, सेंटिस इंडिया फाउंडेशन सहित कई अन्य सामाजिक संस्थानों के साथ 2004 से अंधेपन के खिलाफ कार्य कर रहा है। निरामया चैरिटेबल ट्रस्ट वर्तमान में दक्षिण हरियाणा के 3 जिलों में नियमित रूप से नेत्र शिविर आयोजित कर रहा है। जिसमें नेत्र जांच, दवाइयां व नि:शुल्क चश्मे उपलब्ध कराए जाते हैं।  मुहिम के लिए मौजूदा सुविधाएंत्न 20 लाख से अधिक आबादी के लिए संस्थान की ओर से कई प्रमुख सुविधाएं व पहल की गई है। जिसमें मोबाइल आई केयर यूनिट, निशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन, जिले का पहला आई बैंक, जरूरतमंदों को चश्मा सहित गरीब मरीजों का निशुल्क इलाज प्रमुख रूप से है।

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Content Writer

Manisha rana

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