सीएम की प्री बजट बैठक से गायब रहे बड़े उद्योगपति
punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2020 - 12:34 PM (IST)
फरीदाबाद(महावीर गोयल): हरियाणा के बजट से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल पूरे प्रदेश में विभिन्न वर्गों की राय जानने के लिए प्री-बजट बैठकें कर रहे हैं। ऐसी ही एक बैठक बीती सायं आयोजित हुई जोकि लगभग 3 घंटे चली। इस बैठक में फरीदाबाद जिले के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रधान शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री की इस प्री-बजट बैठक में उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि उक्त औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि इसे एक इत्तेफाक कह कर मामला पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हकीकत किसी से छिपी नहीं है।
इतना ही नहीं विधायक व मंत्री भी उक्त बैठक में उद्योगों के इन बड़े चेहरों को ढूंढते नजर आए क्योंकि जो चेहरे प्रतिनिधित्व करने के लिए बैठक में शामिल हुए थे, उन्हें अधिकतर लोग जानते ही नहीं थे। मुख्यमंत्री की फरीदाबाद में आयोजित हुई प्री-बजट बैठक में जहां गुरुग्राम और मानसेर के कुछ उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया वहीं फरीदाबाद जिले के कुछ उद्योगपति भी शामिल हुए। जिले के सबसे बड़े औद्योगिक संगठन फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बीआर भाटिया, फरीदाबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान एचके बतरा, आईएमटी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान वीरभान शर्मा, डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसो. के प्रधान जेपी मल्होत्रा और फरीदाबाद का औद्योगिक चेहरा माने जाने वाले केसी लखानी, नवदीप चावला, नरेंद्र अग्रवाल, सजन जैन और विजय अग्रवाल जैसे चेहरे भी बैठक से नदारद थे।
हालांकि अपनी अनुपस्थिति को लेकर उक्त सभी उद्योगपति बात पर पर्दा डालते नजर आए लेकिन वास्तविकता यह है कि उक्त उद्योगपतियों को प्रशासन की ओर से आमंत्रित ही नहीं किया गया। औद्योगिक संगठनों के ये प्रतिनिधि संपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देते हैं। ऐसे में इनकी अनुपस्थिति में हुई प्री-बजट चर्चा के उद्योगपति कई मायने निकाल रहे हैं। इसके अलावा जहां उद्योगपतियों को इस सारे मामले में राजनीतिक पक्षपात की बू नजर आ रही है। वहीं कुछ उद्योगपतियों को इस प्री- बजट बैठक में शामिल न किए जाने का मलाल भी है। हैरानी की बात यह है कि इन कई चेहरों मुख्यमंत्री के काफी नजदीक हैं। सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी से पता चला है कि प्रशासन द्वारा औद्योगिक संगठनों को किए गए फोन में प्री-बजट बैठक में शामिल होने के लिए स्पीकर भेजने के लिए कहा गया था।
औद्योगिक संगठनों के प्रधान की उपस्थिति को लेकर कोई निमंत्रण नहीं दिया गया। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा फोन से दिए गए निमंत्रण में यह भी कहा गया कि बैठने का स्थान अधिक नहीं है इसलिए एक स्पीकर को ही भेजा जाए। जबकि प्री-बजट बैठक में अनेक कुर्सियां अधिकारियों द्वारा घेरी हुई थीं। ऐसे में उद्योगपतियों को यह भी मलाल है कि यदि प्री-बजट औद्योगिक बैठक में उद्योगपति ही खुलकर पक्ष नहीं रखेंगे तो फिर इस बैठक के मायने क्या हैं।